ज़मीन सौदा: अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों, भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ महंत ने शिकायत दर्ज कराई

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय आदि के ख़िलाफ़ शिकायत की है. आरोप लगाया कि दीप नारायण ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर ज़मीन 20 लाख रुपये में ख़रीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया.

(फोटो: पीटीआई)

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय आदि के ख़िलाफ़ शिकायत की है. आरोप लगाया कि दीप नारायण ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर ज़मीन 20 लाख रुपये में ख़रीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया.

(फोटो: पीटीआई)

अयोध्या: अयोध्या के एक महंत ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, एक भाजपा विधायक, स्थानीय महापौर के भतीजे और एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ सरकारी जमीन खरीदने में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित धन का दुरुपयोग कर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की.

पत्रकारों को दिए एक वीडियो बयान में उन्होंने मांग की कि मंदिर को चलाने की जिम्मेदारी अयोध्या के संतों को दी जाए.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को देश चलाना चाहिए, मंदिर नहीं.

पुलिस के अनुसार, ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा, दास ने गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय और फैजाबाद के उप-रजिस्ट्रार एसबी सिंह के खिलाफ शिकायत की है.

दास ने आरोप लगाया कि दीप नारायण उपाध्याय ने फरवरी में महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया. जमीन का सर्किल रेट करीब 35 लाख रुपये है.

उन्होंने शिकायत में कहा कि गोसाईगंज के भाजपा विधायक और ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा मंदिर ट्रस्ट के साथ हुए जमीन सौदे के गवाह हैं.

संपर्क करने पर ट्रस्ट के सदस्यों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

हालांकि, यहां ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अगर नजूल (सरकारी) की जमीन का सौदा हुआ है तो दास को सरकारी अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा कि पुलिस के पास जाने का क्या मतलब है. उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने जमीन खरीदी और राशि का भुगतान किया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 2 जुलाई को ट्रस्ट ने दावा किया था कि विशेषज्ञों की एक टीम, जिन्होंने भूमि सौदों से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच की थी, को अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला.

ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने संवाददाताओं से कहा कि वे किसी भी मीडिया ट्रायल में नहीं फंसेगे. उन्होंने कहा कि भूमि खरीद से संबंधित सभी दस्तावेज पूर्ण पारदर्शिता और ईमानदारी को दिखाते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, धर्म दास दिवंगत महंत राम अभिराम दास के शिष्य हैं, जो राम मंदिर आंदोलन से करीब से जुड़े थे. वह राम मंदिर आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे और बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मुकदमे में हिंदू पक्ष के मुख्य वादियों में से एक थे.

बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और सपा सरकार में मंत्री रहे तथा अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण ‘पवन’ पांडेय ने राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से बीते 18 मार्च को दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी.

इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताते हुए पवन पांडेय और संजय सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (एसबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मामले की जांच कराने की मांग की थी.

हालांकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने जमीन खरीद में कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी मामले में बाद में खुद को ही क्लीन चिट दे दी थी.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भारत सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद स्थल पर इसके निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद स्थापित 15 सदस्यीय ट्रस्ट है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी 2020 को लोकसभा में इस ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी. ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से 12 सरकार द्वारा नामित किए गए थे, जबकि पहली बैठक के दौरान तीन अन्य सदस्यों को चुना गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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