छह बार विधायक रहे उत्तराखंड के प्रमुख दलित नेता यशपाल आर्य 2007 से 2014 तक कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहने के साथ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हुए थे. अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वे बेटे समेत कांग्रेस में लौटे हैं.
नई दिल्लीः उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य अपने विधायक बेटे संजीव आर्य के साथ सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए.
यशपाल आर्य और उनके बेटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए.
इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी.
छह बार के विधायक और प्रमुख दलित नेता यशपाल आर्य राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार में परिवहन मंत्री हैं.
यशपाल आर्य 2007 से 2014 तक कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष रहे हैं और हरीश रावत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
वह 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. वह कथित तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की कार्यशैली से परेशान थे.
हालांकि, शायद असल कारण यह था कि कांग्रेस उनके बेटे को चुनाव में उतारना नहीं चाहती थी. इसके बाद भाजपा ने तुरंत उनके बेटे संजीव आर्य को नैनीताल सीट से उम्मीदवार के रूप में उतारा और वह यह सीट जीत भी गए.
सूत्रों का कहना है कि धामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने से यशपाल आर्य नाराज थे. भाजपा ने उन्हें मनाने की भी कोशिश की थी. उनकी नाराजगी की खबरों के बीच 25 सितंबर को धामी खुद आर्य के घर पर नाश्ते पर हुई बैठक के लिए गए थे.
यशपाल राज्य की बाजपुर विधानसभा सीट और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)