विधानसभा चुनाव राउंड-अप: यूपी में भाजपा ने करहल से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ख़िलाफ़ केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा. आचार संहिता के उल्लंघन पर गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई. कानपुर के भाजपा विधायक पर समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में मुक़दमा. पंजाब में बलबीर सिंह राजेवाल ने केजरीवाल पर उन्हें बदनाम करने के प्रयास का आरोप लगाया. शिरोमणि अकाली दल नेता 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल सबसे उम्रदराज़ उम्मीदवार बने.
इम्फाल/लखनऊ/देहरादून/चंडीगढ़/पणजी/नई दिल्ली: मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने बीते रविवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और प्रदेश इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के पुतले और पार्टी के झंडे जलाए.
कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची में पार्टी के वफादारों को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आने वाले नेताओं को टिकट दिए जाने के खिलाफ नारेबाजी की और पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद भड़की हिंसा के चलते राज्य में भाजपा के सभी कार्यालयों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
इतना ही नहीं टिकट के कई दावेदारों समेत भाजपा के कई नेताओं ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. हाल में दूसरे दलों से आए नेताओं को समायोजित करने के लिए टिकट काटे जाने से भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं.
सगोलबंद, काकचिंग, मोइरंग, कीसमथोंग विधानसभा क्षेत्रों में आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे, पर्चे जलाए, स्थानीय कार्यालयों में तोड़फोड़ की और नारेबाजी की. थंगा में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पुतले जलाए.
टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री निमाईचंद लुवांग और थंगजाम अरुण कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया.
https://twitter.com/Thapa4INC/status/1487713454261940227
थंगजाम बाद में जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए. भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि खंगाबोक मंडल के सभी सदस्यों ने अनुभवी नेताओं को नजरअंदाज कर ‘भाजपा के नवोदित नेता को टिकट देने’ का हवाला देते हुए सामूहिक इस्तीफा दिया. इस बीच, सुरक्षाकर्मी इंफाल के थंबल सांगलेन में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में सतर्कता बरत रहे हैं.
द मणिपुर फ्रंटियर की रिपोर्ट के अनुसार, नाराज कार्यकर्ताओं, जिनमें कई टिकट चाहने वाले भी शामिल थे, ने निर्वाचन क्षेत्रों में मंडल कार्यालयों में तोड़फोड़ की, पार्टी के झंडे और बैनर उतार लिए और आग लगा दी. हालांकि, राज्य की राजधानी और जिला मुख्यालयों में पार्टी के प्रमुख कार्यालयों में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है, जिन्हें कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया था.
भाजपा ने बीते रविवार को सभी 60 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी.
इसी दिन भाजपा ने राज्य में फरवरी-मार्च में होने वाले चुनाव के लिए विधानसभा की सभी 60 सीटों पर उम्मीदवारों की पूरी सूची की घोषणा की थी.
उम्मीदवारों की सूची इम्फाल स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जारी की गई और इस पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह का दस्तखत है.
Burning down of @BJP4India flag is a common sight in Manipur today as candidates for @BJP4Manipur in the upcoming #ManipurElections2022 is announced. The supporters of those intending candidates unsuccessful in getting BJP tickets resorted to violent protests and arson. pic.twitter.com/EuREON5i8p
— Thongkholal Haokip (@th_robert) January 30, 2022
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, हियांग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. पीडब्ल्यूडी मंत्री बिस्वजीत सिंह थोंगजू से, गोविंददास कोंथौजम बिष्णुपुर से चुनावी मुकाबले में उतरेंगे. मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कोंथौजम हाल में भाजपा में शामिल हुए थे.
भाजपा ने तीन महिला उम्मीदवारों को पार्टी का टिकट दिया है और तीन मौजूदा विधायकों (वांगकेई से वाई. एराबोत सिंह, मोइरंग से पी. शरतचंद्र और काकिंग से केएम रामेश्वर सिंह ) को इस बार चुनाव में नहीं उतारा है.
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सात विधायक रविवार को जारी सूची के अनुसार उम्मीदवार बनाए गए हैं. हालांकि, कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने वाले तीन कांग्रेस विधायकों को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है.
द मणिपुर फ्रंटियर की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने कांग्रेस से आए ओकराम हेनरी सिंह को मैदान में उतारा है, जिनके चुनाव को मणिपुर हाईकोर्ट ने 2017 में दायर उनके चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने के लिए रद्द कर दिया था. हेनरी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी के भतीजे हैं.
भाजपा ने मोइरंग और काकचिंग विधानसभा सीटों के लिए क्रमश: पी. शरतचंद्र और एम. रामेश्वर सिंह की एम. पृथ्वीराज और वाई. सुरचंद्र को प्रत्याशी के तौर पर चुना.
