मांड्या में अपने कॉलेज के पास रास्ता रोके जाने और नारे लगाकर परेशान करने वाली भीड़ का सामना करने वाली छात्रा मुस्कान ख़ान का कहना है कि वह अपने हिजाब पहनने के हक़ की लड़ाई लड़ रही हैं.
मांड्या (कर्नाटक): कर्नाटक के मांड्या में मुस्कान खान नाम की एक युवती द्वारा हिजाब पहनने के कारण लड़कों के एक झुंड ने उनके खिलाफ नारे लगाए और उनका रास्ता रोकने की कोशिश की. लेकिन इस युवा छात्रा ने जिस तरीके से भीड़ की इस कार्रवाई को नाकाम किया उसने देश भर में हलचल मचा दी.
इस छात्रा का कहना है कि उन्होंने ‘जय श्री राम’ कहने वाले लोगों को आहत करने के लिए ‘अल्लाहु अकबर’ नहीं कहा था बल्कि उन्होंने ऐसा सिर्फ इसलिए कहा ताकि उन्हें हिम्मत मिल सके.
मंगलवार, 8 फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स के गेट पर भीड़ ने मुस्कान को हिजाब पहनने के कारण घेर लिया. लेकिन वो इस भीड़ के दबाव मे झुकने से इनकार करते हुए कॉलेज की ओर बढ़ने लगी. फिर जैसे ही भीड़ ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना शुरू किया, मुस्कान ने ‘अल्लाहु अकबर’ कहकर इसका जवाब दिया.
A lone Muslim girl on the way to her college in Karnataka, India is being heckled and harassed by a Hindu right-wing mob for wearing a hijab! pic.twitter.com/DiVjCbqpdW
— Ashok Swain (@ashoswai) February 8, 2022
हिजाब को लेकर हालिया विवाद की शुरुआत दिसंबर, 2021 में हुई, जब उडुपी जिले के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने के चलते कक्षा लेने से रोक दिया गया. इसके बाद कुछ दूसरे कॉलेजों ने भी कक्षाओं में लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोक लगा दी. इसी बीच कुछ हिंदू छात्रों ने भी ‘विरोध’ के तौर पर भगवा स्कार्फ गले में पहनकर आना शुरू कर दिया.
छह छात्राएं लगातार कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करती रहीं। इस मामले में मौलिक अधिकारों के हनन का हवाला देते हुए इन छात्राओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. गुरुवार 10, फरवरी को न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी किया है, जिसमें अदालत ने कहा है कि छात्र – छात्राओं को इस मामले के निपटारे तक ‘धार्मिक परिधान’ नहीं पहनने चाहिए.
‘ताकत और हिम्मत’
मुस्कान खान तब से हिजाब पहन रही है जब से वो 7 या 8 साल की थी. वे कहती हैं, ‘मैं किसी तरह का सांप्रदायिक काम नहीं कर रही हूं, न ही मैंने ‘जय श्रीराम’ कहने वालों को किसी भी तरह आहत करने के लिए ‘अल्लाहु अकबर’ कहा था. उस वक़्त मैं बहुत डर गई थी. उस वक़्त मैं कांप रही थी और इसीलिए मैंने अल्लाह का नाम लिया जिससे कि वो मुझे इस मुसीबत से बाहर निकाल सके. जब मैंने ‘अल्लाहु अकबर’ कहा तो मुझे ये हालात झेलने की हिम्मत और ताक़त मिली. मुश्किल वक़्त में मैं उनका नाम लेती हूं और इसीलिए दुनियाभर में मुझे इतनी इज्जत से नवाज़ा जा रहा है. मैं इसके लिए लिए बहुत शुक्रगुजार हूं.’
उस वाकये को याद करते हुए मुस्कान ने द वायर को बताया, ‘उस दिन, मुझे ये भी नहीं पता था कि वहां पर कोई विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. जब मैं कॉलेज पहुंची तो बहुत से लड़कों और आदमियों ने मुझे घेर लिया. उन लोगों ने मुझसे कहा कि अगर मैं अंदर जाना चाहती हूं तो मुझे अपना हिजाब उतारना होगा. उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें यहां पढ़ना है, तो अपना हिजाब उतारो, या फिर घर जाओ. ‘
उन्होंने आगे बताया, ‘मैंने उन्हें नजरअंदाज किया, अंदर जाकर अपनी बाइक पार्क की. लेकिन फिर भी वे बार-बार मेरे रास्ते में आ रहे थे और ‘जय श्रीराम’ का नारा लगा रहे थे. वो बार-बार मुझसे अपना हिजाब उतारने को कह रहे थे. उन लोगों के कारण मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया था, खासकर तब जब उन्होंने मुझे अपना हिजाब उतारने को कहा.’
