पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. कांग्रेस को इनमें से 18 सीटों पर जीत मिली है. अकाली दल ने 3 सीटें हासिल की हैं, जबकि भाजपा के खाते में 2 सीटें आई हैं. निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
चंडीगढ़/नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को पंजाब में पारंपरिक दलों कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल से मोहभंग करते हुए बारी-बारी राज्य में सरकार बनाने की कड़ी को भी तोड़ दिया. इसके लिए चुनाव प्रचार के दौरान आप ने लगातार मतदाताओं से बदलाव की गुहार लगाई थी.
‘आप’ ने जहां राज्य में तीन चौथाई सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस तथा शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन काफी पीछे छोड़ दिया. ‘आप’ अब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के बाद देश के एक और राज्य में सरकार बनाएगी.
इस चुनाव में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कद्दावर नेता प्रकाश सिंह बादल, उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जैसे बड़े नेता को शिकस्त का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और पंजाब सरकार के कई मंत्रियों को शिकस्त का सामना करना पड़ा.
निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में विधानसभा के 117 सदस्यों को चुनने के लिए हुए डाले गए मतों की गणना में आप ने प्रचंड बहुमत के साथ 92 सीटें अपने नाम कर ली हैं.
कांग्रेस को इनमें से 18 सीटों पर जीत मिली है. अकाली दल ने 3 सीटें हासिल की हैं. भाजपा के खाते में 2 सीटें आई हैं, जबकि बसपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा है. एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास गई है.
कांग्रेस ने 1992 के विधानसभा चुनाव में 87 सीटें जीती थीं, जो 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद सबसे अधिक सीटें थीं.
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की जीत को ‘क्रांति’ करार दिया, वहीं उनकी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आप आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभरेगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘पंजाब की जनता को इस क्रांति के लिए बहुत बधाई.’ उन्होंने भगवंत मान के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की.
इस इंक़लाब के लिए पंजाब के लोगों को बहुत-बहुत बधाई। pic.twitter.com/BIJqv8OnGa
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 10, 2022
राज्य में चुनाव जीतने वाले प्रमुख चेहरों में आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान धूरी से, विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा दिरबा से, पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा पठानकोट से, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा कादियां से और मंत्री राणा गुरजीत सिंह कपूरथला से हैं.
पंजाब में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ 10 साल से सत्तासीन अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सरकार को सत्ता से बेदखल किया था. उस चुनाव में आप को 20 सीटें मिली थीं, वहीं अकाली दल-भाजपा के खाते में 8 सीटें आई थीं.
पंजाब में जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी पूर्ण राज्य के दर्जे वाले प्रदेश की बागडोर संभालेगी. आम आदमी पार्टी की दिल्ली में भी सरकार है, जो कि एक केंद्र शासित प्रदेश है.
पारंपरिक दलों से जनता के मोहभंग को भुनाते हुए चुनाव प्रचार के दौरान आप ने प्रतिद्वंद्वी दलों पर राज्य को लूटने का आरोप लगाते हुए बदलाव का अनुरोध किया था.
ऐसा जान पड़ता है कि पार्टी का नारा, ‘इक मौका भगवंत मान ते केजरीवाल नूं’ मतदाताओं को भा गया था.
आम आदमी पार्टी ने विद्यालयों और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के जरिये पंजाब में ‘दिल्ली मॉडल’ को लागू करने की बात भी कही थी.
आप ने मतदाताओं को लुभाने के लिए महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये, 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 24 घंटे बिजली आपूर्ति जैसे वादे भी किए थे.
इसके अलावा चुनाव से पहले भगवंत मान को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करने का लाभ भी आम आदमी पार्टी को मिला.
आप ने 2014 के लोकसभा चुनाव में चार सीट जीतकर पहली बार पंजाब में चुनावी दस्तक दी थी. यह जीत ऐसे समय में मिली, जब भाजपा ने पूरे देश में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि, आप 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी और 20 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी थी.
इस बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बरनाला जिले की भदौड़ सीट से चुनाव हार चुके हैं. इसके अलावा रूपनगर जिले की चमकौर साहिब सीट से भी वह पीछे चल रहे हैं.
आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान धूरी विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए हैं. निर्वाचन अधिकारियों द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार, आप की प्रदेश इकाई के प्रमुख मान ने कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा विधायक दलवीर सिंह गोल्डी को 58,206 मतों के अंतर से हराया.
