विधानसभा चुनाव राउंड-अप: नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह चुनाव दंगाइयों और माफ़ियाओं को उत्तर प्रदेश की सत्ता हथियाने से रोकने का है. भाजपा से सपा में शामिल स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपी में इस बार 47 सीटों पर सिमट जाएगी भाजपा. असदुद्दीन ओवैसी ने हमले के बाद ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा लेने से इनकार किया. पंजाब के मुख्यमंत्री के भतीजे की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तारी के बाद विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर उठाए सवाल. गोवा में कांग्रेस उम्मीदवारों ने राहुल गांधी की मौजूदगी में दलबदल विरोधी शपथ ली.
गाजियाबाद/नई दिल्ली/लखनऊ/देहरादून/चंडीगढ़/पणजी/इम्फाल: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गरीबों और छोटे व्यापारियों की कोई चिंता नहीं बल्कि वह अपने ‘बड़े कॉरपोरेट मित्रों’ के लिए काम कर रही है.
कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने गाजियाबाद में घर-घर प्रचार अभियान में शिरकत की.
उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी के चुनावी कार्यक्रमों में जुट रही भीड़ राज्य की राजनीति में ‘बदलाव की लहर’ में तब्दील होगी.
गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम जहां भी प्रचार कर रहे हैं, हम देखते हैं कि लोग उत्साहित हैं. मुझे उम्मीद है कि यह उत्साह उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदलाव की लहर में तब्दील होगा.’
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘नोटबंदी और लॉकडाउन किया गया, लेकिन सरकार लोगों को राहत देने में नाकाम रही. यह सरकार केवल अपने बड़े कॉरपोरेट मित्रों के लिए काम करती है. यहां छोटे व्यापारियों, गरीबों और अन्य लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है.’
गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिया बिना उन पर निशाना साधा और कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाषा ‘सभ्य’ होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘चुनाव संबंधी चर्चाओं के दौरान लोगों पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. वे इस तरह की बातें क्यों कह रहे हैं कि ‘चर्बी निकाल देंगे’, ‘गर्मी निकाल देंगे’.’
चुनाव में 'चर्बी' और 'गर्मी' की नहीं, 'भर्ती' की बात होनी चाहिए। सभी राजनैतिक दलों से आग्रह करती हूँ की जनता के मुद्दों की बात करें।
श्रीमती @priyankagandhi जी
— UP Congress (@INCUttarPradesh) February 4, 2022
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा को इस बात को लेकर चिंता जतानी चाहिए कि कोविड-19 महामारी के बावजूद किस तरह लोग अपनी समस्याओं से निपट रहे हैं, किस तरह वे अपने कर्ज की किस्तें चुका रहे हैं और अपने बच्चों की स्कूल फीस भर रहे हैं?
गांधी ने दावा किया, ‘उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वे ‘चर्बी’ और ‘गर्मी’ के बारे में बात कर रहे हैं.’
2017 के चुनावों के दौरान गाजियाबाद की सभी सात विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के जीतने और कांग्रेस के लिए चुनौती पर प्रियंका गांधी ने कहा कि लोग उनसे (भाजपा) ‘तंग’ आ चुके हैं.
उन्होंने दावा किया, ‘वे (भाजपा विधायक) चुनाव के बाद कहीं नहीं दिखे. 2017 के बाद से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है.’
गाजियाबाद में घर-घर जाकर प्रचार करते हुए उन्होंने लोगों से कांग्रेस प्रत्याशी शुशांत गोयल के पक्ष में वोट डालने को कहा. सुशांत गोयल कांग्रेस के पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल के बेटे हैं, जिनकी 2020 में कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हो गई थी.
प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘व्यापारी जो देश की रीढ़ की हड्डी होते हैं, वित्तीय संकट के कारण दबाव में हैं और उत्तर प्रदेश सरकार कोरोनो वायरस महामारी के दौरान भी उनसे बिजली बिल वसूल रही है. उन्हें बिजली बिलों का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए थी.’
उन्होंने कहा कि जहां अन्य दल जाति और धर्म के आधार पर वोट मांग रहे हैं, वहीं कांग्रेस विकास के नाम पर चुनाव लड़ रही है.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान 10 फरवरी को गाजियाबाद में मतदान होना है. चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.
