विधानसभा चुनाव 2022: पंजाब की 117 सीटों पर, उत्तर प्रदेश की 59 सीटों पर मतदान रविवार को

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पंजाब चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने का निर्देश दिया. केजरीवाल पर अलगाववादी बयान देने का आरोप लगाने वाले कुमार विश्वास को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई. यूपी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ‘काका’ नहीं रहे तो ‘बाबा’ भी नहीं रहेंगे. अमित शाह ने कहा कि विपक्षी दलों के शासन में बुंदेलखंड में कट्टे बनते थे, अब मिसाइल बनने जा रही है. मणिपुर में एनपीपी प्रत्याशी के पिता को गोली मारी गई.

Patiala: Polling officials wait for the allotment of their respective duty stations ahead of Punjab Assembly elections at Polo Ground, in Patiala, Saturday, Feb. 19, 2022. (PTI Photo)(PTI02 19 2022 000092B)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पंजाब चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने का निर्देश दिया. केजरीवाल पर अलगाववादी बयान देने का आरोप लगाने वाले कुमार विश्वास को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई. यूपी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ‘काका’ नहीं रहे तो ‘बाबा’ भी नहीं रहेंगे. अमित शाह ने कहा कि विपक्षी दलों के शासन में बुंदेलखंड में कट्टे बनते थे, अब मिसाइल बनने जा रही है. मणिपुर में एनपीपी प्रत्याशी के पिता को गोली मारी गई.

पंजाब के जालंधर शहर में शनिवार को ईवीएम और अन्य चुनावी उपकरण के साथ संबंधित मतदान केंद्रों की ओर रवाना होते चुनाव अधिकारी. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़/नई दिल्ली/लखनऊ/इंफाल: पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर, जबकि उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के तहत 59 सीटों पर रविवार को मतदान होगा. दोनों ही राज्यों में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. वर्तमान में पंजाब में कांग्रेस की सरकार है जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में है.

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को होने वाले मतदान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और करीब 2.14 करोड़ मतदाता 117 सीटों पर किस्मत आजमा रहे 1,304 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. प्रत्याशियों में 93 महिलाएं भी शामिल हैं.

मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.

पंजाब में इस बार कांग्रेस, आप, शिअद-बसपा गठबंधन, भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) और विभिन्न किसान संगठनों की राजनीतिक इकाई संयुक्त समाज मोर्चा के बीच बहुकोणीय मुकाबला है.

अपनी सत्ता को कायम रखने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न राजनीतिक विरोधियों के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें मादक पदार्थ और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल है.

वहीं, कांग्रेस इन हमलों का मुकाबला मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल में बिजली की दरों और ईंधन की कीमत में कमी जैसे फैसलों से कर रही है.

आम आदमी पार्टी (आप) जो सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है वह शासन के दिल्ली मॉडल को पेश कर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रही हे.

शिरोमणि अकाली दल का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है जो वर्ष 2020 में भाजपा के साथ कृषि कानूनों के मुद्दों पर नाता तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरा है.

शिअद के साथ गठबंधन में छोटी सहयोगी रही भाजपा इसबार के गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है. भाजपा ने इस चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नीत पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा नीत शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है.

भगवा दल ने मतदाताओं से ‘नवा पंजाब के लिए डबल इंजन की सरकार’ बनाने की अपील की है.

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों के आंदोलन में शामिल पंजाब के कई किसान संगठन भी ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाकर राज्य की विधानसभा चुनाव में उतरे हैं और उन्होंने इसके लिए हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चाढूनी) नेता गुरनाम सिंह चाढूनी नीत संयुक्त संघर्ष पार्टी के साथ गठबंधन किया है.

इस चुनाव में चर्चित चेहरे जिनकी चुनावी किस्मत दांव पर लगी है. उनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा भगवंत मान, कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल प्रमुख हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्टल, भाजपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला भी इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.

इस चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए मुफ्त की सौगात देने के वादे किए हैं.

‘आप’ ने सभी महिलाओं को एक-एक हजार रुपये देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने भी जरूरतमंद महिलाओं को एक-एक हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया है.