मान ने धूरी में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में नहीं, बल्कि खटकर कलां में होगा. तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.’
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री की तस्वीर नहीं लगेगी, इसके बजाय भगत सिंह और डॉ. बीआर आंबेडकर की तस्वीरें लगाई जाएंगी.
उन्होंने लोगों से एकजुट होकर काम करने की अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों ने ‘आप’ को वोट नहीं दिया, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए काम करेगी.
मान ने कहा कि उनकी सरकार स्कूलों, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि को बेहतर बनाने, महिलाओं की सुरक्षा और खेल के बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केद्रित करेंगी. उन्होंने कहा कि सभी गांवों में खेल ट्रैक और स्टेडियम बनाए जाएंगे.
अपने पूर्ववर्तियों अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘पहले की सरकारें मोतीबाग पैलेस (पटियाला में अमरिंदर सिंह का निजी आवास) और बड़ी दीवारों वाले घर (लांबी में बादल का घर) से चलती थीं, लेकिन अब पंजाब राज्य के लोगों का है.’
उन्होंने कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के दिग्गजों पर चुनाव में लोगों की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाया और कहा कि अगर इरादे साफ हों तो कुछ भी संभव है. उन्होंने कहा, ‘पंजाब को अब फिर से पंजाब बनाया जाएगा.’
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनाव के रुझानों में अपनी पार्टी के निर्णायक बढ़त बनाने के बाद कहा कि वह ‘इस इंकलाब के लिए’ राज्य के लोगों को बधाई देते हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘इस इंक़लाब के लिए पंजाब के लोगों को बहुत-बहुत बधाई.’ उन्होंने पंजाब में आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान के साथ एक तस्वीर भी साझा की.
इस इंक़लाब के लिए पंजाब के लोगों को बहुत-बहुत बधाई। pic.twitter.com/BIJqv8OnGa
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 10, 2022
उधर, चन्नी ने ट्वीट कर कहा कि वह पंजाब के लोगों का जनादेश विनम्रता से स्वीकार करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं पंजाब के लोगों का फैसला विनम्रता से स्वीकार करता हूं और आम आदमी पार्टी और उनके निर्वाचित मुख्यमंत्री भगवत मान जी को जीत के लिए बधाई देता हूं. मुझे उम्मीद है कि वे लोगों की आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे.’
I humbly accept the verdict of the people of Punjab and Congratulate @AamAadmiParty and their elected CM @BhagwantMann Ji for the victory. I hope they will deliver on the expections of people.
— Charanjit Singh Channi (@CHARANJITCHANNI) March 10, 2022
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी आप को बधाई दी.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पूरी विनम्रता से जनादेश को स्वीकार किया है. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पार्टी तहेदिल से जनादेश को स्वीकार करती है.
पंजाब की शानदार जीत का दिल्ली में जश्न
पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत को लेकर नयी दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय में बृहस्पतिवार को दिन भर जश्न का माहौल रहा और बड़ी संख्या में एकत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जीत की होली मनाई.
आप के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने ढोल और पंजाबी गीतों की थाप पर ठुमके लगाए, मिठाई बांटी और पूरे उत्साह के साथ जश्न मनाया. जैसे ही आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यालय में प्रवेश किया, कार्यकर्ताओं ने उन पर फूलों की बारिश कर स्वागत किया.
पंजाब से आए आप के कार्यकर्ता मनकीरत सिंह ने कहा, ‘यह पंजाब में ईमानदार राजनीति की जीत है और हम इस जीत की होली मना रहे हैं.’
इस अवसर पर उत्साहित आप समर्थकों ने सेल्फी ली और पार्टी मुख्यालय में मौजूद आप नेताओं को मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया.
आप मुख्यालय के सामने सड़क पर गुलाब के फूलों की पंखुरियां बिखरी हुई थीं. पार्टी मुख्यालय में केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और भगवंत मान जैसे पार्टी के प्रमुख नेताओं के विभिन्न छोटे और बड़े पोस्टर और होर्डिंग लगे हुए थे.
संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर और महान क्रांतिकारी भगत सिंह के विशाल पोस्टर भी पार्टी कार्यालय के आसपास लगाए गए थे और आप के कार्यकर्ताओं को उनके साथ सेल्फी लेते देखा गया था.