मुस्कान खान उस वक़्त क्या महसूस कर रही थी इसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया, ‘इस घटना के बाद मैं बिल्कुल भी डरी हुई नहीं थी. मैं अपने हक़ के लिए खड़ी थी. लेकिन एक लड़की होने के नाते मेरे माता-पिता बहुत डर गए थे. क्योंकि हो सकता है कि मैंने अनजाने में कुछ दुश्मन बना लिए हों.’
जब द वायर ने उनसे पूछा कि उसके लिए हिजाब के क्या मायने है, तो मुस्कान ने कहा, ‘हिजाब मेरी पहली प्राथमिकता है. कोई भी मुझे इसको पहनने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है. यह मेरा अधिकार, मेरी गरिमा और मेरी प्रतिष्ठा है. मैं इसे कभी नहीं छोड़ सकती. मैं इसे पहनकर सुरक्षित महसूस करती हूं.’
न केवल हिजाब पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों को, बल्कि सभी युवतियों को एक संदेश देते हुए इस छात्रा ने कहा, ‘किसी से मत डरो. मुश्किल के समय ऊपरवाले को याद करो, उनसे प्रार्थना करो. दुनिया भर में उसने मुझे बहुत इज्जत नवाज़ी. वह तुम्हारे साथ भी ऐसा ही करेगा. बस मजबूत बनो और अपने हकों के लिए लड़ो.’
मुस्कान खान के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और उनकी इस हिम्मत की तारीफ भी हो रही है. उन्हें न केवल हिजाब बैन के खिलाफ लड़ने वाली मुस्लिम महिलाओं के- बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए जो झुकने या अपने अधिकारों के लिए हार मानने से इनकार करती हैं- के प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है.
जब उससे पूछा गया कि क्या उन्हें परेशान करने वाले लोगों के झुंड के खिलाफ कॉलेज की ओर से कोई शिकायत की गई है, तो उन्होंने बताया, ‘नहीं, ऐसा कैसे हो सकता है? वे मेरे भाई हैं. मैं उनके साथ ऐसा कभी नहीं करूंगी. आज वे थोड़े गुमराह हैं लेकिन कल उन्हें इसका एहसास हो जाएगा और वे सही रास्ते पर वापस आ जायेंगे. मुझे भरोसा है.’
मुस्कान के पिता हुसैन खान ने द वायर को कुछ वक्त पहले बताया था, ‘जब वह कॉलेज के पास गई, तो उसने मुझे फोन किया और बताया कि कुछ हंगामा हो रहा है. मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो और बहादुरी से अंदर जाओ.’
मुस्कान खान ने कहा कि उनके शिक्षक उनके बचाव में आए और कहा कि उनकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया, ‘उन्होंने मुझे पहले की तरह कॉलेज आने के लिए कहा. मेरे प्रिंसिपल ने कहा कि भगवा स्कार्फ पहने हुए पुरुष बाहरी थे और मुझे आश्वासन दिया कि अगली बार ऐसा कुछ नहीं होगा।’
मुस्कान के पिता हुसैन खान, जो मांड्या में एक जिम के मालिक हैं, के अनुसार, कॉलेज के अधिकारी उन पुरुषों को नहीं जानते थे, जो भगवा स्कार्फ पहनकर ‘कॉलेज में घुसे’ और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया.
कॉमर्स (सेकेंड ईयर) की छात्रा मुस्कान खान ने बताया कि वह एक वकील बनने की इच्छा रखती हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह वकील क्यों बनना चाहती हैं तो उसने जवाब दिया ‘पहले मैं इस मौजूदा मामले को सुलझाना चाहती हूं और फिर आगे इस बारे में सोचना चाहती हूं.’
जीवन में अपनी प्रेरणा के बारे में बात करते हुए उसने कहा, ‘मेरे माता-पिता मेरी प्रेरणा हैं. वे हमेशा मेरे साथ हैं.’
एक दक्षिणपंथी दुष्प्रचार अभियान
एक दक्षिणपंथी भीड़ का बहादुरी से सामना करने वाली खान की विरोध करने वाली तस्वीरें और दृश्य सोशल मीडिया पर बड़ी तादाद में साझा की गई थीं. कई लोगों ने उसकी तस्वीर को प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर इस्तेमाल करना और अपने स्टेटस पर पोस्ट करना शुरू कर दिया.
इसके बाद, ‘क्रिएटली’ नाम की प्रो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रचार वेबसाइट जिसे कपिल मिश्रा भी प्रमोट करते हैं, के जरिये उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई.
इस वेबसाइट ने यह दावा करने के लिए कि मुस्कान आमतौर पर हिजाब नहीं पहनती, मुस्कान के चेहरे को जींस पहनी एक युवा महिला की तस्वीर के ऊपर जोड़ दिया था.
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