शिअद-बसपा गठबंधन ने नीले कार्ड (गरीबी रेखा से नीचे) धारक परिवार की महिला मुखिया को प्रत्येक महीने दो हजार रुपये देने का वादा किया है, साथ ही राज्य की 75 प्रतिशत सरकारी और निजी नौकरियों को पंजाब के युवाओं के लिए आरक्षित करने का वादा किया है. भाजपा गठबंधन ने भी इसी तरह का वादा किया है लेकिन सरकारी नौकरियों के लिए.

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रचार किया. राज्य में चुनाव प्रचार शुक्रवार को समाप्त हुआ.

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77, शिअद-भाजपा गठबंधन को 18, आप को 20 सीटें मिली थीं जबकि दो सीटें लोक इंसाफ पार्टी के खाते में गई थीं.

मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मानसा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.

पंजाब के बरनाला में बीते शुक्रवार को कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसा वाला के साथ रोड शो करते मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी. (फोटो: पीटीआई)

उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि शुक्रवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शाम छह बजे के बाद वे मानसा में प्रचार करते पाए गए.

मानसा से आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी विजय सिंगला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री चन्नी शुक्रवार को मूसेवाला के लिए प्रचार करने मानसा गए थे.

प्राथमिकी के अनुसार, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामला मानसा थाना सिटी-1 में दर्ज किया गया है.

पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी.

पंजाब चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया

मोहाली: पंजाब में राज्य चुनाव आयोग ने शनिवार को मोहाली प्रशासन को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की शिकायत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है.

अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई)

पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने वरिष्ठ पुलिस अ​धीक्षक एसएएस नागर से केजरीवाल के खिलाफ ‘आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और अन्य पार्टियों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने’ के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है.

मालूम हो कि वर्तमान में केजरीवाल पंजाब में अलगाववादियों का समर्थन करने के आप के पूर्व नेता एवं कवि कुमार विश्वास के आरोपों को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के हमलों का सामना कर रहे हैं.

कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने अलगाववादी बयान दिए थे.

इससे पहले बीते शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ‘मुझे एक अधिकारी द्वारा सूचित किया गया है कि मेरे खिलाफ दो दिनों के भीतर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. मैं ऐसी सभी एफआईआर का स्वागत करता हूं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 18 फरवरी को ही एक त्वरित घटनाक्रम में राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा राजनीतिक दलों को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला करने वाले कुमार विश्वास साक्षात्कार को प्रसारित करने से रोकने वाले एक पत्र को जारी होने के कुछ घंटों के भीतर वापस ले लिया गया था.

पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू ने कहा था कि पत्र अनजाने में जारी किया गया था.

एक विवादित वीडियो में आप के बागी नेता कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानी तत्वों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया. वहीं आप ने वीडियो को दुर्भावनापूर्ण करार दिया है.

कुमार विश्वास को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई

केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता कुमार विश्वास को शनिवार को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने कहा कि विश्वास ने ‘आप’ के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाए थे, जिसके मद्देनजर खुफिया जानकारियों के आधार पर केंद्र ने विश्वास की सुरक्षा और उन्हें होने वाले संभावित खतरों की समीक्षा की.

सूत्रों ने कहा कि विश्वास को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा के तहत चार निजी सुरक्षा अधिकारी हर समय विश्वास की सुरक्षा में तैनात रहेंगे.


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव


तीसरे चरण की 59 सीटों पर रविवार को होगा मतदान, 627 उम्मीदवार मैदान में

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्य के 16 जिलों के 59 निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरे चरण के लिए रविवार को मतदान होगा. तीसरे चरण में दो करोड़ 15 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

(फोटो: पीटीआई)

इनमें एक करोड़ 16 लाख से अधिक पुरुष मतदाता और 99 लाख से ज्यादा महिला मतदाता हैं, जबकि एक हजार से अधिक किन्नर (थर्ड जेंडर) मतदाता शामिल हैं.

राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मतदान रविवार सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा और चुनाव आयोग ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है कि मतदाताओं को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते समय किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

तीसरे चरण में राज्‍य के 16 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आमने-सामने हैं.

मैनपुरी जिले के साथ ही हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण में कुल 627 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. तीसरे चरण वाले इन जिलों में शुक्रवार की शाम को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया था.

