दिल्ली हरियाणा के सिंघू बॉर्डर स्थित किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. हरियाणा पुलिस ने कहा कि आरोपी नारायण सिंह के नेतृत्व में तीनों आरोपियों ने अदालत के सामने हत्या करने की बात क़बूल की है.
चंडीगढ़: दिल्ली हरियाणा के सिंघू बॉर्डर स्थित किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक दलित खेतिहर मजदूर की सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
हरियाणा पुलिस ने घटना की जांच के लिए दो विशेष जांच टीमें (एसआइटी) गठित की हैं.
सिख निहंग संप्रदाय के एक मुख्य सदस्य नारायण सिंह को शनिवार को अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था.
वहीं, फतेहगढ़ साहिब के दो निहंगों – गोविंदप्रीत सिंह और भगवंत सिंह- ने लखबीर सिंह नाम के इस दलित खेतिहर मजदूर की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना के सिलसिले में सोनीपत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था.
पुलिस ने इस आधार पर आरोपियों को रिमांड में देने की मांग की थी कि उसे वारदात स्थल पर हुए घटनाक्रम की तह में जाना है, घटना के समय आरोपियों द्वारा पहने गए कपड़ों को बरामद करना है और पूरे प्रकरण के बारे में उनसे गहराई से पूछताछ करनी है.
उन तीनों सिख निहंगों को सोनीपत में एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.
एक एसआईटी का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मयंक गुप्ता कर रहे हैं जो खारखोडा, सोनीपत के सहायक पुलिस अधीक्षक हैं. वह विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हुए घटना के वीडियो की जांच करेंगे, जबकि सोनीपत के पुलिस उपाधीक्षक वीरेंदर सिंह घटना की संपूर्ण जांच करेंगे.
द हिंदू के मुताबिक, हरियाणा पुलिस ने कहा कि आरोपी नारायण सिंह के नेतृत्व में तीनों आरोपियों ने अदालत के सामने हत्या करना कबूल किया है.
लखबीर सिंह की हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है. शनिवार (17 अक्टूबर) को नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत को गिरफ्तार किया, जबकि सरबजीत को एक दिन पहले (16 अक्टूबर) गिरफ्तार किया गया था.
सोनीपत के पुलिस उपाधीक्षक (कानून और व्यवस्था) वीरेंदर सिंह ने कहा, ‘नारायण सिंह ने अदालत को बताया कि उसने तीनों के साथ मिलकर पवित्र सिख धर्मग्रंथ का बेअदबी करने के लिए उनकी (लखबीर सिंह) हत्या की थी. तीनों ने अदालत को बताया कि उस व्यक्ति ने गलती की थी और उन्होंने उसे दंडित किया.’
वीरेंदर सिंह इस बर्बर हत्या की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल के प्रमुख हैं.
शनिवार को अपनी गिरफ्तारी से पहले नारायण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि लखबीर सिंह को कथित तौर पर बेअदबी के लिए दंडित किया गया था.
वीरेंदर सिंह ने द हिंदू को बताया कि नारायण सिंह के खून से सने कपड़े, जिन्होंने अमृतसर में पंजाब पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और हत्या करने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल की गई तलवार बरामद की गई है.
उन्होंने कहा, ‘नारायण सिंह, जो एक डेरे के प्रमुख हैं, ने अपनी गिरफ्तारी के समय वही कपड़े पहने थे जो उन्होंने अपराध के दौरान पहने थे. उनकी तलवार भी बरामद कर ली गई है.’
उल्लेखनीय है दलित मजदूर लखबीर सिंह का शव बीते 15 अक्टूबर की सुबह सिंघू बॉर्डर स्थित किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक बैरीकेड से बंधा पाया गया था. सिंह का एक हाथ काट कर अलग कर दिया गया था और उसके शरीर पर धारदार हथियारों के वार से बने कई जख्मों के निशान थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को घायल व्यक्ति के इर्दगिर्द खड़े देखा गया. वे लोग सिंह पर एक पवित्र धर्म ग्रंथ की बेअदबी का आरोप लगा रहे थे.
मृतक के परिवार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की थी. सिंह की अंत्येष्टि शनिवार शाम कड़ी सुरक्षा के बीच उसके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी के बीच की गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)