सांसदों/विधायकों के खिलाफ 4984 मामले लंबित, जिनमें से 1899 पांच साल से भी पुराने
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ कुल 4,984 मामले लंबित हैं, जिनमें 1,899 मामले पांच वर्ष से अधिक पुराने हैं.
न्याय-मित्र नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में शीर्ष न्यायालय को बताया कि दिसंबर 2018 तक कुल लंबित मामले 4,110 थे और अक्टूबर 2020 तक ये 4,859 थे.
अधिवक्ता स्नेहा कलिता के माध्यम से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चार दिसंबर 2018 के बाद 2,775 मामलों के निस्तारण के बावजूद सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामले 4,122 से बढ़कर 4984 हो गए. इससे प्रदर्शित होता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिक से अधिक लोग संसद और राज्य विधानसभाओं में पहुंच रहे हैं. यह अत्यधिक आवश्यक है कि लंबित आपराधिक मामलों के तेजी से निस्तारण के लिए तत्काल और कठोर कदम उठाए जाएं.’
सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने तथा सीबीआई व अन्य एजेंसियों द्वारा शीघ्रता से जांच कराने के लिए अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर शीर्ष न्यायालय समय-समय पर कुछ निर्देश जारी करता रहा है.
हंसारिया ने कहा कि उच्च न्यायालयों द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट से भी प्रदर्शित होता है कि कुछ राज्यों में विशेष अदालतें गठित की गई हैं, जबकि अन्य में संबद्ध क्षेत्राधिकार की अदालतें समय-समय पर जारी निर्देशों के आलोक में सुनवाई कर रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘क्षेत्राधिकार वाली ये अदालतें सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के साथ-साथ खुद को आवंटित अन्य दायित्वों का भी निर्वहन कर रही हैं. कई राज्यों में, वहीं न्यायाधीश अनुसचूति जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम आदि जैसे विभिन्न विधानों के तहत एक विशेष अदालत हैं.’’
न्याय-मित्र ने इस बात का जिक्र किया कि 25 अगस्त 2021 के आदेश के अनुसार, त्वरित जांच/मामलों की सुनवाई, अदालतों को बुनियादी ढांचे मुहैया करना और जांच में विलंब के कारणों का आकलन करने के लिए निगरानी समिति के गठन से जुड़े मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है.
उन्होंने न्यायालय से यह निर्देश जारी करने का अनुरोध किया कि सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रहीं अदालतें विशेष रूप से इन्हीं मामलों की सुनवाई करें और इन मामलों की सुनवाई पूरी होने के बाद ही अन्य मामले लिए जाएं.
ओवैसी ने ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा लेने से इनकार किया, सरकार ने कार्रवाई होने की बात कही
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपनी गाड़ी पर गोलियां चलने की घटना के बाद ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा देने की सरकार की पेशकश शुक्रवार को ठुकरा दी, वहीं सरकार ने कहा कि इस घटना के बाद राज्य सरकार गंभीरता से कार्रवाई कर रही है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में यह जानकारी भी दी कि इस घटना के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को सदन में बयान देंगे.
हैदराबाद से सांसद और देश के प्रमुख मुस्लिम नेता ओवैसी ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा, ‘मुझे ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा नहीं चाहिए. मुझे घुटन के साथ नहीं रहना, मुझे आजाद रहना है. मुझे जिंदा रहना है तो आवाज उठानी है और सरकार के खिलाफ बोलना है.’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बृहस्पतिवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश में ओवैसी की कार पर गोलियां चलने की घटना के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ओवैसी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कमांडो के घेरे वाली ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया.
