मध्य प्रदेश: कथित तौर पर भाजपा नेता द्वारा संचालित गोशाला में गायें मृत पाई गईं, केस दर्ज

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया क़स्बे का मामला. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि तथाकथित हिंदू धर्म संरक्षक केवल धर्म का चोला ओढ़कर कर राजनीति करते हैं. इन्हें न हिंदू धर्म से मतलब है, न गोसेवा से, उन्हें धर्म का दुरुपयोग कर सत्ता हासिल कर पैसा कमाना है. पूरी भाजपा और ​विश्व हिंदू परिषद गोशाला संचालक को बचाने में लग गया है.

/
Cows are packed into a gaushala, or cattle shelter, in the town of Barsana that takes in cattle seized from Muslims by vigilantes in the Indian state of Uttar Pradesh. REUTERS/Cathal McNaughton
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया क़स्बे का मामला. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि तथाकथित हिंदू धर्म संरक्षक केवल धर्म का चोला ओढ़कर कर राजनीति करते हैं. इन्हें न हिंदू धर्म से मतलब है, न गोसेवा से, उन्हें धर्म का दुरुपयोग कर सत्ता हासिल कर पैसा कमाना है. पूरी भाजपा और ​विश्व हिंदू परिषद गोशाला संचालक को बचाने में लग गया है.

Cows are packed into a gaushala, or cattle shelter, in the town of Barsana that takes in cattle seized from Muslims by vigilantes in the Indian state of Uttar Pradesh. REUTERS/Cathal McNaughton
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास बैरसिया कस्बे के बसई गांव में स्थित ‘गोसेवा भारती गोशाला’ में रविवार को सैकड़ों की संख्या में गायों के मृत पाए जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद इस गोशाला संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

बताया जा रहा है कि गोशाला संचालक निर्मला देवी शांडिल्य स्थानीय भाजपा नेता हैं.

इस घटना के सामने आने के बाद मचे विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि इस गोशाला में 500 से अधिक गायें मृत पाई गई हैं और इस गोशाला का संचालन एक भाजपा नेत्री द्वारा किया जाता है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, गायों की मौत को लेकर स्थानीय लोगों और गोरक्षकों ने गोशाला के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. गोशाला से संबंधित वायरस वीडियो में एक कुएं के अंदर गाय के शव और केंद्र की चारदीवारी के चारों ओर बिखरे हुए उनके कंकाल देखे जा सकते हैं.

जिला कलेक्टर ने गायों की मौत की जांच के आदेश दे दिए हैं और गाय के शवों के पोस्टमॉर्टम कराने का भी निर्देश दिया है. कलेक्टर कार्यालय ने बैरसिया विकासखंड के अधिकारियों को संबंधित गोशाला का अधिग्रहण करने का भी निर्देश दिया है.

भोपाल जिला कलेक्टर के निर्देश पर बैरसिया एसडीएम द्वारा बैरसिया थाने में गोशाला प्रमुख के खिलाफ आईपीसी की धारा 269 (लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) और 270 (घातक कृत्य से जीवन के लिए खतरनाक रोग का संक्रमण फैलने की संभावना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता निर्मला देवी शांडिल्य की गोशाला में रविवार को कुएं में 20 गायों के शव, मैदान में 80 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल पड़े मिले थे. इससे पहले गायों की मौत 29 जनवरी की रात को ही हुई थी. इसके बाद पुलिस ने गोशाला संचालक निर्मला देवी पर केस दर्ज किया है.

इसके बाद प्रशासन ने गोशाला का संचालन अपने हाथ में ले लिया. निर्मला देवी पिछले 20 साल से इस गोशाला का संचालन कर रही थीं.

रिपोर्ट के अनुसार, यह गोशाला सरकारी जमीन पर है. करीब 10 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया है. यहां तार फेंसिंग कर बाड़ा बनाया गया है. आसपास के गांवों के किसान मवेशियों को गोशाला में छोड़ जाते हैं. मवेशी की सेवा के लिए किसान 100-200 रुपये का अनुदान देते हैं.

दैनिक भास्कर से बातचीत में गोशाला की संचालक निर्मला देवी ने बताया, ‘एक गाय की सेवा के लिए प्रशासन से डेढ़ रुपये मिलते हैं, वह भी दो-तीन साल में. ऐसे में इतने कम पैसे में गाय की सेवा करना मुमकिन नहीं. फिर भी मैं अपने स्तर पर गायों की सेवा कर रही हूं.’

ठंडक की रात में गायों को खुले आसमान के नीचे रखने पर उन्होंने कहा, ‘प्रशासन ने गायों को बाहर रखा है. मैंने गायों के लिए पन्नी लगाकर उनके रहने की व्यवस्था बनाई थी, जिसे प्रशासन ने निकाल दिया.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय निवासी घनश्याम गुप्ता ने आरोप लगाया कि गोशाला प्रमुख एक रैकेट चला रही थी, जिसमें गायों को मारकर उनकी खाल और हड्डियों का व्यापार किया जाता है.

हालांकि गोशाला प्रमुख निर्मला देवी शांडिल्य ने स्थानीय निवासियों के आरोपों से इनकार किया है.

