राजस्थान के पूर्व मंत्री लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. वह भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले में ज़मानत पर बाहर थे. भंवरी देवी जोधपुर में सरकारी नर्स थी. मदेरणा व पूर्व विधायक मलखान सिंह का उनके साथ कथित तौर पर अवैध संबंध था. सितंबर 2011 में भंवरी देवी की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी.
जयपुरः राजस्थान के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता महिपाल मदेरणा का रविवार सुबह निधन हो गया. वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे.
वह 2011 के भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी थे.
उनके पारिवारिक मित्र राम प्रकाश के मुताबिक, ‘मदेरणा लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे और चेन्नई से इलाज कराकर लौटने के बाद उनका जोधपुर में अपने आवास पर इलाज चल रहा था.’
प्रकाश ने कहा, ‘उन्होंने रविवार को सुबह लगभग 6:30 मिनट पर आखिरी सांस ली. उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव चाडी (ओसियां, जोधपुर) में किया जाएगा.’
वह नर्स भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले में हाल ही में जमानत पर बाहर थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अन्य नेताओं ने मदेरणा के निधन पर शोक जताया है.
पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहे श्री महिपाल मदेरणा जी के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि शोकाकुल परिवारजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें तथा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 17, 2021
गहलोत ने शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहे महिपाल मदेरणा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि शोकाकुल परिवारजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें तथा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.’
वह साल 2008-2013 के दौरान अशोक गहलोत सरकार में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के मंत्री रहे थे. सितंबर 2011 में हुई भवंरी देवी की हत्या मामले में मदेरणा मुख्य आरोपी थे और इस मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्हें उसी साल 16 अक्टूबर को पद से बर्खास्त कर दिया गया था.
उन्हें पिछले साल 18 सितंबर को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी.
उनके वकील प्रदीप चौधरी ने कहा, ‘वह तभी से जमानत पर बाहर थे. उन्होंने अगस्त में स्थायी जमानत के लिए याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए उन्हें मामले में सभी 16 आरोपियों की तरह अगस्त (2021) में जमानत दे दी थी.’
जमानत पाने वालों में भंवरी देवी के पति अमरचंद, शहाबुद्दीन, बिश्नाराम बिश्नोई, कैलाश जाखड़ और बलदेव शामिल हैं. इसके साथ ही इंद्रा बिश्नोई को छोड़कर सभी 16 आरोपियों को जमानत दे दी गई है. इंद्रा ने जमानत की अर्जी दाखिल नहीं की है.
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक मलखान सिंह बिश्नोई को 10 अगस्त को जमानत मिल चुकी है. निचली अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद सभी आरोपियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था.
राजस्थान में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान मदेरणा चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए जोधपुर आए थे. उनकी पत्नी लीला मदेरणा जोधपुर में जिला प्रमुख के पद की प्रत्याशी भी थीं.
बता दें कि सीबीआई ने भंवरी देवी मामले में दिसंबर 2011 में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी. मामले में सुनवाई अभी निचली अदालत में चल रही है और बचाव पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
भंवरी देवी जोधपुर में सरकारी नर्स थी. मदेरणा व पूर्व विधायक मलखान सिंह का उनके साथ कथित तौर पर अवैध संबंध था. सितंबर 2011 में भंवरी देवी की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी.
मदेरणा को 2012 में मलखान सिंह बिश्नोई के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसके मदेरणा से परिचय कराने से पहले भंवरी देवी के साथ कथित रूप से संबंध थे. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दोनों ने भंवरी देवी की मांगों को पूरा करने से तंग आकर उनसे पीछा छुड़ाने के लिए एक साथ साजिश रची थी.
भंवरी देवी के अवशेष जोधपुर में एक नहर में एक गड्ढे के पास पाए गए थे, जहां उनके गायब होने के लगभग चार महीने बाद जनवरी 2012 में उनके शरीर को कथित तौर पर आग लगा दी गई थी.
उनके पति अमरचंद ने आरोप लगाया था कि महिपाल मदेरणा के इशारे पर भंवरी देवी अपहरण किया गया था, जो उस समय कांग्रेस सरकार में राज्य के जल संसाधन मंत्री थे.
हालांकि बाद में अमरचंद को भी इस मामले में लिप्त पाया गया था. जब भंवरी के साथ मदेरणा की कथित सीडी सार्वजनिक हुई तो उसी साल 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मदेरणा को बर्खास्त कर दिया था.
मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा अभी ओसियां सीट से विधायक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)