पिछले साल नवंबर में कांग्रेस में शामिल हुए आरके इमो सिंह की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने सगोलबंद मंडल कार्यालय में तोड़फोड़ की.
रिपोर्ट के अनुसार, जैसा कि अनुमान था भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ, जिन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला, उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अन्य दलों में शामिल हो गए.
एराबोत ने एनपीपी को चुनने का फैसला किया और भाजपा का टिकट चाहने वाले रतन कुमार वांगखेई निर्वाचन क्षेत्र में जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए. इस बीच पी. शरतचंद्र के नाराज समर्थकों ने कांग्रेस के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया.
टिकट ने मिलने पर कांग्रेस में भी विरोध के सुर
इस बीच कांग्रेस ने अपने 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. कांग्रेस का टिकट न मिलने से नाराज हियांग्लाम के पूर्व विधायक और मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष डॉ. एलंगबाम द्विजमणि से जुड़े कार्यकर्ताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. द्विजमणि और उनके समर्थकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए कांग्रेस के झंडे और बैनर भी जलाए.
Revolt in BJP Manipur after BJP annonces list of candidates for assembly elections.
Soon in every part of India these scenes will be norm of the day for BJP.https://t.co/imUWoUyQN9 pic.twitter.com/g7MvHxnOyE
— Congress Sevadal (@CongressSevadal) January 30, 2022
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस, जिसने 2017 के चुनाव में 28 सीटें हासिल की थीं, कुछ वाम दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि शेष 20 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा वाम दलों के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के बाद की जाएगी.
कांग्रेस के अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी एनपीपी मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए अपने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची की भी घोषणा कर चुकी है. पार्टी, जिसके चार मौजूदा विधायक हैं और वर्तमान में भाजपा के साथ गठबंधन में है. पार्टी आगामी चुनाव अकेले लड़ने जा रही है और उसने सभी सीटों पर अपने सहयोगी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं.
मणिपुर में दो चरणों में मतदान होना है. पहले चरण का मतदान 27 फरवरी और दूसरे चरण का मतदान 3 मार्च को होना है. पहले चरण के लिए 1 फरवरी को और दूसरे चरण के लिए 4 फरवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी.
पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 8 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 11 फरवरी है. पहले चरण और दूसरे चरण के लिए क्रमश: 9 फरवरी और 14 फरवरी को नामांकन दाखिल किया जाएगा. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.
निर्वाचन आयोग ने रोड शो, पदयात्रा, वाहन रैलियों पर प्रतिबंध 11 फरवरी तक बढ़ाया
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को रोड शो, पदयात्रा, वाहन रैलियों और जुलूसों पर लगा प्रतिबंध 11 फरवरी तक बढ़ा दिया तथा घर-घर जाकर प्रचार करने वालों की संख्या को मौजूदा 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया. इसने इसके साथ ही जनसभाओं में अधिकतम 1,000 लोगों के शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ चुनावी राज्यों- गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की व्यापक समीक्षा की और संबंधित निर्णय लिया.
आयोग ने एक बयान में कहा कि निर्णय लिया गया है कि 11 फरवरी, 2022 तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, और साइकिल/बाइक/वाहन रैलियों तथा जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बयान में कहा गया कि आयोग ने चुनाव के सभी चरणों के लिए एक फरवरी, 2022 से निर्दिष्ट खुले स्थानों पर राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की जनसभाओं में मौजूदा संख्या 500 की जगह अधिकतम 1,000 या मैदान की क्षमता का 50 प्रतिशत, या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा के अनुसार, इनमें से जो भी कम हो, लोगों के शामिल होने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है.
आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार अभियान के लिए भी सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त 10 लोगों की जगह अब 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है, क्योंकि ये चुनाव अगली सदी का इतिहास लिखेगा: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने से पहले कहा कि ये ‘नॉमिनेशन’ (नामांकन) एक ‘मिशन’ है, क्योंकि ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा.
ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा!
आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें… नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी!!
जय हिन्द!!! pic.twitter.com/uxJhRQDrWo
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 31, 2022
सोमवार को ‘समाजवादी विजय रथ’ से मैनपुरी रवाना होने की तस्वीर के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘ये ‘नॉमिनेशन’ एक ‘मिशन’ है, क्योंकि यूपी का ये चुनाव प्रदेश और देश की अगली सदी का इतिहास लिखेगा. आइए प्रोग्रेसिव सोच के साथ सकारात्मक राजनीति के इस आंदोलन में हिस्सा लें… नकारात्मक राजनीति को हराएं भी, हटाएं भी. जय हिन्द!!!’
सपा ने अखिलेश यादव को मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. करहल विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है जिसका प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव करते हैं.