लोकसभा में ओवैसी ने कहा, ‘आखिर कौन लोग हैं जो गोली पर भरोसा करते हैं, वोट पर नहीं. कौन लोग हैं, जिन्हें संविधान पर भरोसा नहीं. कौन लोग हैं जो इतनी नफरत पैदा करते हैं. मैं दो बार का विधायक हूं और चार बार का सांसद हूं. टोल पर मेरी गाड़ी रुकती है और छह फुट के फासले से चार गोलियां चलाई जाती हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इस नफरत को खत्म करिए. मैं सुरक्षा नहीं चाहता. मुझे ‘ए’ श्रेणी का नागरिक रहना है.’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘हमें आपकी चिंता है इसलिए आपको सुरक्षा दे रहे हैं.’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद ने कहा कि वह छह फुट के फासले से चार-चार गोली चलने से डरकर खोमाश बैठने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमलावर ‘किसकी किताबें पढ़कर इतने कट्टर हुए’. ओवैसी ने कहा कि अगर इस तरह की कट्टरता जारी रही तो ‘दक्षिणपंथी सांप्रदायिकता और आतंकवाद बढ़ेगा.’
ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं आपको आगाह कर रहा हूं कि पिछली गलती मत कीजिए. आपको नुकसान होगा, देश को नुकसान होगा.’
ओवैसी ने घटना के बाद फोन कर उनका हालचाल पूछने और पुलिस अधिकारियों से उनकी सुरक्षा के बारे में बात करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष बिरला का शुक्रिया अदा किया.
एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में उन्होंने कहा था कि यह गलत हुआ है और प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं. उन्होंने कहा कि तब विपक्ष के कुछ नेताओं ने मेरे बोलने पर आपत्ति जताई थी.
ओवैसी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के सिलसिले में कार्यक्रम में भाग लेकर मेरठ की तरफ से लौट रहे थे, तभी राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के हापुड़-गाजियाबाद खंड पर छिजारसी टोल प्लाजा के पास शाम करीब छह बजे उनकी कार पर गोली चलाई गई जिसमें कोई घायल नहीं हुआ.
उन्होंने लोकसभा में दावा किया कि दो लोगों ने रेकी की थी और उन्हें पता था कि वह मेरठ की तरफ से आ रहे हैं. वहीं, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
इस बीच हापुड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नौ पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी के काफिले पर हुए हमले के सिलसिले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया .
पुलिस ने बताया कि ओवैसी बृहस्पतिवार को मेरठ के किठौर में एक सभा को संबोधित करने के बाद गाजियाबाद लौट रहे थे, तभी पिलखुवा छिजारसी टोल टैक्स पार करते ही दो युवकों ने कथित रूप से सांसद के काफिले पर गोलीबारी की थी.
पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि ओवैसी के काफिले पर गोलीबारी करने के मामले में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि दोनों की पहचान शुभम और सचिन के रूप में की गई है और दोनों क्रमश: सहारनपुर तथा गौतमबुद्ध नगर जिले के रहने वाले हैं. .
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि ओवैसी और उनकी पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा दिए जाने वाले भड़काऊ बयानों से दोनों में आक्रोश था और इसी गुस्से को जाहिर करने के लिए उन्होंने घटना को अंजाम दिया.
यह चुनाव दंगाइयों, माफियाओं को उत्तर प्रदेश की सत्ता हथियाने से रोकने का है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव ‘हिस्ट्रीशीटर्स’ को बाहर रखने की ‘हिस्ट्री’ बनाने के लिए और साथ ही दंगाइयों व माफियाओं को पर्दे के पीछे से सत्ता हथियाने से रोकने का है.
उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़, हापुड़ और नोएडा के मतदाताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह चुनाव सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि की पहचान को बनाए रखने के लिए है.
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत राजा महेंद्र सिंह, चौधरी चरण सिंह और कल्याण सिंह के अलावा आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों पर देशवासियों का गर्व है वे उन्हें प्रणाम करते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह चुनाव उत्तर प्रदेश में शांति के स्थायित्व के लिए है, विकास की निरंतरता के लिए है, प्रशासन में सुशासन के लिए है, उत्तर प्रदेश के लोगों के तेज विकास के लिए है. यह चुनाव सुरक्षा सम्मान और समृद्धि की पहचान को बनाए रखने के लिए है.’
उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव हिस्ट्रीशीटर को बाहर रखने के लिए नई हिस्ट्री बनाने के लिए है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने यह मन बना लिया है कि दंगाइयों को, माफियाओं को, पर्दे के पीछे रहकर उत्तर प्रदेश की सत्ता हथियाने नहीं देंगे.’
