उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित बाघंबरी मठ में सोमवार शाम महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटका हुआ मिला. पुलिस को मौके से सात पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें महंत ने अपने शिष्य आनंद गिरि के अलावा दो अन्य लोगों को अपनी मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस ने सवाल उठाया कि महंत ने आत्महत्या की या उनकी सुनियोजित हत्या हुई है, वहीं आम आदमी पार्टी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
इलाहाबाद/लखनऊ/नई दिल्ली: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित अपने बाघंबरी मठ में बीते सोमवार की शाम मृत पाए गए.
पुलिस महानिरीक्षक (इलाहाबाद रेंज) केपी सिंह ने बाघंबरी मठ में संवाददाताओं को बताया कि शाम को पुलिस के पास फोन आया कि महाराज जी (महंत नरेंद्र गिरि) पंखे से फांसी के फंदे पर लटक गए हैं.
महंत के शिष्यों के मुताबिक, घटना के समय दरवाजा भीतर से बंद था और उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से उतारकर जमीन पर लिटाया.
सिंह ने बताया कि पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो महंत की मृत्यु हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला नजर आता है तथा घटनास्थल से सात-आठ पेज का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें महंत ने अपने आश्रम के बारे में क्या करना है. एक तरह से वसीयतनामा लिखा है.
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे.
सिंह ने कहा, ‘अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का निधन बहुत दुखद है. हम आगे की विवेचना कर रहे हैं. महंत जी दिन में जिस गेस्ट हाउस में रहते थे, उनका शव वहां मिला.’
उन्होंने बताया कि महंत ने अपने सुसाइड नोट में इस कठोर कदम के पीछे कई कारण लिखे हैं और कई मार्मिक बातें लिखी हैं.
सिंह ने कहा कि फॉरेंसिक टीम सुसाइड नोट की जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की टीम अपना काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के आने के बाद महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम संस्कार पर निर्णय किया जाएगा.
सिंह ने कहा कि महंत ने अपने पत्र में समाधि बनाए जाने का भी जिक्र किया है, जिस पर अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी निर्णय करेंगे.
उन्होंने कहा कि महंत के निधन की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को भी दे दी गई है और कल प्रोटोकॉल आने के बाद ही पता चलेगा कि कौन-कौन लोग यहां आ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के इलाहाबाद कुंभ मेले के भव्य आयोजन में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अहम भूमिका रही थी. मेले के दौरान उन्होंने समय-समय पर शासन का मार्गदर्शन किया था.
मठ बाघंबरी गद्दी में शाम छह बजे से ही भारी पुलिस बल तैनात था और मठ के आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग लगा दी गई थी. मठ में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित सभी आला अधिकारी मौजूद थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को सात पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें महंत ने अपने शिष्य और योग गुरु आनंद गिरि के अलावा दो अन्य लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि मौके पर कथित सुसाइड नोट में महंत के अपने शिष्य आनंद गिरि की प्रताड़ना से परेशान होने की बात कही गई है. यूपी पुलिस की एक टीम को हरिद्वार भेजा गया है, जहां आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया है.
A case under section 306 of IPC (Abetment of suicide) has been registered against (disciple) Anand Giri, who's name also surfaces in suicide note in Mahant Narendra Giri's death case. Probe is underway. Anand Giri was taken into police custody y'day: Prashant Kumar, ADG L&O pic.twitter.com/2hXwV5CHuI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 21, 2021
मंगलवार को एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि आनंद गिरि के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उनका नाम महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सुसाइड नोट में भी है. मामले की जांच की जा रही है.
साल 2016 में महंत नरेंद्र गिरि ने पहली बार अखाड़ा परिषद के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था. उनके कार्यकाल के दौरान ही परिषद ने कथित रूप से नकली संतों की एक सूची जारी की थी. 2019 में वह दूसरी बार परिषद के प्रमुख चुने गए थे.
इस साल अप्रैल में वह कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से महंत नरेंद्र गिरि का आनंद गिरि के साथ विवाद चल रहा था. दोनों ने एक-दूसरे पर अन्य बातों के अलावा धन की हेराफेरी का आरोप लगाया था.
जानकारी के अनुसार, इन आरोपों के बाद कि आनंद गिरि अखाड़े की परंपराओं के खिलाफ जाकर अपने परिवार के संपर्क में थे, नरेंद्र गिरि ने उन्हें निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया था. जबकि आनंद गिरि ने भी अपने गुरु पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था. कहा जाता है कि उन्होंने (आनंद गिरि) बाद में माफी मांग ली थी.
मीडिया को दिए एक बयान में आनंद गिरि ने अपने और नरेंद्र गिरि के बीच किसी भी गलतफहमी से इनकार किया और महंत की मौत को उन लोगों द्वारा रची गई साजिश बताया, जिन्होंने कथित तौर पर मठ के पैसों का दुरुपयोग किया था.