बाद में ‘समाजवादी विजय रथ’ में मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने अपनी भावुक अपील में कहा, ‘यह चुनाव जनता पर छोड़ता हूं, क्योंकि मुझे और जगह जाना है, इसलिए मेरी जनता से अपील है कि समाजवादी पार्टी को न केवल करहल से बल्कि हर क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को मौका दें, सपा विकास, खुशहाली और तरक्की के रास्ते पर प्रदेश को ले जाएगी.’
भाजपा ने करहल से अखिलेश के खिलाफ केंद्रीय मंत्री बघेल को उतारा
इधर, भाजपा ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ करहल विधानसभा क्षेत्र से उतारने की घोषणा की. बघेल आगरा से सांसद हैं.
भाजपा की ओर जारी उम्मीदवारों की सूची के मुताबिक, विवेक शाक्य जसवंतनगर से और मनोज प्रजापति हमीरपुर से पार्टी के प्रत्याशी होंगे. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर से चुनाव लड़ रहे हैं.
तीन और उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के साथ ही भाजपा ने 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब तक 297 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. भाजपा उत्तर प्रदेश में अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है.
यूपी में पांच साल पहले दबंग और दंगाई ही कानून थे, योगी सरकार ने इससे उबारा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की पहली डिजिटल रैली में पूर्ववर्ती सपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘हम यूपी में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं जबकि वो आपसे बदला लेने की ठानकर बैठे हैं.’
उन्होंने कहा कि पांच साल पहले दबंग और दंगाई ही कानून थे, उनका कहा शासन का आदेश था, लेकिन पांच साल में योगी सरकार प्रदेश को इन हालातों से बाहर निकाला है और यह कोई मामूली काम नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों बागपत, शामली, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से जुड़े मतदाताओं को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया.
मोदी ने कहा, ‘मैं देखकर खुश हूं कि उत्तर प्रदेश के लोग दंगाई सोच रखने वालों से बहुत सावधान, बहुत सतर्क हैं. प्रदेश की जनता पुराने दिन वापस नहीं चाहती है. इन बदला लेने वालों के बयानों को देखकर यूपी के लोगों ने ठान लिया है कि इस बार पहले से ज्यादा मतों से भाजपा को विजयी बनाना है.’
पूर्ववर्ती सपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘कोई भूल नहीं सकता कि पांच साल पहले यूपी को लेकर क्या चर्चा होती थी. पांच साल पहले दबंग और दंगाई ही कानून थे. उनका कहा शासन का आदेश था. पांच साल पहले व्यापारी लुटता, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे. पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब यह क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था तो पहले वाली (तत्कालीन) सरकार उत्सव मना रही थी.’
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों की 21 विधानसभा क्षेत्रों की 98 मंडल इकाइयों (भाजपा की प्रखंड स्तरीय संगठनात्मक इकाई) पर सीधे प्रसारित होने वाले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘पांच साल पहले गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-जमीन-दुकान पर अवैध कब्जा, यह समाजवाद का प्रतीक था. आए दिन लोगों के पलायन की खबर आती थीं, अपहरण, फिरौती, रंगदारी ने मध्यम वर्ग और व्यापारियों को तबाह कर रख दिया था.’
प्रधानमंत्री ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बिना नाम लिए बगैर उन पर तंज कसते हुए कहा, ‘जो देश के अपने टीके पर विश्वास नहीं करते, वैज्ञानिकों पर भरोसा नहीं करते क्या वे यूपी के युवाओं की प्रतिभा का सम्मान कर सकते हैं? यूपी को ऐसी सरकार चाहिए, जो अपनी विरासत पर गर्व करे और ज्ञान-विज्ञान और आधुनिकता को बढ़ाए. ये काम भाजपा ही कर रही है और भाजपा ही कर सकती है.’
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2017 के पहले की सरकार आधी-अधूरी योजनाएं बनाने और उसके शिलान्यास में माहिर थी, ‘बस पत्थर टांग लेती थी.’ मोदी ने आरोप लगाया कि अस्पताल, सड़कें, एक्सप्रेस-वे ये सालों-साल परियोजनाओं को खींचते थे, ताकि उससे अपनी कमाई कर सकें.
बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं सुनता हूं कि कुछ लोगों को सपने आते हैं. सपने किसको आते हैं? जो सोता रहता है उसको सपने आते हैं, जो जागता है वह संकल्प लेता है. योगी जागने वाले, जगाते रखने वाले हैं, इसलिए संकल्प करने वाले नेता हैं.’
गौरतलब है कि सपा प्रमुख ने बीते दिनों कहा था कि उनके सपनों में भगवान श्रीकृष्ण आते हैं और कहते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी.
आचार संहिता के उल्लंघन पर भाजपा सांसद रवि किशन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
नोएडा: भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता तथा गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन के खिलाफ नोएडा में चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है.
