सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता केएस शान और भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवास की हत्या केरल के अलाप्पुझा ज़िले में हुई. भाजपा ने अपने नेता की हत्या का आरोप एसडीपीआई पर लगाया है, जबकि एसडीपीआई की केरल इकाई ने आरोपों का खंडन किया है.
नई दिल्ली: केरल के तटीय अलप्पुझा जिले में दो अलग-अलग पार्टी के नेताओं की हत्या कर दी गई. इनमें एक सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता केएस शान, जबकि दूसरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रंजीत श्रीनिवास थे. इन घटनाओं के बाद रविवार को पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी.
जिले के अधिकारियों ने बताया कि एसडीपीआई के प्रदेश सचिव की हत्या के करीब 12 घंटे बाद भाजपा के एक नेता की हत्या कर दी गई. इसके बाद रविवार को पूरे अलप्पुझा जिले में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को इन हत्याओं की निंदा की और कहा कि पुलिस दोषियों और घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कदम उठाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के ऐसे जघन्य और अमानवीय कृत्य देश के लिए खतरनाक हैं और लोगों को ऐसे समूहों और उनकी घृणित गतिविधियों से दूर रहना चाहिए.
केरल में एसडीपीआई के प्रदेश सचिव केएस शान पर शनिवार की रात घर लौटते समय बेरहमी से हमला किया गया. शान की पार्टी एसडीपीआई ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ है.
पुलिस ने बताया कि एसडीपीआई नेता जब घर लौट रहे थे तभी एक कार ने उनकी मोटरसायकिल को टक्कर मार दी. टक्कर के बाद जैसे ही वह गिरे हमलावरों ने उनके साथ मारपीट की थी.
पुलिस मुताबिक, शान ने आधी रात के करीब कोच्चि के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.
पुलिस ने बताया कि इसके कुछ घंटों बाद रविवार सुबह कुछ हमलावरों ने भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवास के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी.
पुलिस को संदेह है कि शान की हत्या के प्रतिशोध में श्रीनिवास पर घातक हमला किया गया. श्रीनिवास भाजपा प्रदेश समिति के सदस्य भी थे.
राज्य पुलिस प्रमुख (एसपीसी) अनिल कांत ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जिले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद हैं और वहां अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा कि एडीजीपी (कानून व्यवस्था) हत्या के इन दोनों मामलों की जांच का नेतृत्व करेंगे और निकट भविष्य में ऐसी किसी घटना को रोकने के लिए पुलिस जल्द ही क्षेत्र में उपद्रवियों, गुंडों और उनके सरगना को गिरफ्तार करेगी.
कांत ने यह भी कहा कि राज्यव्यापी अलर्ट की घोषणा की गई है और सभी जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे वहां कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखें और यदि जरूरत पड़ी तो निषेधाज्ञा लागू की जाएगी और अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे.
केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने भाजपा नेता की हत्या को शर्मनाक करार देते हुए संवाददाताओं से कहा कि अगर एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद पुलिस ने उचित कदम उठाए होते तो स्थिति वर्तमान स्तर तक नहीं जाती.
.@VijayanPinarayi' Goondaraj takes yet another precious life.@BJP4OBCMorcha State Secretary Adv. Renjith Sreenivasan hacked to death by SDPI goons@CPIMKerala rule turning the state into a killing field.
No Law & Order
No security for citizens
Killers go scot-free. Shame! pic.twitter.com/VOfxJKrkeO— V Muraleedharan / വി മുരളീധരൻ (@VMBJP) December 19, 2021
उन्होंने कहा कि श्रीनिवास की हत्या एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद राज्य सरकार और पुलिस द्वारा एहतियाती या निवारक कदम उठाने में विफलता का परिणाम है. मुरलीधरन ने यह भी कहा कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा नेता की हत्या के पीछे एसडीपीआई का हाथ है.
उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया कि एसडीपीआई नेता की मौत के पीछे आरएसएस का हाथ था. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और एसडीपीआई के बीच संघर्ष था और पुलिस को इस संबंध में जांच करनी चाहिए कि कौन इस मामले में भाजपा को फंसाने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कुछ लागों का दावा है कि श्रीनिवास की मौत एक प्रतिशोध थी. अगर ऐसा है तो मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राज्य में ‘आंख के बदले आंख’ लेने का चलन है.
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि सोशल मीडिया पर आरएसएस की तुलना एसडीपीआई से करने की कोशिश की जा रही है, जो कथित तौर पर इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है.
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भी पीएफआई का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि राज्य के कई नगर निगमों में माकपा और एसडीपीआई सक्रिय रूप से एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने आरोप लगाया था कि भाजपा और एसडीपीआई राज्य में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं, जिसके जवाब में मंत्री की यह प्रतिक्रिया आई है.
इस बीच, एसडीपीआई की केरल इकाई के अध्यक्ष ने एक बयान जारी कर उन आरोपों का खंडन किया कि भाजपा नेता की हत्या में पार्टी का हाथ है.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शान की मौत के प्रतिशोध में किसी अन्य व्यक्ति की जान लेने वाली नहीं है और उसे देश में कानून के शासन में विश्वास है. एसडीपीआई ने कहा कि श्रीनिवास की हत्या के मामले में पार्टी को फंसाने का मकसद उसकी छवि खराब करना है.
एसडीपीआई प्रमुख एमके फैज़ी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पैदा करना और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करना संघ परिवार के एजेंडे का हिस्सा है. आरएसएस के आतंकवाद की निंदा करें. केरल पुलिस का उदासीन रवैया आरएसएस को फायदा पहुंचाता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)