उन्होंने कहा, ‘लोग अपनी बीमार गायों को यहां छोड़ देते हैं. आप जो लाशें देख रहे हैं वे उन गायों की हैं, जो बीमारियों के कारण मरी हैं. ये गायें हमारी गोशाला की नहीं हैं, बल्कि बाहरी लोगों द्वारा छोड़ दी गई हैं. ग्रामीण मेरी गोशाला को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि मैंने यहां जुआ और शराब का अवैध व्यापार बंद करवा दिया. मैं इस मामले में किसी भी जांच या मामले का सामना करने के लिए तैयार हूं.’

बहरहाल, समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर कहा, ‘भोपाल जिलाधिकारी अविनाश लवानिया ने इस गोशाला का निरीक्षण किया और गायों की मौतों के विषय पर संज्ञान लेते हुए गोशाला संचालक को तुरंत हटाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही गोशाला का रिसीवर जनपद सीईओ बैरसिया को बनाया गया है.’

इसमें कहा गया है कि लवानिया ने विगत कई दिनों में मृत गायों के शवों को एक जगह गलत तरीके से एकत्रित करने और सही से क्रियाकर्म नहीं करने पर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बैरसिया को गोशाला संचालक के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही गोशाला की मृत गायों के शवों का उचित रीति से अंतिम संस्कार करने को कहा गया है.

विज्ञप्ति के अनुसार, इसके बाद गोशाला संचालक के खिलाफ बैरसिया पुलिस थाने में आज (रविवार) एक एफआईआर दर्ज की गई है. जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि सभी जीवित गायों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए और कोई विशेष बीमारी के लक्षण मिलने पर विशेष उपचार की व्यवस्था की जाए.

इसके साथ ही निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि गायों की मौत का कारण जानने के लिए कुछ गायों के शवों का परीक्षण कराया जाए.

लवानिया ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में सभी गोशालाओं का निरीक्षण किया जाए, गायों के आहार की व्यवस्था के लिए भी अधिकारी इसका परीक्षण करें और स्थानीय लोगों को जोड़कर इसकी व्यवस्था सुचारू बनाएं.

निर्देश के अनुसार, सभी गोशालाओं में गायों के स्वास्थ्य परिक्षण के लिए विशेष शिविर लगाए, गायों की आकस्मिक मौत होने पर तुरंत इसकी जांच करें और इसकी सूचना संबंधित एसडीएम को सौंपे.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘आरएसएस-वीएचपी संचालित बैरसिया गोशाला का हृदय विदारक दृश्य. क्या ऐसे लोग जो शासन से अनुदान लेकर इसका संचालन कर रहे हैं, उन्हें हम कभी माफ कर सकते हैं? कभी नहीं.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘यह सभी तथाकथित हिंदू धर्म संरक्षक केवल धर्म का चोला ओढ़कर कर राजनीति करते हैं. इन्हें न हिंदू धर्म से मतलब है, न गोसेवा से, उन्हें धर्म का दुरुपयोग कर सत्ता हासिल कर पैसा कमाना है. पूरी भाजपा, ​वीएचपी (विश्व हिंदू परिषद) व मामूगैंग श्रीमती शांडिल्य और संचालक मंडल को बचाने में लग गई है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘गोहत्या का प्रकरण दर्ज नहीं किया. कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई. गोहत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की लड़ाई कांग्रेस आखिरी दम तक लड़ेगी. गृह मंत्री जी मौन क्यों हैं?’

दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘बैरसिया भोपाल जिले में कई वर्षों से भाजपा नेत्री निर्मला देवी शांडिल्य द्वारा संचालित गोशाला में गाय की हड्डी व चमड़े का व्यापार चला हुआ था. आज 500 से अधिक गाय मृत पाई गईं. मैं शासन से निम्न मांग करता हूं कि गोशाला के संचालक मंडल पर गो-हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाए.’

उन्होंने कहा, ‘सैकड़ों गोमाता की हत्या करने वाली भाजपा और विश्व हिंदू परिषद संचालित गोशाला को शिवराज उर्फ मामा उर्फ मामू ने करोड़ों अनुदान दिया. गोसेवा नहीं, गोहत्या के लिए चमड़ा और हड्डियों के व्यापार के लिए.’

दिग्विजय ने कहा कि क्या शांडिल्य चमड़े और हड्डियों का व्यापार कर रहीं थीं? इसकी भी जांच होनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने इस गोशाला को पिछले वर्षों में मिले अनुदान की भी जांच कराने की मांग की.

उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा, संघ और वीएचपी सभी मौन हैं. नगर पालिका में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राजू धाकड़ ने बैरसिया थाने पर धरना दिया तब मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘बैरसिया में तथाकथति भाजपा नेत्री शांडिल्य द्वारा संचालित गोशाला में अनगिनत गायों की मौत. डरा देने वाला मंजर. गायों की लाश ही लाश दूर-दूर तक.’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को तत्काल जांच के आदेश देना चाहिए.

दिग्विजय के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने से कहा, ‘दिग्विजय सिंह को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बारे में बोलना चाहिए, जिन्होंने केरल में सड़क पर गोमांस खाया. भाजपा गायों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि कांग्रेस के दिग्गज इस मुद्दे पर केवल राजनीति करते हैं.’

चतुर्वेदी ने कहा कि जिला प्रशासन ने गोशाला संचालक के खिलाफ पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और कानून के अनुसार आगे के कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)