अखिलेश मैनपुरी जिले के करहल क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. वर्ष 2017 में भाजपा की लहर में भी सपा के सोबरन सिंह यादव ने इस सीट पर अपनी जीत बरकरार रखी थी. अखिलेश के मुकाबले केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के भाजपा उम्मीदवार के रूप में सामने आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

बघेल पहले ही दावा कर चुके हैं कि किसी भी निर्वाचन क्षेत्र को ‘किला’ या ‘गढ़’ नहीं कहा जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बघेल के लिए प्रचार करने और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव अपने पुत्र अखिलेश यादव के लिए करहल के मतदाताओं के बीच प्रचार कर चुके हैं.

इन चुनावों में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराते हुए मुलायम ने अपने बेटे के लिए करहल में वोट मांगा, जबकि अमित शाह ने मतदाताओं से कहा कि केवल एक सीट (करहल) 300 सीटों का काम कर सकती है. अमित शाह ने कहा था, ‘करहल में कमल को जीत दिलाएं और राज्य से सपा का सफाया हो जाएगा.’

इस बीच, भाजपा पहले ही चुनाव आयोग से संपर्क कर करहल के सभी बूथों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग कर चुकी है. इतना ही नहीं, इसने बघेल के काफिले पर हमले की हालिया घटना के बाद सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग भी की है.

अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव व यूपी मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कानपुर, हमीरपुर और जालौन में घर-घर प्रचार और रोड शो किया. बसपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने औरैया व जालौन में जनसभा को संबोधित किया.

तीसरे चरण के कुल 627 उम्मीदवारों में राज्‍य सरकार के मंत्री सतीश महाना (महाराजपुर-कानपुर) व आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री (भोगांव-मैनपुरी) रामवीर उपाध्याय (हाथरस – सादाबाद) भाजपा से चुनाव मैदान में हैं, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद फर्रुखाबाद सदर से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) छोड़कर राजनीति में कूदे अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी रहे असीम अरुण भी इसी चरण में कन्नौज के सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर अपनी राजीतिक किस्मत आजमा रहे हैं.

वर्ष 2017 में भाजपा ने तीसरे चरण की 59 सीटों में से कुल 49 सीटें जीती थीं जबकि सपा को सिर्फ नौ सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को एक सीट मिली थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी.

पहले चरण में 10 फरवरी को 58 और दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. राज्य में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान सात मार्च को होगा. परिणाम 10 मार्च को आएंगे.

‘काका’ नहीं रहे तो ‘बाबा’ भी नहीं रहेंगे: अखिलेश यादव

पीलीभीत/लखीमपुर खीरी: सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को दावा किया कि पहले और दूसरे चरण में सपा गठबंधन ने शतक लगा दिया और काका (काला कानून) नहीं रहे तो बाबा (मुख्यामंत्री योगी आदित्यनाथ) भी नहीं रहेंगे, जनता उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया कर देगी.

अखिलेश यादव. (फोटो: पीटीआई)

पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में सपा के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख ने सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने लखीमपुर में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुई हिंसा में मारे गए किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि आजाद भारत में जलियांवाला बाग जैसी घटना लखीमपुर खीरी में हुई, लेकिन किसान पीछे नहीं हटे और आखिरकार केंद्र सरकार को तीन काले कानून वापस लेने पड़े.

यादव ने दावा किया कि काका नहीं रहे तो बाबा भी नहीं रहेंगे. उन्होंने काका मतलब खुद ही समझाया- काला कानून. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वोट के लिए काले कानून वापस लिए हैं, लेकिन इसे कभी भी ला सकते हैं.

उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा में आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा को जमानत मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि जिन्हें जमानत मिली है वे (भाजपा) जनता की अदालत में अपनी जमानत खो देंगे.

उन्होंने वादा किया कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र की हिंसा में मामले के अपराधियों को बचाने वालों के खिलाफ सपा की सरकार बनने पर कार्रवाई होगी.

तराई क्षेत्र में गन्ना बकाये की चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों से कहा, ‘सत्ता में आने के बाद, सपा सरकार राज्य के बजट में किसानों की कोष निधि सुनिश्चित करेगी, ताकि 15 दिनों के भीतर (फसल बेचने के बाद) गन्ना फसल का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके.’