इस मामले में पुलिस ने चुनाव अधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है. उनके आदेश आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) इला मारन ने बताया कि रवि किशन रविवार को नोएडा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने आए थे. उन्होंने बताया कि इस दौरान चोटपुर कॉलोनी में चुनाव प्रचार के समय आदर्श आचार संहिता तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ.
उन्होंने बताया कि इस बाबत एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसमें नियमों का उल्लंघन होता नजर आ रहा है. मारन ने कहा कि वीडियो के आधार पर पुलिस ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर नोएडा विधान सभा के निर्वाचन अधिकारी को भेजा है. उनके आदेश के बाद इस मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा विधायक पर समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज
कानपुर: कानपुर के किदवाई नगर क्षेत्र से भाजपा विधायक और प्रत्याशी महेश त्रिवेदी के खिलाफ चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने, चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने रविवार को बताया कि यह मुकदमा सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज किया गया है, जिसमें वह अपने समर्थकों को कानून हाथ में लेने के लिए उकसा रहे हैं.
Kanpur : BJP Leader Mahesh Trivedi का भड़काऊ बयान, कहा- 'विरोधियों को डंडे-चप्पलों से मारो…'https://t.co/zTI0oFPG2X
— रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) January 27, 2022
उन्होंने बताया कि यह मुकदमा फ्लाइंग स्क्वाड टीम के मुखिया सुधांशु त्रिपाठी की शिकायत पर बीते 29 जनवरी को नौबस्ता थाने में दर्ज किया गया है और इसमें विधायक पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप भी लगाया गया है.
एक अन्य अधिकारी ने उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि भाजपा विधायक इस वीडियो में अपने समर्थकों से कथित रूप से कह रहे हैं कि वे विरोधियों को लाठी-डंडों और चप्पलों से पीटें, मगर गोली न मारें, बाकी सब वह देख लेंगे.
तिवारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.
एआईएमआईएम प्रत्याशी ने पैसे मांगने का आरोप लगाकर नामांकन वापस लिया
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के शहर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी ने सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी पदाधिकारी उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के एवज में पैसे की मांग कर रहे थे.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन पार्टी के शाहजहांपुर नगर विधानसभा के प्रत्याशी नौशाद कुरैशी ने बताया कि पार्टी प्रत्याशी के रूप में उन्होंने 28 जनवरी को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद लगातार पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी चुनाव लड़ाने के एवज में उनसे पैसे की मांग कर रहे थे, जबकि यही पदाधिकारी दूसरे प्रत्याशियों की मदद कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इससे वह काफी परेशान हो गए तथा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि वह (स्वयं) हिंदू-मुसलमान एकता की बात करते हैं, जबकि उनकी पार्टी सिर्फ एक वर्ग विशेष की बात करती है. ओवैसी सिर्फ मुसलमानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं. इसी तरह भाजपा हिंदू की बात करती है दोनों एक दूसरे को बरगलाने का काम कर रहे हैं.
नौशाद ने बताया कि इसी कारण उन्होंने आज अपना नामांकन वापस ले लिया है और पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
शहर विधानसभा के निर्वाचन अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एआईएमआईएम के शहर विधानसभा के प्रत्याशी नौशाद कुरैशी ने आज सोमवार को अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है.
मोदी-योगी सरकारों में ‘घर जमाई’ बन गई है ‘डायन’ महंगाई: सुरजेवाला
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो ‘डायन’ महंगाई है वह मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) – योगी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) सरकारों में ‘घर जमाई’ बन गई है. उन्होंने महंगाई से मुक्ति के लिए भाजपा की सरकार से मुक्ति पाने का अनुरोध किया.
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सोमवार को लखनऊ स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में ‘महा महंगाई, भाजपा लाई’ पुस्तक का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में 2014 में कांग्रेस सरकार और सात वर्षों में बढ़ी महंगाई का फर्क समझाते हुए कहा कि ‘जो डायन महंगाई है, वह मोदी-योगी सरकारों में घर जमाई बन गई है.’
उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा नीत सरकारों पर प्रहार करते हुए दावा किया, ‘एक तरफ देश के लोगों को महंगाई की आग में झोंक दिए तो दूसरी तरफ सात साल में भाजपा की संपत्ति 780 करोड़ से बढ़कर 4850 करोड़ हो गई यानी साढ़े पांच सौ प्रतिशत बढ़ गई और हम दो, हमारे दो की संपत्ति हर रोज एक हजार करोड़ बढ़ रही है.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं किसान हूं और इस देश के 62 करोड़ किसान की पीड़ा मेरे मन को कचोटती है, यह पहली सरकार है जिसने खाद, कीटनाशक दवाइयों पर कर लगाया है. ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर भी कर लगा दिया है.’
उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी और अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ का संत होने से पहले का नाम) ने 17.5 लाख करोड़ रुपये किसान की जेब से निकाला है. सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी जी अलग और अजय सिंह बिष्ट जनता की अलग जेब काटते हैं और दोनों जेब काटते हैं.
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई महंगाई और बेरोजगारी से है और पहली लड़ाई उनसे है जो मठाधीश दिल्ली और लखनऊ दोनों में सात साल से और एक पांच साल से लोगों की जिंदगियां लूट रहे हैं, पहली लड़ाई उनसे हैं.
चुनाव में सत्तारूढ़ दल के प्रचार प्रसार पर कटाक्ष करते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘चुनाव में श्मशान, कब्रिस्तान, तमंचा और दो लड़के, एक दूसरे के लिए गाली गलौज और हर बार की तरह फिर विभाजन की कोशिश सब चीजें यूपी के चुनाव में चल रही हैं सिवाय उनके जिनका यूपी और देश की जिंदगी पर असर पड़ता है- महंगाई और बेरोजगारी.’
महामहंगाई – भाजपा लाई
भाजपा को हराईये, महंगाई पर विजय पाईये!
जिन्हें सौंपी थी रोशनी की रहनुमाई,
बुझाकर चिराग वे दे रहे हैं उजाले की दुहाई…हमारा बयान-: pic.twitter.com/FzUY9mzM9B
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 31, 2022
महंगाई पर जारी कांग्रेस की पुस्तिका की चर्चा करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि ‘महा महंगाई, भाजपा लाई’ पुस्तक का शीर्षक इसलिए दिया क्योंकि ‘यही इस देश और प्रदेश का सत्य है. इसलिए हम कहते हैं कि भाजपा को हराइए, महंगाई पर विजय पाइए. ’
उन्होंने कहा, ‘सुबह उठकर जब लोग चाय बनाते हैं तो गैस का सिलेंडर एक हजार रुपये पा रहे हैं, खाने का तेल दो सौ रुपये और दफ्तर जाते हैं तो पेट्रोल सौ रुपये में भराते हैं और घर लौटते हुए राशन खरीदते तो कई गुना दाम चुकाते हैं. ’
महंगाई का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा, ‘लोग सुकून से अब एक प्याला चाय नहीं पी सकते हैं, क्योंकि 2014 में जब कांग्रेस की सरकार गई तो जो चाय 130-140 रुपये किलो थी, वह आज 400-500 रुपये किलो हो गई. दाल, चना, राजमा, टमाटर, अरहर, मटर, मूंग सब कुछ लोगों की थाली से दूर होता जा रहा है. ’
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के लोगों की जेब काटी जा रही है पर भाजपा की संपत्ति बढ़ रही है.
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने पिछले सात साल में पेट्रोल डीजल पर कर लगाकर 24 लाख करोड़ रुपये कमाया है, अगर 2014 में कांग्रेस सरकार के समय की एक्साइज डयूटी हो तो आज पेट्रोल की कीमत लखनऊ में 26.5 रुपये कम हो जाएगी और डीजल की कीमत सवा 25 रुपये कम हो जाएगी.
पंजाब विधानसभा चुनाव
बलबीर सिंह राजेवाल ने केजरीवाल पर उन्हें बदनाम करने के प्रयास का आरोप लगाया
समराला: संयुक्त समाज मोर्चा के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल पर पार्टी द्वारा भगवंत मान को चुनने से पहले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए उनके नाम को अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में ‘प्रचारित’ करने और उन्हें बदनाम करने के प्रयास का आरोप लगाया.
राजेवाल केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले कई किसान यूनियन में से एक मोर्चे का नेतृत्व कर रहे थे.
राजेवाल ने दिल्ली में पिछले साल गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में आरोपी लक्खा सिधाना को टिकट देने के अपने संगठन के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि किसान नेता शुरू में उन्हें नहीं चाहते थे, लेकिन वह ‘लोगों की पसंद’ थे.
जब उनसे पूछा गया कि आपराधिक पृष्ठभूमि और उनके कारण हुई परेशानी से अवगत होने के बाद उन्हें टिकट क्यों दिया गया, राजेवाल ने कहा कि सिधाना ने ‘अपने तौर-तरीके बदलने का वादा किया है.’
किसान नेता ने निर्वाचन आयोग द्वारा उनके संगठन को पार्टी का चुनाव चिह्न आवंटित करने में देरी पर भी सवाल उठाए और इसे भाजपा और ‘आप’ की साजिश बताया.
संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) कई किसान संगठनों का एक राजनीतिक मोर्चा है, जिन्होंने केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल के लंबे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. इन कानूनों को अब वापस ले लिया गया है.
