पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणा-पत्र में शामिल किए जा सकने वाले 13 मुद्दों को प्रस्तुत करने के लिए पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है. पत्र में उन्होंने बेअदबी के मामलों में न्याय, ड्रग्स, कृषि, रोज़गार, रेत खनन और पिछड़े वर्गों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को शामिल किया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस की पंजाब इकाई के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राज्य सरकार के वादों को अवश्य पूरा किए जाने पर जोर दिया और साल 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणा-पत्र में शामिल किए जा सकने वाले अपने 13 सूत्री एजेंडा को प्रस्तुत करने के लिए उनसे मिलने का समय मांगा है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 15 अक्टूबर को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा कि यह पंजाब के पुनरूत्थान और उद्धार के लिए अंतिम मौका है. उन्होंने दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक के कुछ दिनों बाद यह पत्र लिखा है.
खास बात ये है कि रविवार को सिद्धू ने अपने इस पत्र को ट्विटर पर सार्वजनिक किया है, जबकि एक दिन पहले ही हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने मीडिया में बयान देने वाले नेताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि वह पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं तथा उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख पद से बीते 28 सितंबर को इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने 15 अक्टूबर को कहा था कि उनकी चिंताओं का समाधान हो गया है और पार्टी ने कहा है कि वह प्रदेश इकाई प्रमुख बने रहेंगे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सिद्धू की मुलाकात के बाद यह समाधान निकला था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते की शुरुआत में सिद्धू ने राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात की थी. गांधी के साथ उनकी मुलाकात ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पर्यवेक्षक हरीश रावत से मिलने के एक दिन बाद हुई थी. सिद्धू की गांधी से मुलाकात के दौरान रावत भी मौजूद थे, जो डेढ़ घंटे तक चली थी.
रावत ने शुक्रवार को कहा कि सिद्धू को ‘आश्वासन’ दिया गया है कि उनकी चिंताओं को दूर किया जाएगा और वह जल्द ही राज्य प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करेंगे.
बहरहाल सिद्धू द्वारा पत्र में जिन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है, उनमें बेअदबी के मामलों में न्याय, पंजाब के ड्रग्स का खतरा, कृषि मुद्दे, रोजगार के अवसर, रेत खनन और पिछड़े वर्गों का कल्याण शामिल हैं.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 17, 2021
सोनिया को लिखे पत्र में उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को दिए गए पार्टी के 18 सूत्री एजेंडे की याद दिलाई और इन्हें आज भी समान रूप से प्रासंगिक बताया है.
सिद्धू ने यह भी कहा कि कैबिनेट में एक मजहबी सिख, दोआबा के एक दलित और दो पिछड़े वर्ग के मंत्री होने चाहिए.
पत्र में उन्होंने कहा, ‘आज मैं आपको साल 2017 के 18 सूत्री चुनाव प्रचार एजेंडा के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा किए जाने के लिए पत्र लिख रहा हूं.’
इसके बाद सिद्धू ने कहा कि पंजाब के लोग पूर्ववर्ती भाजपा-शिअद सरकार के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद कोटकपुरा और फरीदकोट के बेहबल कलां में साल 2015 के पुलिस गोलीकांड की घटनाओं को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं.
मादक पदार्थ के मुद्दे पर कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख ने कहा, ‘विशेष कार्य बल की रिपोर्ट में जिक्र किए गए बड़े तस्करों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उन्हें अनुकरणीय सजा दी जाए.’
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि पंजाब सरकार को केंद्र के तीन नए कृषि कानून को अवश्य ही खारिज कर देना चाहिए और यह घोषणा करनी चाहिए कि वे किसी भी कीमत पर पंजाब में लागू नहीं किए जाएंगे.
सिद्धू ने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार को बिजली खरीद समझौतों और ‘हमारे द्वारा वादा किए गए सभी त्रुटिपूर्ण बिजली खरीद समझौतों को रद्द करने पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.’
सिद्धू ने अपने पत्र के जरिये 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस घोषणा-पत्र का हिस्सा बनाने के लिए 13 सूत्री एक एजेंडा के साथ एक पंजाब मॉडल प्रस्तुत करने के वास्ते सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है.
सिद्धू ने शराब के मुद्दे को उठाते हुए मांग की है कि प्रदेश में शराब के धंधे को केंद्रीकृत किया जाए और एक निगम इसे चलाए.
बालू खनन पर सिद्धू ने एक बार फिर से एक निश्चित उचित मूल्य पर रेत उपलब्ध कराने के अपने पुराने मॉडल का समर्थन किया है. उन्होंने नियमित नौकरियों का भी मुद्दा उठाया है और कहा है कि राज्य में कम से कम 20 कर्मचारी संघ पहले से ही संविदा प्रणाली का विरोध कर रहे हैं.
सिद्धू ने कहा कि राज्य में सुधार करने का ये आखिरी मौका है, नहीं तो माफिया-राज राज्य को वित्तीय आपातकाल, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कृषि संकट की हद तक ले जाएंगे, जहां से कोई वापसी नहीं है.
इससे पहले सिद्धू ने कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और हरीश रावत से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्वीकार किए गए 18 सूत्री एजेंडे के क्रियान्वयन पर चिंता व्यक्त की थी, जिसे लेकर कार्रवाई अभी लंबित है.
इनमें शराब और ड्रग्स माफिया में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है.
राज्य कांग्रेस इकाई में लंबे विवाद के बाद अमरिंदर सिंह ने सितंबर में इस्तीफा दे दिया था और चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. हालांकि 28 सितंबर को उन्होंने अचानक से इस्तीफा दे दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)