आरोप है कि बिना प्रत्याशी के संज्ञान में लाए कथित तौर पर ईवीएम कहीं ले जाई जा रही थीं. सपा का कहना है कि यह सब भाजपा के इशारे पर चुनाव में धांधली करने के इरादे से किया जा रहा था. वहीं, निर्वाचन आयोग का कहना है कि ईवीएम प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही थीं, जिन्हें कुछ राजनीतिक लोगों ने रोककर चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कहकर अफ़वाह फैलाई.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपकर वाराणसी में ईवीएम की चोरी का आरोप लगाया.
इससे कुछ घंटे पहले ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रशासनिक मशीनरी के जरिये वोटों की चोरी का आरोप लगाया था.
सपा के मुख्य प्रवक्ता और राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया, ‘हमने वाराणसी में ईवीएम के लापता होने और दो ट्रकों के ईवीएम के साथ भागने के सिलसिले में निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है. हमने प्रतिनिधिमंडल में शामिल नरेश उत्तम, ओमप्रकाश राजभर और जनवादी पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान के साथ आयोग को ज्ञापन सौंपा.’
चौधरी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से वाराणसी के जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आयोग ने भरोसा दिया है कि मांगों पर गौर किया जाएगा.
इस संबंध में पूछे जाने पर राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने कहा, ‘हमने मामले का संज्ञान लिया है और प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.’
इसके पहले सपा मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग (नई दिल्ली) को पत्र लिखकर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के मतगणना अभिकर्ता बनाने में रिटर्निंग ऑफिसर, जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बाधा डालने व परेशान करने के विरूद्ध शिकायत की है.
बयान के अनुसार, पटेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक और पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश के समस्त जनपदों में मतगणना स्थल के आसपास मोबाइल फ़ोन के अत्यधिक दुरुपयोग होने और किसी प्रकार की हैकिंग होने की आशंका भी जताई जा रही है.
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में 10 मार्च 2022 को प्रातः आठ बजे से विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू की जाएगी, मतगणना स्थल के आस-पास मोबाइल फोन के अत्यधिक दुरुपयोग होने और किसी प्रकार की हैकिंग होने की भी आशंका व्यक्त की जा रही है. सपा ने मांग की है कि सभी मतगणना स्थल के निकट ‘मोबाइल जैमर’ लगाया जाएं.
वहीं, बिना प्रत्याशियों के संज्ञान में लाये कथित तौर पर ईवीएम ले जाये जाने के इस मामले में निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि ईवीएम प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही थीं, जिसको कुछ राजनीतिक लोगों ने रोककर चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कहकर अफवाह फैलाई.
इससे पहले, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार शाम को आरोप लगाया कि वाराणसी में प्रयुक्त ईवीएम ट्रकों से कहीं ले जाई जा रही थीं. उन्होंने दावा किया कि एक ट्रक को लोगों ने रोका लेकिन दो ट्रक भाग गये. उनका आरोप था कि सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर यह गड़बड़ी की गई.
एनडीटीवी के मुताबिक, सपा प्रमुख ने सरकार पर चोरी का आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने इस ओर इशारा किया कि 2017 में भाजपा करीब 50 सीटों पर 5,000 से वोटों से जीती थी.
मामले पर सफाई देते हुए जिला कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने कहा कि 20 ईवीएम ले जा रहा पकड़ा गया वाहन किसी के द्वारा भी जांचा जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों का कहना है कि वहां दो-तीन वाहन थे, लेकिन पूरे कैंपस में सीसीटीवी लगे हुए हैं. कोई भी उन फुटेज को देख सकता है, इसलिए यह मामला यहीं खत्म हो जाता है… इन ईवीएम को दोबारा कहीं ओर नहीं ले जाया जाएगा ताकि आगे कोई विवाद न खड़ा हो.’
हालांकि, अखिलेश ने कहा, ‘हमें सूचना मिल रही थी कि मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव जिला कलेक्टर को फोन कर रहे थे और कह रहे थे कि जहां भी भाजपा हार रही हो, वहां मतगणना धीमी रफ्तार से की जाए. और अब ईवीएम पकड़ी गई हैं. अधिकारी अब अनेक बहाने बनाएंगे.’
इस बीच, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने देर शाम जारी एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया चैनलों द्वारा यह संज्ञान में लाया गया है कि वाराणसी में आज कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जायी जा रही थीं, जिन पर वहां उपस्थित राजनीतिक प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति की गई.
जिला निर्वाचन अधिकारी के हवाले से जारी बयान में कहा गया कि जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिह्नित थीं.
बयान के मुताबिक, जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए बुधवार को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है, जिसके लिए ईवीएम मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले जाईं जा रही थीं.
बयान में कहा गया कि बुधवार को मतगणना में लगे कर्मचारियों के लिए दूसरा प्रशिक्षण सत्र है और ये मशीनें प्रशिक्षण में हमेशा प्रयुक्त होती हैं. मंगलवार को प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रहीं इन ईवीएम को लेकर कुछ राजनीतिक लोगों ने इसे चुनाव में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन कहकर अफवाह फैलाई है.
राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने दावा किया कि मतदान में प्रयुक्त सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रांग रूम के अंदर सीलबंद हैं तथा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं. इसने कहा कि ये मशीन पूरी तरह से अलग हैं और सुरक्षित हैं और सीसीटीवी की निगरानी में हैं.
बयान में कहा गया कि सभी राजनीतिक दलों/प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों द्वारा सीसीटीवी के माध्यम से इन पर लगातार सीधी निगरानी की जा रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)