एसएसएम के गठन से पहले, ऐसी अटकलें थीं कि ‘आप’ ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने के लिए राजेवाल से संपर्क किया है. हालांकि ‘आप’ ने इन खबरों को खारिज कर दिया था.
किसान नेता ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए ‘आप’ के उनसे संपर्क करने की बात से इनकार किया, हालांकि उन्होंने दावा किया कि उनका नाम केजरीवाल द्वारा प्रचारित किया गया था.
लुधियाना के समराला के एक गांव में रविवार को चुनावी सभा के बाद राजेवाल ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल से उनके नाम का प्रचार बंद करने को कहा था.
राजेवाल ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम को प्रचारित करके उनका लक्ष्य मुझे बदनाम करना था. मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनना है या उनसे कभी बातचीत की.’
राजेवाल ने कहा कि उन्होंने एक बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री से कहा था कि यह अस्वीकार्य है और उनकी पार्टी ने पैसे लेकर टिकट दिए हैं.
‘आप’ पहले भी इन आरोपों को खारिज कर चुकी है कि उन्होंने पैसे लेकर टिकट दिए हैं.
राजेवाल ने कहा कि ‘आप’ ने 60 सीटों की मांग के बदले में उन्हें 20-25 सीट देने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, उन्होंने पहले ‘आप’ के साथ गठबंधन से इनकार किया था और दावा किया था कि उनके संगठन ने कभी भी सीट बंटवारे पर पार्टी के साथ बातचीत नहीं की.
वहीं, केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव के लिए एसएसएम के साथ गठबंधन सीट बंटवारे को लेकर मतभेदों के कारण नहीं हो पाया.
यह पूछे जाने पर कि चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में उनका मोर्चा ‘आप’, कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी का समर्थन करेगा, किसान नेता ने कहा कि यह समय आने पर देखा जाएगा.
मेरी सरकार द्वारा किए गए कामों का श्रेय लेना चाह रहे हैं चन्नी: अमरिंदर
पटियाला: पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कल्याणकारी कार्यों के दावों को खारिज करते हुए दावा किया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार उन कार्यों का श्रेय ले रही है, जो राज्य में उनके मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए किए गए थे.
पिछले साल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी.
बाद में उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से नया दल बनाया और राज्य में 20 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी का भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) से गठबंधन है.
पटियाला शहरी विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद यहां अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने दावा किया कि यह उनकी सरकार थी जिसने बेअदबी और मादक द्रव्यों के मामलों में कड़ी कार्रवाई की.
उन्होंने कहा, ‘चन्नी अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि के रूप में जो कुछ भी दावा कर रहे हैं, वह मेरी सरकार द्वारा पूरा किया गया, जिसमें नौकरियों का सृजन, सामाजिक कल्याण योजनाएं, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और किसानों की कर्जमाफी शामिल है.’
अमरिंदर सिंह ने एक बयान में कहा कि यहां तक कि बेअदबी और मादक द्रव्यों के मामले में भी, यह उनकी सरकार थी जिसने कड़े कदम उठाए थे.
सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने सीबीआई से बेअदबी के मामलों को वापस पाने के लिए उच्चतम न्यायालय तक कड़ी लड़ाई लड़ी, जिसके कारण पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी सहित 19 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि, जहां तक मादक द्रव्यों के मामलों का सवाल है, उनकी सरकार ने सफलतापूर्वक ‘ड्रग माफिया’ की रीढ़ को तोड़ा, जिससे कई बड़ी मछलियों सहित 40,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों को स्पष्ट समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि राज्य भर में 137 स्थानों पर नाकेबंदी के बावजूद, उनकी सरकार ने कार्रवाई नहीं की क्योंकि वह किसानों की चिंताओं से वाकिफ थे.
कृषि कानूनों को अंतत: निरस्त किए जाने की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि किसी देश के प्रधानमंत्री किसी भी नीतिगत फैसले के लिए माफी मांगते हैं, जैसा कि नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेते समय किया था.
मुख्यमंत्री चन्नी ने भदौर सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया
पंजाब के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को बरनाला जिले की भदौर (आरक्षित) सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया. कांग्रेस ने उन्हें चमकौर साहिब सीट से भी उम्मीदवार बनाया है.
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद चन्नी ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें भदौर सीट से चुनाव लड़ने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इलाका विकास की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है और वह एक विशेष उद्देश्य से यहां आए हैं. उन्होंने क्षेत्र का विकास करने का वादा करते हुए कहा, ‘हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल साहब (प्रकाश सिंह बादल) राज्य के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र में विकास की कमी रही है.’
चन्नी ने कहा कि वह ‘सुदामा’ की तरह यहां आए हैं और उन्हें उम्मीद है कि मालवा क्षेत्र के लोग ‘भगवान कृष्ण’ की तरह उनका ख्याल रखेंगे.
