हरियाणा के करनाल शहर में भाजपा की बैठक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने शनिवार को लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. एसडीएम आयुष सिन्हा एक वायरल वीडियो में पुलिसकर्मियों से कह रहे हैं कि हम सुरक्षा घेरा तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे. मेरे पास एक भी बंदा नहीं आना चाहिए, अगर आए तो सिर फूटा हुआ होना चाहिए उसका. संयुक्त किसान मोर्चा ने सिन्हा के निलंबन की मांग की है.
चंडीगढ़: हरियाणा में शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद करनाल के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों की पिटाई के निर्देश देते दिखाई दे रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो में करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा को सुरक्षा घेरा तोड़ने वालों के सिर फोड़ने का पुलिसकर्मियों को निर्देश देते सुना जा सकता है.
वीडियो में हरियाणा के 2018 बैच के आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा पुलिसकर्मियों को कह रहे हैं, ‘उठा उठाके मारना पीछे सबको. हम सुरक्षा घेरा तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे. हमारे पास पर्याप्त सुरक्षाबल है. हम दो दिनों से सोए नहीं हैं, लेकिन आप कुछ नींद लेने के बाद यहां आए हो. मेरे पास एक भी बंदा निकल कर नहीं आना चाहिए. अगर आए तो सिर फूटा हुआ होना चाहिए उसका. समझ गए आप.’
To
Punjab & Haryana High Court.
Supreme Court of India.Please take suo moto action;
Video of Karnal’s SDM Ayush Sinha repeatedly ordering Police to a murderous assault by breaking heads of agitating #Farmers.
Book for attempt to murder & dismiss from service. @barandbench pic.twitter.com/jhBeCNDA3W
— Ajay Vir Jakhar (@Ajayvirjakhar) August 28, 2021
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सिन्हा के निलंबन की मांग की है.
वहीं, राज्य सरकार के अधिकारियों ने सिन्हा के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन कुछ ने उनका बचाव करते हुए कहा कि सिन्हा ने कुछ भी गलत नहीं कहा और वह इस दबाव के समय में अपना कर्तव्य निभा रहे थे.
करनाल में एसडीएम पद पर तैनात सिन्हा को होटल प्रेम प्लाजा के पास कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात किया गया था.
मालूम हो कि इसी स्थान पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के राज्य अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ सहित भाजपा नेता आगामी पंचायत चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति को लेकर बैठक कर रहे थे.
करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा ने संडे एक्सप्रेस को बताया, ‘विरोध प्रदर्शन स्थल और जिस स्थान पर भाजपा नेताओं की बैठक हो रही थी, इन दोनों स्थानों के बीच मुख्य रूप से तीन चेक-पोस्ट थे. मुझे बैठक स्थल से पहले तीसरे और अंतिम चेक-पोस्ट पर तैनात किया गया था. अगर कोई असामाजिक तत्व वहां पहुंचता तो इसका मतलब है कि वह इससे पहले के दो चेक-पोस्ट तोड़ चुका है. तीसरा नाका बैठक स्थल के बहुत करीब था, जिसके टूटने से तोड़फोड़ की अधिक आशंका थी. कुछ असामाजिक तत्व इन प्रदर्शनकारी समूहों का हिस्सा थे. यह सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक हो सकता था.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए इन बातों को ध्यान में रखते हुए मैं सुरक्षाबलों को अपनी लोकेशन के बारे में बता रहा था. मैं उन्हें प्रक्रिया के बारे में बता रहा था. मैंने उन्हें बताया कि हम प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देंगे, जिसके बाद वॉटर कैनन, आंसू गैस के गोले दागने और फिर जरूरत पड़ने पर लाठीचार्ज का इस्तेमाल करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उससे छेड़छाड़ की गई है, क्योंकि लाठीचार्ज के बारे में केवल चुनिंदा हिस्सा ही सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. मेरी ब्रीफिंग का केवल चुनिंदा हिस्सा ही लीक किया गया.’
करनाल एसडीएम ने कहा, ‘लाठीचार्ज बस्तारा टॉल प्लाजा में हुई, जहां मैं तैनात नहीं था. वहां कोई और एसडीएम तैनात था. मैं घटनास्थल से 10 से 15 किलोमीटर दूर तैनात था. मेरे नाका में कुछ भी नहीं हुआ. मैंने जिन पुलिसकर्मियों को ब्रीफ किया था, उन्होंने कुछ नहीं किया. वहां कोई प्रदर्शनकारी नहीं पहुंचे और मेरे नाका में कुछ नहीं हुआ.’
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी सिन्हा से बात की है और फिलहाल उनके जवाब को संतोषजनक माना है.
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने रविवार को करनाल के एक अस्पताल में जाकर कुछ घायल किसानों से मुलाकात की और पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की निंदा की.
टिकैत ने कहा कि करनाल में किसानों पर हमला करने का षड्यंत्र ‘ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आदेशों से स्पष्ट था, जो पुलिस को किसानों का सिर फोड़ने और उन पर लाठियां बरसाने का आदेश दे रहे हैं.’
टिकैत ने कहा, ‘सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए लाठियों का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन वह गलतफहमी में है.’
बता दें कि शनिवार को हरियाणा के करनाल में भाजपा की बैठक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें करीब दस लोग घायल हो गए थे.
किसानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस की आलोचना की गई और विरोध में कई स्थानों पर सड़कों को जाम किया गया. इस घटना के बाद करनाल में तनाव व्याप्त हो गया है.