योगी आदित्यनाथ ने 25 साल बाद उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया: अमित शाह
गोरखपुर: केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ की बड़ी सफलता है कि 25 वर्ष बाद उन्होंने राज्य में कानून का राज स्थापित किया है.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah एवं मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath ने गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की… pic.twitter.com/MBqPSXx6lz
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) February 4, 2022
विधानसभा चुनाव में योगी के गोरखपुर से नामांकन दाखिल करने से पहले यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने जनता से तेज आवाज में नारे लगाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘योगी जी को आज नामांकन दाखिल करना है, यहां से सहारनपुर तक आवाज जानी चाहिए कि भाजपा 300 का आंकड़ा पार कर रही है.’
उन्होंने कहा कि विपक्षी महागठबंधन पहले भी उत्तर प्रदेश में भाजपा से हार चुका है और आगे भी हारेगा.
शाह ने कहा कि गोरखपुर को एक जमाने में उत्तर प्रदेश-बिहार के माफियाओं के छिपने का स्थान माना जाता था, लेकिन आज गोरखपुर का मतलब बदल गया है. इसे उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘जी’ से गंगा एक्सप्रेस, ‘ओ’ से ऑर्गेनिक खेती, ‘आर’ से रोड, ‘ए’ से एम्स, ‘केएच’ से खाद का कारखाना, ‘पीयू’ से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, और ‘आर’ से रीजनल रिसर्च सेंटर बनाने का काम योगी आदित्यनाथ ने किया है.
उन्होंने कहा, ‘आज मैं गृह मंत्री होने के नाते गर्व से कहता हूं कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को माफियाओं से मुक्त कराने का कार्य किया है. अब राज्य में माफिया सिर्फ तीन जगह दिखाई देता है, या तो वह जेल में है, या तो वह प्रदेश से बाहर चला गया है और या तो वह सपा की विधानसभा सदस्यों की सूची में दिखाई देता है.’
शाह ने कहा, ‘आज विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, उनको तो लगता है कि कोरोना के कारण सभाएं सीमित हो गई हैं, लोगों के बीच जाना नहीं पड़ रहा है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भैया जो प्रचार करना है कर लो, उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के साथ है, भाजपा को फिर से 300 के पार सीटें मिलने वाली हैं.’
विपक्षी दलों सपा और बसपा पर तंज के साथ माफिया पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज यूपी की जनता को कहने आया हूं कि आजम खान, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी सारे योगी के शासन में सलाखों के पीछे हैं और अखिलेश बाबू अब कोई संभावना नहीं है. प्रदेश की जनता कई वर्षों बाद इनके आतंक से बाहर आई है.’
सपा और गुंडागर्दी पर्यायवाची, जहां सपा वहां गुंडागर्दी: जेपी नड्डा
जालौन: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को राज्य की मुख्य विपक्षी सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा और गुंडागर्दी एक दूसरे के पर्यायवाची हैं, और जहां सपा है, वहां गुंडागर्दी है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जालौन पहुंचे नड्डा ने शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सपा के शासन में माफिया राज रहा, अपहरण उद्योग बन गया था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के शासन में अपराध, लूट और दुराचार जैसी घटनाओं में काफी कमी आ गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की केंद्र और राज्य की भाजपा नीत सरकारों की उपलब्धियों को आंकड़ेवार गिनाते हुए नड्डा ने कहा, ‘आज भाजपा का नेता हो, कार्यकर्ता हो, पंच हो, सरपंच हो, विधान परिषद का सदस्य हो, वो सब चुनाव के समय छाती ठोक कर कहते हैं कि ये रहा हमारा रिपोर्ट कार्ड और इसके आधार पर हमें वोट दो, जबकि बाकी सारी पार्टियां कहती हैं कि हम ये करेंगे, हम ये करने वाले हैं.’
भाजपा अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि क्या कभी सपा और बसपा ने कोई काम गिनाए हैं. नड्डा ने तंज किया कि ‘वो (सपा-बसपा) आपको गिनाएंगे कि मैंने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया, मैंने उसके मकान पर कब्जा कर लिया, हां अगर वो बनवाएंगे तो जेल बनवा सकते हैं, क्योंकि उनके अधिकतर मित्र तो वहीं रहते हैं.’