इस अवसर पर चन्नी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल भी मौजूद थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चमकौर साहिब सीट से उनके हारने के दावे के बारे में पूछे जाने पर चन्नी ने केजरीवाल को पंजाब के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने रविवार को दो सीटों से चुनाव लड़ने के लिए चन्नी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि वह चमकौर साहिब सीट से हार रहे हैं, जिसका वर्तमान में कांग्रेस नेता प्रतिनिधित्व करते हैं.
सुखबीर बादल ने जलालाबाद से नामांकन-पत्र दाखिल किया
चन्नी के अलावा शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
बादल ने जलालाबाद में रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस मौके पर सुखबीर बादल की पत्नी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी उनके साथ थीं.
बादल ने पत्रकारों से कहा कि जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र उनके परिवार की तरह है. जब बादल से उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार मोहन सिंह फलियांवाला के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.’
फिरोजपुर से मौजूदा सांसद सुखबीर बादल ने तीन बार- 2009 (उपचुनाव), 2012 और 2017 में जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री बादल ने 2019 में सांसद बनने के बाद विधायक का पद छोड़ दिया था.
राज्य में 25 जनवरी से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया एक फरवरी तक चलेगी. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा और 10 मार्च को मतगणना होगी.
शिअद संरक्षक प्रकाश सिंह बादल, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नामांकन दाखिल किए
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने सोमवार को लांबी सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और इस तरह वह चुनाव लड़ने वाले देश के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार बन गए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी राज्य में होने वाले चुनाव के लिए पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
अधिकारियों ने बताया कि पांच बार मुख्यमंत्री रहे 94 वर्षीय बादल ने मुक्तसर जिले के मलोट के निर्वाचन अधिकारी के समक्ष कागजी कार्रवाई पूरी की.
इसके साथ उन्होंने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार होने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता अच्युतानंदन 92 वर्ष के थे, जब उन्होंने 2016 में विधानसभा चुनाव लड़ा था.
उधर, कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ भाजपा के पंजाब चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत भी थे. सिंह 2002 से कांग्रेस के टिकट पर पटियाला से जीत रहे थे. हालांकि, पिछले साल कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया है.
अमरिंदर सिंह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें सितंबर में पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ तनातनी के बीच पद से हटा दिया था.
पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
कांग्रेस चुनाव में सैनिक प्रेमी बन जाती है: प्रहलाद जोशी
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने रविवार को कांग्रेस पर चुनाव के मौके पर सैन्य प्रेमी बनने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उसे सैनिकों की इतनी चिंता थी तो उसने ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना लागू क्यों नहीं की.
प्रदेश में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले देहरादून में भाजपा का चुनावी थीम गीत और चुनावी बैनर जारी करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में जोशी ने कहा कि अपनी सुविधा की दृष्टि से कांग्रेस हिंदू बनने के साथ ही चुनाव में सैनिक प्रेमी बन जाती है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को बताना चाहिए कि उन्होंने 1972 के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के आने तक सैनिकों की सबसे अहम और वाजिब मांग ‘वन रेंक वन पेंशन’ को क्यों नहीं लागू किया और भारतीय सैनिकों और सीमा की सुरक्षा के लिए अत्याधिक जरूरी आधुनिक हथियार और साजो-सामान क्यों नहीं खरीदा.’
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता यह कभी नहीं भूल सकती कि कभी कांग्रेस के एक सांसद ने देश के पहले रक्षा प्रमुख दिवंगत जनरल बिपिन रावत को गली का गुंडा कहा था और उसने भी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जब खून जमाने वाली ठंड में हमारे वीर जवान चीन के सैनिकों को खदेड़ रहे थे तो इनके नेता राहुल गांधी चोरी-छिपे चीनी दूतावास में हाई-टी पार्टी का लुफ्त उठा रहे थे.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा के डबल इंजन के तालमेल के कारण उत्तराखंड में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से भी अधिक विकास परियोजनाएं संचालित हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में डबल इंजन सरकार चलाने का मौका एक बार कांग्रेस को भी मिला था, लेकिन उनके राज्य और केंद्र सरकार के दोनों इंजन विपरीत दिशा में दौड़ते रहे और एक भी बड़ा काम उन्होंने प्रदेशवासियों के लिए नहीं किया.
कांग्रेस के चुनावी अभियान ‘चार धाम चार काम नहीं’ पर तंज कसते हुए जोशी ने कहा कि जनता बखूबी जानती है कि सत्ता में आने पर उनका एक ही काम होता है और वह है दाम वसूलना.
