मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मज़बूत करने के लिए काम करेंगे. येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद दिया.
बेंगलुरु: सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में दो साल ेका कार्यकाल पूरा करने के साथ ही बीएस येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
येदियुरप्पा ने राजभवन में राज्यपाल थावरचंद गहलोत को इस्तीफा सौंपा. उन्होंने बताया कि उनका त्याग-पत्र स्वीकार कर लिया गया है.
इससे कुछ ही घंटों पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 78 वर्षीय नेता ने कहा था कि वह मध्याह्न भोजन के बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे.
येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए एवं रुंधे गले से कहा था, ‘मेरी बात को अन्यथा मत लीजिएगा, आपकी अनुमति से मैंने फैसला किया है कि मैं मध्याह्न भोजन के बाद राजभवन जाऊंगा और मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपूंगा.’
उन्होंने कहा था, ‘मैं दुखी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं.’
येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद किया.
बता दें कि भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. येदियुरप्पा ने यहां विधान सौध में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही.
येदियुरप्पा ने भाषण के दौरान कहा कि उन्होंने दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं.
हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि मुख्यमंत्री के रूप में येदियुरप्पा की जगह कौन लेगा.
बता दें कि राज्य में आगामी चुनाव साल 2023 में होंगे. इससे पहले साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 224 सदस्यों वाले विधानसभा में सामान्य बहुमत हासिल कर पाने में विफल रही थी, जिसके कारण कांग्रेस और जेडीएस ने साथ आकर सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे.
हालांकि, एक साल बाद ही जुलाई, 2019 में कुछ कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के कारण वह सरकार गिर गई. इसके तुरंत बाद ये विधायक भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में लड़कर येदियुरप्पा सरकार में इन्हें जगह मिल गई.
रिपोर्ट के अनुसार, लीक डेटा के आधार पर की गई द वायर की हालिया वैश्विक जांच में कुमारस्वामी सरकार के गिरने के दौरान कांग्रेस और जेडीएस नेताओं की पेगासस स्वायवेयर से संभावित निगरानी के संकेत मिले हैं.
दुनियाभर में पेगासस की बिक्री करने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का कहना है कि इसके ग्राहक ‘प्रमाणित सरकारों’ तक सीमित हैं सैन्य क्षमता वाला स्पायवेयर केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है.
वहीं, अभी तक मोदी सरकार ने इस स्पायवेयर के इस्तेमाल पर चुप्पी साध रखी है.
येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी के चयन की कवायद शुरू, शाह और नड्डा ने की बैठक
बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से सोमवार को इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी के चयन को लेकर भाजपा ने अपनी कवायद आरंभ कर दी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस सिलसिले में सोमवार को संसद भवन परिसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बैठक की और इस मुद्दे पर आरंभिक चर्चा की.
सूत्रों का कहना है कि आज शाम तक भाजपा अपने दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम तय कर लेगी. दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक बेंगलुरु जाएंगे और वहां विधायक दल की बैठक में शिरकत करेंगे जहां नए नेता का नाम तय किया जाएगा.
येदियुरप्पा कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं. ऐसी चर्चा है कि लिंगायत समुदाय के ही किसी प्रभावशाली नेता को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने पर भाजपा में विचार चल रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, लिंगायत समुदाय से तीन नामों पर चर्चा चल रही है. ये नाम मौजूदा गृह मंत्री बसवराय बोम्मई, मौजूद खनन मंत्री मुरुगेश निरानी और दो बार के विधायक अरविंद बेलार्ड के हैं.
वहीं, वोक्कालिका समुदाय से दो नाम सीटी रवि और सीए अश्वंथ नारायण हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे नामों में मोदी सरकार में मंत्री प्रह्लाद जोशी और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष भी हैं, जो कि ब्राह्मण हैं.
येदियुरप्पा बने ‘मोदी के ताजा शिकार’, ‘जबरन सेवानिवृत्ति क्लब’ में शामिल किए गए: कांग्रेस
नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘जबरन सेवानिवृत्ति क्लब’ में शामिल किए गए येदियुरप्पा प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबसे ताजा शिकार’ हैं.
पार्टी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि चेहरा बदलने से कर्नाटक में भाजपा का ‘भ्रष्ट चरित्र’ नहीं बदलने वाला है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सिर्फ चेहरा बदलने से भाजपा का भ्रष्ट चरित्र नहीं बदलने वाला है. सच्चाई यह है कि मोदी जी आदततन वरिष्ठ भाजपा नेताओं को अपमानित करते हैं और उन्हें इतिहास के कूड़ेदान में डाल देते हैं.’
सुरजेवाला ने दावा किया, ‘मोदी जी का रिकॉर्ड है कि उन्होंने आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी जी, केशूभाई पटेल जी, शांता कुमार जी, यशवंत सिन्हा जी और कई अन्य लोगों की जबरन सेवानिवृत्ति करवाई. मोदी जी के शिकार भाजपा नेताओं में सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, उमा भारती, सीपी ठाकुर , एके पटेल, हरेन पांड्या, हरीन पाठक और कल्याण सिंह भी हैं. इनमें सबसे ताजा नाम हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद और सुशील मोदी का है.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘इस्तीफा देने के लिए आदेश देकर मोदी जी द्वारा येदियुरप्पा को अपमानित किया गया है. वह मोदी जी के सबसे ताजा शिकार हैं और ‘जबरन सेवानिवृत्ति क्लब’ के सदस्य बने हैं. हम जानते हैं कि अब भाजपा के विधायक नहीं, बल्कि दिल्ली का अधिनायकवाद मुख्यमंत्री का फैसला करता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)