नड्डा ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में पांच साल पहले तक माताओं-बहनों को घर से बाहर निकलने में डर लगता था, सामान्य व्यक्ति का जीना मुश्किल हो गया था, आज उसी प्रदेश में विकास की नई कहानियां लिखी जा रही हैं, एक के बाद एक विकास कार्य हो रहे हैं.
इस बार 47 सीटों पर सिमट जाएगी भाजपा: स्वामी प्रसाद मौर्य
भाजपा छोड़कर हाल में सपा में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि राज्य में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई वाले गठबंधन की लहर चल रही है और भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में 47 सीटों के आंकड़े तक सिमट जाएगी, जो उसे 2012 के विधानसभा चुनाव में मिली थी.
अपने दो मंत्रिमंडलीय सहयोगियों धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के साथ सपा में शामिल हुए मौर्य को पिछड़ी जातियों का प्रभावशाली नेता माना जाता है.
मौर्य ने समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा को दिए साक्षात्कार में दावा किया, ‘भाजपा वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के अपने आंकड़े पर फिर पहुंच जाएगी. सपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी और 10 मार्च के बाद भाजपा को पता चल जाएगा कि अन्य पिछड़ा वर्ग उसके साथ है या नहीं.’
भाजपा को वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि वर्ष 2017 के चुनाव में उसने 312 सीटों पर विजय प्राप्त की थी.
सपा की अगुवाई वाले गठबंधन की सरकार बनने पर उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर मौर्य ने कहा, ‘मैं विचारधारा के साथ गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए काम कर रहा हूं, न कि किसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए.’
इस सवाल पर कि क्या भविष्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का कोई नेता उप-मुख्यमंत्री बनेगा, मौर्य ने कहा, ‘यह इस बात पर चर्चा करने का वक्त नहीं है कि कौन उप-मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री होगा. चर्चा का विषय यह है कि उत्तर प्रदेश को कैसे भाजपा के शोषण से मुक्ति दिलाई जाए और इस पार्टी को सत्ता से बाहर कैसे किया जाए.’
अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर कुशीनगर जिले की ही फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे मौर्य ने इस बात से इनकार किया कि हाल में भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह की धमकी की वजह से उन्हें पडरौना सीट छोड़कर फाजिलनगर से लड़ना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘वह क्या चुनाव लड़ेंगे. अगर वह चुनाव मैदान में उतरते हैं तो हमारा प्रत्याशी उन्हें हरा देगा.’
हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए आरपीएन सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. मौर्य वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव कुशीनगर सीट से आरपीएन सिंह से हार चुके हैं. मौर्य वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
कुशीनगर में विधानसभा चुनाव के छठे चरण के तहत आगामी तीन मार्च को मतदान होगा.
किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा कि काश्तकारों को छुट्टा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए कड़ाके की सर्दी भरी रातों में खुले आसमान के नीचे अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा किसानों की हितैषी नहीं है. अगर होती तो वह विवादास्पद नए कृषि कानूनों को काफी पहले ही वापस ले लेती. चुनाव में हार के डर से उसने करीब एक साल बाद यह कानून वापस लिए.’
अखिलेश यादव तथा जयंत चौधरी सहित 400 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
नोएडा: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के खिलाफ थाना दादरी में आदर्श आचार संहिता तथा कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि तीन फरवरी की देर रात को थाना दादरी क्षेत्र के अंतर्गत चुनाव प्रचार में चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देश और कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन की घटना हुई.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी कुछ वीडियो सार्वजनिक हुए हैं और मामले का संज्ञान लेते हुए थाना दादरी पुलिस ने यादव, चौधरी, सपा के दादरी विधानसभा प्रत्याशी राजकुमार भाटी, सहित करीब 400 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
रालोद-सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन देगी माकपा
नोएडा: गौतम बुद्ध नगर जिला में दादरी तथा जेवर विधानसभा सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे रालोद-सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) समर्थन देगी. माकपा के जिला प्रभारी ने इसकी घोषणा की.