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत का नाम लिए बिना केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जो स्टिंग कैमरे पर अपने ही प्रदेश को लूटने का लाइसेंस देते नजर आए. कांग्रेस को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की जगह भारतीय राष्ट्रीय कन्फ़्यूजन पार्टी बताते हुए कहा कि उनके नेता राहुल गांधी की ‘कन्फ्यूजन’ की आदत उनकी पूरी पार्टी में फैल गई है और इसीलिए पहले चुनाव न लड़ने की बात कहने वाले एक नेता अब चुनाव लड़ रहे हैं.
जोशी ने कहा कि भाजपा अपने औपचारिक चुनाव अभियान की शुरुआत एक फरवरी को करेगी और इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहेंगे.
गोवा विधानसभा चुनाव
गोवा में राकांपा-शिवसेना के साथ गठजोड़ नहीं होने के बावजूद ‘दोस्त बने रहेंगे’: चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राकांपा-शिवसेना के बीच गठबंधन नहीं हो सका, लेकिन ‘दोस्ती कायम रहेगी’ और चुनाव के बाद भी कांग्रेस उनके साथ ‘काम करने’ के अवसरों को तलाशना जारी रखेगी.
गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रभारी चिदंबरम ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमससी) पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने गठजोड़ के प्रस्ताव के बावजूद कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में करने का प्रयास जारी रखा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत करने के लिए पार्टी नेतृत्व से कोई निर्देश नहीं मिला और कहा, ‘मुझे यकीन है कि हमारे नेतृत्व ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखा था.’
चिदंबरम ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में गोवा ने 2019-20 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सबसे कम वृद्धि दर्ज की और कहा कि गोवा ‘बेहतर करने’ का हकदार है.
उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव से पहले या बाद में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेगी या नहीं यह सभी उम्मीदवारों से परामर्श करने के बाद तय किया जाएगा और पार्टी उनके बीच आम सहमति से चलेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि गोवा चुनाव में मुकाबला ‘कांग्रेस (साथ में गोवा फॉरवर्ड पार्टी) और भाजपा के बीच है और हम बहुमत हासिल करने में सक्षम होंगे.’
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों विशेषकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना के साथ गठजोड़ क्यों नहीं कर पाई, चिदंबरम ने कहा कि राकांपा और शिवसेना महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी हैं और वह उन्हें गोवा में भी सहयोगी बनाना पसंद करती.
चिदंबरम ने कहा, ‘हमने कोशिश की. उन्होंने कुछ प्रस्ताव दिए. हमने कुछ प्रस्ताव दिए. दुर्भाग्य से इस बारे में कोई बैठक नहीं हो पाई. मैं स्वीकार करता हूं कि दोनों पक्षों की मजबूरियां थीं और हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद हम बैठक के बिंदु पर नहीं पहुंच पाए.’
उन्होंने कहा, ‘फिर भी हम दोस्त हैं और दोस्त रहेंगे. चुनाव के बाद हम राकांपा और शिवसेना के साथ मिलकर काम करने के अवसर तलाशते रहेंगे.’
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया, जिसे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) नाम दिया गया.
शिवसेना और राकांपा ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वे गोवा चुनाव एक साथ लड़ेंगे. गठजोड़ नहीं करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस की स्थिति को समझने में सक्षम नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘वे कुछ महीने पहले गोवा में दाखिल हुए और मेरी विशिष्ट मित्र ममता जी ने गोवा में घोषणा की कि टीएमसी ने गठबंधन किया है और उनके गठबंधन में शामिल होने के लिए किसी भी अन्य पार्टी का स्वागत है. टीएमसी के महासचिव ने घोषणा की कि टीएमसी सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. फिर उन्होंने कांग्रेस विधायक लुइजिन्हो फलेरियो को टीएमसी में आने का प्रलोभन दिया.’
उन्होंने घटनाक्रम का विवरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने 16 दिसंबर को मौजूदा विधायक रेजिनाल्ड लॉरेन्को के नाम समेत अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की और चार दिन बाद, 20 दिसंबर को लॉरेन्को को टीएमसी में शामिल कराया गया था.
चिदंबरम ने कहा, ‘24 दिसंबर को टीएमसी के उपाध्यक्ष ने मुझसे मुलाकात की और सुझाव दिया कि दोनों पार्टियों को गोवा में मिलकर काम करना चाहिए. मैं अपने नेतृत्व को इस सुझाव के बारे में अवगत कराने के लिए सहमत हुआ और मैंने तुरंत ऐसा किया.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, टीएमसी ने हमारे नेताओं, सरपंचों, पंचों, अन्य को तोड़ना जारी रखा, उदाहरण के लिए वास्को और मरमुगाओ के नाम हैं.’
चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे हमारे नेतृत्व से टीएमसी के साथ बातचीत करने का कोई निर्देश नहीं मिला. मुझे विश्वास है कि हमारे नेतृत्व ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखा है. जहां तक मैं समझता हूं, मामला वहीं थम चुका है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)