इससे पहले पीलीभीत में अपने संबोधन में दिवंगत विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, हाल में दिवंगत पूर्व मंत्री हाजी रियाज अहमद समेत कई नेताओं को याद करते हुए सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा लगातार झूठ बोल रही है और भाजपा के छोटे नेता छोटा झूठ और बड़े नेता बड़ा झूठ बोल रहे हैं और सबसे बड़े नेता सफेद झूठ बोल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किसान, नौजवान, दलित और गरीब सबको इस सरकार ने लूटा है, डीजल, पेट्रोल महंगा हो गया, रसोई गैस मंहगी हो गई, शिक्षा व्यबस्था बिगड़ गई, व्यापार छिन गये, रोजगार खत्म हो गये.

यादव ने कहा कि बाबा जगह-जगह कह रहे हैं कि गर्मी निकाल देंगे लेकिन वह जानते नहीं कि किसान और नौजवान तथा शिक्षामित्र उनकी भाप निकाल लेंगे.

उन्होंने कहा कि रास्ते में पता चला कि नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन का निधन हो गया. उन्होंने कहा, ‘मुझे बहुत दुख है कि उन्होंने आजीवन नेताजी का साथ दिया और वे नेताजी के हमेशा साथ रहे और समाजवादी आंदोलन से जुड़े रहे.’

सपा नेताओं के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

विपक्षी दलों के शासन में बुंदेलखंड में कट्टे बनते थे, अब मिसाइल बनने जा रही: अमित शाह

बांदा: केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री तथा भाजपा के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को विपक्षी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके शासन में बुंदेलखंड में कट्टे (अवैध देशी तमंचा) बनते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां मिसाइल बनाने जा रहे हैं.

अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

शाह ने बांदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस के शासन में बुंदेलखंड में ‘कट्टा’ बनाया जाता था और गोलियां भी बनाई जाती थीं और अब वहां मोदी जी मिसाइल और गोले (गोला) बनाने जा रहे हैं.

उन्‍होंने कहा कि पहले कट्टा लोगों को डराता था, लेकिन अब यहां जो मिसाइल बनेगी वह पाकिस्तान के टैंक को उड़ा देगी. विपक्षी दलों पर परियोजनाओं में लेटलतीफी और बंदरबांट का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि जिस योजना की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने रखी है, उसका उद्घाटन उन्होंने खुद किया.

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में कुछ सिंचाई योजनाएं मेरे जन्म से पहले शुरू हो गईं, लेकिन वे पूरी नहीं हो सकीं, मोदी और योगी सरकार ने उन्हें पांच साल में पूरा किया है.

उन्होंने कहा, ‘मैं सपा और बसपा से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने बुंदेलखंड के जल संकट के लिए क्या किया है, इस पर 15 साल के अपने शासन की रिपोर्ट पेश करें.’

शाह ने कहा कि मोदी ने बुंदेलखंड के जल संकट को दूर करने के लिए कई परियोजनाओं लागू की. उन्होंने कहा, ‘मैं बुंदेलखंड के लोगों से कहना चाहता हूं कि केन बेतवा जल परियोजना से पीढ़ियों तक यहां जल का संकट नहीं होगा.’

उन्होंने कहा, ‘पहले और दूसरे चरण में सपा और बसपा का सफाया हो गया है.’

भाजपा के 300 से अधिक सीटें जीतने का दावा करते हुए शाह ने 2017 में सभी सीटें भाजपा की झोली में डालने के लिए बुंदेलखंड के लोगों के प्रति आभार जताया.

मोदी-योगी विज्ञापन के पैसे आपको सशक्त करने में लगाते तो कितनी तरक्की होती : प्रियंका

रायबरेली: कांग्रेस महासचिव और उत्‍तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने शनिवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और योगी जी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) जो पैसे अपने विज्ञापनों पर खर्च करते हैं, उसे अगर जनता को सशक्त करने में लगा देते तो कितनी तरक्की होती.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी. (फोटो साभार: ट्विटर/@priyankagandhi)

कांग्रेस महासचिव ने राजबरेली के हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र में नुक्कड़ जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थी तो 27 करोड़ लोग गरीबी से ऊपर उठे थे और इस सरकार में नीचे आ गए हैं, छोटे-छोटे धंधे बंद हो गए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवारा मवेशियों की समस्या है, जबकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और वहां की सरकार लोगों से कहती है कि आप अवारा मवेशियों को पालेंगे तो हम आपसे दो रुपये किलो गोबर खरीदेंगे.