ग्रेटर नोएडा के स्वर्ण नगरी में स्थित प्रेस क्लब में बृहस्पतिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान माकपा के जिला प्रभारी गंगेश्वर दत्त शर्मा ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भाजपा के शासन में गरीब मजदूर और किसान के हालात बद से बदतर हो गए हैं. प्रदेश में दोबारा भाजपा को सरकार में आने से रोकना है.’
इस दौरान माकपा की जिला कमेटी के सदस्य रूपेश वर्मा भी मौजूद थे.
शर्मा ने कहा, ‘सपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकती है. इसलिए माकपा दादरी एवं जेवर से सपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशियों को अपना समर्थन देगी.’
माकपा के जिला प्रभारी ने कहा कि नोएडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे रालोद-सपा के संयुक्त प्रत्याशी को पहले ही माकपा अपना समर्थन दे चुकी है.
सबसे धनी उम्मीदवार ने 148 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की घोषणा की
नोएडा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रत्याशियों में से सबसे धनी उम्मीदवार के पास 148 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि दो उम्मीदवारों ने अपने पास शून्य संपत्ति होने की घोषणा की है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई.
शून्य संपत्ति की घोषणा करने वाले उम्मीदवारों को छोड़ दें तो दो प्रत्याशियों ने लगभग एक-एक हजार रुपये की संपत्ति की घोषणा की है और एक प्रत्याशी के पास दस हजार रुपये हैं. उम्मीदवारों की ओर से दायर हलफनामे पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया कि पहले चरण के चुनाव में प्रति उम्मीदवार औसतन 3.72 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, सपा के 28 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 13.23 करोड़ रुपये है. इसके अलावा भाजपा के 57 उम्मीदवारों के पास औसत 12.01 करोड़ रुपये की संपत्ति है. रालोद के 29 प्रत्याशियों के पास औसत 8.32 करोड़ रुपये और बसपा के 56 प्रत्याशियों के पास औसत 7.71 करोड़ रुपये हैं.
कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों ने औसत 3.08 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है और आम आदमी पार्टी के 52 प्रत्याशियों ने 1.23 करोड़ रुपये की.
भाजपा के अमित अग्रवाल (मथुरा कैंटोनमेंट) ने 148 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होने की घोषणा की है. बहुजन मुक्ति पार्टी के कैलाश कुमार ने और राष्ट्रीय निर्माण पार्टी की कुमारी प्रीति ने शून्य संपत्ति होने की घोषणा की है.
पंजाब विधानसभा चुनाव
मुख्यमंत्री के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस से मांगे जवाब
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी की गिरफ्तारी के चंद घंटे बाद विपक्षी दलों ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह (सरकार) जवाब के दायित्व से बच नहीं सकती.
हनी को कथित गैर-कानूनी रेत खनन से संबंधित एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वार जालंधर में कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद बृहस्पतिवार देर रात मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने चन्नी के भतीजे से संबंधित परिसरों से ईडी द्वारा भारी पैमाने पर नकदी बरामद किए जाने का जिक्र शुक्रवार को करते हुए कहा कि हनी ने चन्नी के 111 दिन की सरकार के दौरान अकूत पैसे कमाए.
चड्ढा ने आरोप लगाया, ‘यदि मुख्यमंत्री के तौर पर चन्नी की 111 दिनों की सरकार के दौरान एक रिश्तेदार ने जब इतनी ‘काली’ कमाई की तो कल्पना कीजिए पांच साल में उनके रिश्तेदार कितनी कमाई करेंगे.’
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता 20 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सजा देगी.
शिरोमणि अकाली दल नेता एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि वह कहते रहे हैं कि ‘पैसा पहले जब्त हुआ, उसके बाद गिरफ्तारी हुई’, फिर चन्नी कैसे इससे पीछा छुड़ा सकते हैं?’
मजीठिया ने कहा, ‘उत्तर देना उनका (मुख्यमंत्री) दायित्व है और मुख्यमंत्री तथा उनकी पार्टी को यह बताना चाहिए कि किस हैसियत से हनी को सुरक्षा मुहैया कराई गई. जब्त किया गया धन काली कमाई है.’
पिछले माह छापे के बाद ईडी सूत्रों ने दावा किया था कि एजेंसी ने 10 करोड़ रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिनमें से आठ करोड़ रुपये और अधिकतर कागजात अकेले हनी के थे.