महंत अतीत में राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों पर मुखर रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के एक साल बाद नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में अखाड़ा परिषद की एक बैठक ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि वे राम जन्मभूमि आंदोलन की तर्ज पर वाराणसी और मथुरा में हिंदू मंदिरों को मुक्त करने के लिए एक अभियान शुरू करेंगे.
हाल ही में गिरि ने अखाड़ा परिषद को राम जन्मभूमि ट्रस्ट में शामिल करने की भी मांग की थी.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है. आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई. प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें. ॐ शांति!!’
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 20, 2021
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.’
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक व्यक्त किया.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन, अपूरणीय क्षति!
ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
भावभीनी श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/wD2JC14LDp
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2021
उन्होंने लिखा, ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन, अपूरणीय क्षति! ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. भावभीनी श्रद्धांजलि.’
मुख्यमंत्री योगी ने पार्थिव शरीर के दर्शन किए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की घटना से जु़ड़े हर पहलू का खुलासा होगा और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
योगी ने श्री मठ बाघंबरी गद्दी में मंगलवार को नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर के दर्शन करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘कुंभ मेले के आयोजन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा और उन्होंने अपने घर के कार्यक्रम की तरह पूरे आयोजन की देखरेख की.’
"The postmortem will be done tommorrow. The culprit will not be spared," says CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/cgakQTV6cg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 21, 2021
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘पंचक’ होने के कारण महंत नरेंद्र गिरि के शव का पोस्टमार्टम कल (बुधवार) किया जाएगा और फिर वैदिक रीति से उन्हें समाधि दी जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना के संबंध में कई साक्ष्य एकत्र किए गए है. एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीआईजी इलाहाबाद समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की टीम मामले की जांच कर रही है.
Matter will be investigated, culprits will be given strictest punishment. Govt is ready to facilitate all kinds of investigation. If it is needed, we're ready for CBI investigation too. Govt won't turn away from demands of Akhada Parishad, whatever they may be: UP Dy CM KP Maurya pic.twitter.com/2n0BKG22Jm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 21, 2021
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केपी मौर्य ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. सरकार हर तरह की जांच कराने को तैयार है. अगर जरूरत पड़ी तो हम सीबीआई जांच के लिए भी तैयार हैं. सरकार अखाड़ा परिषद की मांगों से मुंह नहीं मोड़ेगी, चाहे वे कुछ भी हों.
कांग्रेस का सवाल: महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की या ‘सुनियोजित हत्या’ हुई है
कांग्रेस ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या पर सोमवार को दुख जताया और साथ ही यह सवाल किया कि यह खुदकुशी है या फिर ‘सुनियोजित हत्या’ का मामला है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘संतों महन्तों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के आदरणीय महंत नरेंद्र गिरि जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हृदयविदारक है. श्रद्धांजलि.’
संतों महन्तों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के आदरणीय महंत नरेंद्र गिरी जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हृदयविदारक है।
श्रद्धांजलि🙏
क्या ये आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या?
उत्तर प्रदेश भाजपा की ये कैसी सरकार है जो देश के संतों महंतों की रक्षा करने में भी समर्थ नहीं? pic.twitter.com/mHgTepT6ZI
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 20, 2021
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या यह आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या? उत्तर प्रदेश भाजपा की ये कैसी सरकार है जो देश के संतों महंतों की रक्षा करने में भी समर्थ नहीं?’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत पूज्य श्री नरेंद्र गिरि जी महाराज के देहावसान का दुखद समाचार मिला. ये संपूर्ण समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. महंत जी के अनुयायियों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं. ओम शांति.’
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत पूज्य श्री नरेंद्र गिरी जी महाराज के देहावसान का दुखद समाचार मिला।
ये सम्पूर्ण समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। महंत जी के अनुयायियों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।
ॐ शांति।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 20, 2021
कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी नरेद्र गिरि की मृत्यु पर दुख जताया.
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने ट्वीट किया, ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का देहावसान होना भारत के लिए अपूर्णीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें. ओम शांति.’
आम आदमी पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग
आम आदमी पार्टी (आप) ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी की संदिग्ध परिस्थितियों मौत की
खबर सुनकर बेहद आहत हूँ।
इस सरकार में न आम इंसान सुरक्षित है न साधु संत,महंत इस मामले की CBI जाँच कराई जाय।
स्व.नरेन्द्र गिरि जी की आत्मा को प्रभु शांति प्रदान करे। pic.twitter.com/RTjvBz3Fjh— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 20, 2021
आप के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सोमवार को एक बयान में कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए.
उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में ना आम आदमी सुरक्षित है और न ही साधु-संत. महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु की खबर अत्यंत दुखद है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)