वाद्रा ने कहा कि सरकार का काम होता है आपका विकास करना और हम देख रहे कि उत्तर प्रदेश में सरकार को जो काम करना चाहिए, वह नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘सरकार का काम होता कि आपको अपने पैरों पर खड़ा करना, लेकिन बड़े-बड़े विज्ञापन लग रहे हैं. मोदी जी, योगी जी के विज्ञापन हजार करोड़ रुपये के हैं, वही पैसे आपको सशक्त करने के लिए लगा देते तो कितनी तरक्की हो जाती.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘कोरोना आया सुविधाएं नहीं थी, मेरी माता जी (सोनिया गांधी) ने कहा था कि देखो रायबरेली में कहीं से ऑक्सीजन भिजवाओ और हमने छत्तीसगढ़ सरकार से बात की, वह ऑक्सीजन भेज रहे थे, लेकिन यहां की सरकार ने मना कर दिया. ये नहीं चाहते थे कि आपके पास ऑक्सीजन कांग्रेस सरकार के जरिये आए, ये सरकार का काम नहीं है, ये राजनीति है.’

उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने की अपील की.

उल्लेखनीय है कि रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है और यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में हरचंदपुर क्षेत्र से राकेश सिंह और रायबरेली से अदिति सिंह कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुईं थी, लेकिन इस बार ऐन चुनाव के वक्त दोनों भाजपा में शामिल हो गए.

प्रियंका ने हरचंदपुर के विधायक पर भी निशाना साधा और जमीन हड़पने का आरोप लगाया. रायबरेली जिले में चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होगा.

अखिलेश के पिता का आशीर्वाद बहू की पार्टी के साथ: प्रेम शुक्ला

भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता प्रेम शुक्ला और उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को सपा पर जमकर निशाना साधा.

अपर्णा यादव. (फोटो साभार: फेसबुक)

शुक्‍ला ने दावा किया कि अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव मन से सपा के साथ नहीं हैं और उनका आशीर्वाद बहू (अपर्णा यादव) की पार्टी (भाजपा) के साथ है.

शुक्ला ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय में सिंह के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अखिलेश ने जब करहल से चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तब उन्होंने कहा था कि मैं वहां पर प्रचार करने नहीं जाऊंगा, लेकिन आज उनकी यह स्थिति है कि मुलायम सिंह यादव को करहल लेकर गए हैं.

भाजपा नेता ने दावा किया कि जिस पिता के साथ अखिलेश ने औरंगजेब जैसा व्यवहार किया था, आज वो पिता भी मन से उनके साथ नहीं हैं और उनका आशीर्वाद बहू (अपर्णा यादव) की पार्टी के साथ है.

उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा बिष्ट यादव ऐन चुनाव के दौरान सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं.

अपर्णा पिछली बार लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से सपा की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था. इस बार अपर्णा भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रही हैं.

डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले दो चरणों में हुए चुनाव ने ही भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित कर दी है और राज्य में भाजपा की लहर है, यह दिख रहा है कि पार्टी एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है.


मणिपुर विधानसभा चुनाव


मणिपुर में एनपीपी प्रत्याशी के पिता को गोली मारी गई

मणिपुर के ईस्ट इंफाल जिले में अज्ञात लोगों ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के एक प्रत्याशी के पिता को गोली मार दी. उप मुख्यमंत्री वाई. जयकुमार सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि घटना शुक्रवार को हुई जब अन्द्रो से पार्टी के उम्मीदवार एल. संजय सिंह के घर पर वह, उनके पिता और कुछ समर्थक चुनाव संबंधित चर्चा कर रहे थे.

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि अज्ञात हमलावरों ने गोलियां चलाईं और प्रत्याशी के पिता के दाहिने कंधे पर गोली लगी. संजय सिंह के पिता भी एनपीपी के नेता हैं.

मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा ने एक अस्पताल में संजय के पिता से मुलाकात की और घटना की निंदा की.

संगमा ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इससे कुछ लोगों की परेशानी का स्तर पता चलता है. हम मुख्य चुनाव अधिकारी से मिलेंगे और इस चुनाव में व्याप्त स्थिति पर अपनी चिंता से उन्हें अवगत कराएंगे. मैं 2002 से मणिपुर में चुनाव प्रचार कर रहा हूं और मैंने ऐसी चुनावी हिंसा कभी नहीं देखी. इसे रोकना होगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)