हनी की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने वाले हैं.
इस बीच चन्नी ने कहा कि ईडी ने जिस तरह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के परिसरों पर छापे मारे थे, ठीक वही तरीका ईडी ने यहां भी किया, ताकि उन्हें, उनके मंत्रियों पर और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर दबाव बनाया जा सके.
शीर्ष पर बैठे लोग कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं: सिद्धू
अमृतसर: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा से पहले पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ‘शीर्ष पर बैठे लोग’ एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं.
अमृतसर में बृहस्पतिवार शाम अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा, ‘शीर्ष पर बैठे लोग एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं, जो उनके इशारे पर नाच सके.’
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह कांग्रेस आलाकमान की बात कर रहे हैं या फिर किसी और की. संपर्क करने पर सिद्धू के मीडिया सलाहकार ने कहा कि वह दरअसल केंद्र सरकार की तरफ इशारा कर रहे थे.
सिद्धू की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रविवार को लुधियाना में पंजाब चुनाव के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की संभावना है.
सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पिछले कई हफ्तों से परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से शीर्ष पद की उम्मीदवारी के लिए अपनी दावेदारी जताते आ रहे हैं.
जम्मू कश्मीर के माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल से लौटने के बाद समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुखातिब सिद्धू ने अमृतसर पूर्वी सीट से अपने खिलाफ चुनाव लड़ रहे अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर निशाना साधा.
उन्होंने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब को ‘लूटा’ और ‘अपराधियों को शह’ देकर राज्य में ‘गुंडा राज’ स्थापित किया.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए सिद्धू ने सवाल किया कि सतलुज-यमुना लिंक परियोजना पर केजरीवाल का क्या रुख है. उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिये राज्य की सत्ता चलाना चाहते हैं.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
खराब मौसम के चलते भाजपा को उत्तराखंड में रद्द करनी पड़ी प्रधानमंत्री की वर्चुअल रैली
उत्तराखंड में शुक्रवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल रैली खराब मौसम के कारण रद्द कर दी गई है. भाजपा ने यह जानकारी दी.
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय मौसम की स्थिति का आकलन करने के बाद संगठनात्मक स्तर पर लिया गया.
भाजपा की उत्तराखंड इकाई के उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि कार्यक्रम को जल्द ही पुनर्निर्धारित किया जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि ‘वर्चुअल’ रूप से की जाने वाली प्रधानमंत्री की रैली पर खराब मौसम का कैसे असर पड़ सकता है, भसीन ने कहा कि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के 14 विधानसभा क्षेत्रों में 56 स्थानों पर इंतजाम किए गए थे, जहां हर जगह एक-एक हजार लोगों की मौजूदगी होती.
उत्तराखंड में 3,000 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है, जबकि निचले इलाकों में बृहस्पतिवार सुबह से बारिश हो रही है.
राज्य में विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को होगा.
भाजपा उम्मीदवार खंडूरी ने कोटद्वार को जिला बनाने का वादा किया
कोटद्वार: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कोटद्वार से भाजपा की उम्मीदवार ऋतु भूषण खंडूरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर वह चुनाव जीत जाती हैं तो कोटद्वार को जिला बना दिया जाएगा.
वर्तमान में कोटद्वार पौड़ी जिले में स्थित है.
खंडूरी ने कोटद्वार में संवाददाताओं से कहा कि अगर वह जीत गईं तो कोटद्वार को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम करेंगी.
गोवा विधानसभा चुनाव
कांग्रेस उम्मीदवारों ने राहुल गांधी की मौजूदगी में ली दलबदल विरोधी शपथ
पणजी: पिछले पांच साल में दलबदल से बुरी तरह प्रभावित रही कांग्रेस ने गोवा में राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराए और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्हें पार्टी के प्रति वफादारी की शपथ दिलाई.
गोवा की सभी 40 विधानसभा सीट पर 14 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 10 मार्च को घोषित किया जाएगा.
कांग्रेस ने चुनाव के लिए गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ गठबंधन किया है. इसने जहां 37 उम्मीदवार खड़े किए हैं, वहीं जीएफपी तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है.
