आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 संस्थानों के विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण की मियाद ख़त्म हो गई है. इन संस्थानों ने या तो अपने एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया या गृह मंत्रालय ने उनके आवेदनों को ख़ारिज कर दिया है.
नई दिल्लीः आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 संस्थानों के विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण की मियाद खत्म हो गई है.
बता दें कि विदेशों से फंडिंग के लिए एफसीआरए पंजीकरण जरूरी होता है.
अधिकारियों का कहना है कि इन संस्थानों ने या तो अपने एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण (Renewal) के लिए आवेदन नहीं किया या केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके आवेदनों को खारिज कर दिया.
एफसीआरए से संबंधित आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, जिन संगठनों और संस्थानों का एफसीआरए के तहत पंजीकरण समाप्त हो गया है या वैधता समाप्त हो गई है, उनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल फाउंडेशन, लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और ऑक्सफैम इंडिया शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तय तारीख से पहले नवीनीकरण के लिए आवेदन करने में असफल रहने या फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उनके आवेदनों को खारिज करने की वजह से इन एनजीओ का पंजीकरण 31 दिसंबर 2021 को समाप्त हो गया.
सूत्रों का कहना है कि 31 दिसंबर से पहले इन संस्थानों द्वारा नवीनीकरण आवेदन दायर करने में असफल रहने की वजह से 5,789 एनजीओ का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. बाकी बचे संस्थानों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से उनके आवेदन को खारिज कर दिया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, एनजीओ जिन्होंने नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं दिया था, उन्हें मंत्रालय ने कई रिमाइंडर भेजे थे, लेकिन फिर भी इन संस्थानों ने आवेदन नहीं किया.
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 12,989 एनजीओ ने 30 सितंबर 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसमें से हमने विभिन्न अनियमितताओं की वजह से 170 से अधिक एनजीओ के आवेदन खारिज कर दिए थे.
मंत्रालय ने जिन एनजीओ के नवीनीकरण आवेदन खारिज किए, उनमें ऑक्सफैम इंडिया और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी हैं.
ऑक्सफैम इंडिया से जुड़े सूत्रों ने पुष्टि की कि उन्होंने अपने एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन मंत्रालय ने उन्हें खारिज कर दिया.
आईएमए के मानद महासचिव डॉ. जयेश लेले ने कहा, ‘आईएमए अपने एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए पहले ही आवेदन कर चुका है, लेकिन हमें अभी तक पता नहीं चला है कि आवेदन का क्या हुआ.’
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आईएमए ने कई मौकों पर सरकार की ओर से कदम उठाने में कथित कमी को लेकर आलोचना की थी.
कई कारणों की वजह से मंत्रालय एनजीओ के पंजीकरण आवेदनों की प्रक्रिया को संतोषजनक तरीके से पूरा नहीं कर पाई. इनमें से एक कारण 2020 में सरकार द्वारा एफसीआरए में किए गए संशोधन भी शामिल हैं. इसे देखते हुए मंत्रालय ने पंजीकरण कराने की तारीख को तीन बार बढ़ाया था.
पहले इसे बढ़ाकर 31 मई 2021 किया गया, फिर 30 सितंबर 2021 और बाद में यह समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 की गई थी. वहीं, 31 दिसंबर 2021 को इस समयसीमा को एक बार फिर बढ़ाकर अब 31 मार्च 2022 कर दिया गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘यह बढ़ाई गई समयसीमा उन एनजीओ के लिए है, जिन्होंने अपनी पंजीकरण की सीमा समाप्त होने से पहले नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन जिन एनजीओ ने समयसीमा से पहले नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, उनका पंजीकरण समाप्त ही माना जाएगा.’
कुल मिलाकर आवेदन करने में असफल रहने या फिर मंत्रालय द्वारा आवेदन खारिज करने की वजह से बीते सालों में 12,580 एनजीओ का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, अकेले दिल्ली से ही इनमें ऑक्सफैम इंडिया, जामिया मिलिया इस्लामिया, टाइम्स ऑफ इंडिया रिलीफ फंड, टाइम्स फाउंडेशन, विश्व धर्मायतन (चंद्रस्वामी द्वारा स्थापित), महर्षि आयुर्वेद प्रतिष्ठान, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया शामिल हैं, जिनका एफसीआरए पंजीकरण खत्म हो गया है.
इस सूची में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर, नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय भारत प्रौद्योगिकी संस्थान (दिल्ली), भारतीय प्रेस संस्थान, दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी, जेएनयू का परमाणु विज्ञान केंद्र, इंडिया हैबिटेट सेंटर, लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और तहलका फाउंडेशन भी शामिल हैं.
इससे पहले 27 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आवेदन को पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण 25 दिसंबर 2021 को खारिज कर दिया गया.
गृह मंत्रालय ने एक बयान में यह भी बताया था कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी खाते से लेन-देन को नहीं रोका है, बल्कि भारतीय स्टेट बैंक ने सूचित किया है कि संस्था ने खुद बैंक को खातों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
गृह मंत्रालय के इस बयान से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा द्वारा स्थापित कोलकाता स्थित संस्था के सभी बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है.
मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना आधिकारिक तौर पर 7 अक्टूबर 1950 को मदर टेरेसा द्वारा की गई थी, जिन्हें 1979 में ‘पीड़ित मानवता की मदद के लिए’ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)