कार्यक्रम में जीएफपी उम्मीदवार भी मौजूद थे, जिन्होंने यह कहते हुए हलफनामे पर हस्ताक्षर किए कि चुनाव जीतने के बाद वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे.
गांधी शुक्रवार सुबह गोवा पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने मुरगांव विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया. उनका सांखालिम में एक जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है.
विपक्ष के नेता दिगंबर कामत के नेतृत्व में, जो विधानसभा में बचे पार्टी के दो विधायकों में शामिल हैं, उम्मीदवारों ने हलफनामा पढ़ा, जिसमें वादा किया गया कि वे अगले पांच वर्षों में पार्टी से इस्तीफा नहीं देंगे या किसी अन्य राजनीतिक संगठन में नहीं जाएंगे.
इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के गोवा चुनाव प्रभारी पी. चिदंबरम, इसके प्रदेश प्रभारी दिनेश गुंडू राव और गोवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर भी मौजूद थे.
पिछले पांच वर्षों में भाजपा शासित तटीय राज्य में दलबदल से कांग्रेस सबसे ज्यादा प्रभावित रही है, क्योंकि उसके अधिकतर विधायकों ने पाला बदल लिया. साल 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों की वर्तमान संख्या 27 है.
कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव में 40 सदस्यीय सदन में 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन अब सदन में इसके केवल दो विधायक बचे हैं.
इससे पहले बीते 22 जनवरी को भाजपा शासित गोवा में गत पांच साल में दल-बदल से परेशान कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों को मंदिर, दरगाह और चर्च में ले जाकर ईश्वर के सामने शपथ दिलाई थी कि वे निर्वाचित होने के बाद पाला नहीं बदलेंगे.
गोवा में ‘आप’ ने अनुसूचित जनजाति के लिए आठ सूत्री कार्ययोजना की घोषणा की
गोवा विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कल्याण के लिए आठ सूत्री कार्ययोजना की घोषणा की. पार्टी ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा इस समुदाय के प्रति किए गए अन्याय का अंत करने के लिए यह घोषणा की गई है.
आप के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी गोवा में 14 फरवरी को होने वाले चुनाव में जीतकर सत्ता में आती है तो वह अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को मुफ्त शिक्षा और मुफ्त चिकित्सा मुहैया कराएगी और उन्हें नौकरी में प्राथमिकता भी दी जाएगी.
केजरीवाल ने कहा कि गोवा में पिछली सरकारों ने संविधान का उल्लंघन किया और एसटी समुदाय के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया. उन्होंने कहा, ‘लेकिन आप इस समुदाय के साथ किए गए अन्याय को समाप्त करने के लिए काम करेगी, जो पिछली सरकारों ने किया.’
उन्होंने कहा कि यदि आप सत्ता में आती है तो आठ सूत्री योजना के तहत राज्य के कुल बजट का 12.5 प्रतिशत एसटी समुदाय के कल्याण के लिए समर्पित होगा. केजरीवाल ने कहा कि कुल बजट का 12.5 प्रतिशत 2,400 करोड़ रुपये वार्षिक होता है लेकिन असलियत में ‘जनजातीय उप योजना’ के तहत मुश्किल से 200-300 करोड़ रुपये दिए जाते हैं और उसमें से भी बहुत कम खर्च होता है.
मणिपुर विधानसभा चुनाव
मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष और चार अन्य उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया
मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष युमनाम खेमचंद सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 13 सिंगजामेई विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों के मुताबिक, पूर्व मंत्री करम श्याम सहित चार अन्य उम्मीदवारों ने भी पहले चरण के मतदान के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पश्चिम जिले में अपना नामांकन दाखिल किया.
करम श्याम ने 20-लंगथबल विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया, जबकि नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के उम्मीदवार कोंथौजम शरत सिंह ने 18-कोंठौजम सीट से अपना नामांकन दाखिल किया.
अब तक एनपीपी के तीन, भाजपा के दो, जबकि जदयू के एक उम्मीदवार समेत कुल छह उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं.
मणिपुर विधानसभा की कुल 60 सीटों के लिए 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में मतदान होगा. नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख आठ फरवरी है जबकि 11 फरवरी तक नामांकन वापस लिया जा सकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)