आम आदमी पार्टी के मुख्यालय के आस-पास का पूरा इलाका ‘बाबासाहेब और भगत सिंह का सपना अधूरा, केजरीवाल करेगा पूरा’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारों से गूंज उठा. आप के पंजाब में चुनाव प्रचार अभियान के प्रमुख गीत ‘इक मौका केजरीवाल नु- इक मौका भगवंत मान नु’ की धुन पर कार्यकर्ता जमकर झूमे.
केजरीवाल के साथ पार्टी मुख्यालय में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री और राज्य संयोजक गोपाल राय और राज्यसभा सांसद एन डी गुप्ता सहित आप के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
इस मौके पर लोगों को ‘छोटे भगवंत मान’ तीन साल के अव्यान तोमर के साथ सेल्फी लेते हुए भी देखा गया. अव्यान ने भगवंत मान जैसी वेशभूषा और पीली पगड़ी पहनी थी, उसने चश्मा और मूंछ भी लगा रखी थी.
महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के आप कार्यकर्ता भी पार्टी मुख्यालय में मौजूद थे.
अमृतसर पूर्व सीट पर नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया की हार
अमृतसर पूर्व सीट से आप की उम्मीदवार जीवन ज्योत कौर ने जीत दर्ज कर ली है. इस हाईप्रोफाइल सीट पर उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और निवर्तमान विधान नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व मंत्री तथा अकाली दल के उम्मीदवार बिक्रम सिंह मजीठिया को मात दी. इन दोनों नेताओं को इनके करिअर में पहली बार हार का सामना करना पड़ा.
आप उम्मीदवार और राजनीति में नए चेहरे जीवनज्योत कौर ने सिद्धू को 6,750 मतों के अंतर से हरा दिया. शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया तीसरे नंबर पर रहे. उन्होंने भी इसी सीट से चुनाव लड़ा था.
अमृतसर पूर्व सीट से हार से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी हार स्वीकार करते हुए ट्वीट कर दिया था.
The voice of the people is the voice of God …. Humbly accept the mandate of the people of Punjab …. Congratulations to Aap !!!
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 10, 2022
आप को बधाई देते हुए उन्हें ट्वीट किया, ‘जनता की आवाज भगवान की आवाज है… पंजाब के लोगों के जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करें… आप को बधाई!!!’
खरड़ विधानसभा क्षेत्र में ‘आप’ के समर्थक लखविंदर ढोल की थाप पर नाचते नजर आए.
पार्टी के बाकी समर्थकों को मिठाइयां बांटते हुए उन्होंने कहा, ‘वे दल जो कल तक चुनाव बाद के उन सर्वेक्षणों पर सवाल उठा रहे थे, जिसमें ‘आप’ को स्पष्ट बहुमत दिखाया गया था, उनके पास कहने को अब कुछ नहीं है.’
#WATCH Punjab has accepted Kejriwal's model of governance. It has gained recognition at the national level. People in the entire country will seek this model of governance, says AAP leader Manish Sisodia pic.twitter.com/iVtBjv271Q
— ANI (@ANI) March 10, 2022
इन रुझानों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब ने केजरीवाल के शासन मॉडल को मौका दिया है. आज उनके शासन का मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो चुका है. यह आम आदमी की जीत है.
We're 'aam aadmi' but when 'Aam Aadmi' rises mightiest of thrones shake. Today's an imp day in India's history,not only because AAP is winning one more state but because it has become a national force. AAP will become Congress' replacement: AAP’s Punjab co-in charge Raghav Chadha pic.twitter.com/X4NJ0zxeC3
— ANI (@ANI) March 10, 2022
इससे पहले पार्टी नेता राघव चड्ढा ने कहा कि अब आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी बनेगी. उन्होंने कहा, ‘यह सभी के सहयोग से मुमकिन हुआ है. अरविंद केजरीवाल को इसका श्रेय जाता है. पंजाब के लोगों ने इस चुनाव में हमें यह जीत का रिवार्ड दिया है. उन्होंने कहा कि आप के लिए एक पार्टी के रूप में यह एक जबरदस्त दिन है, क्योंकि आज हम एक राष्ट्रीय पार्टी बन गए हैं. हम अब एक क्षेत्रीय पार्टी नहीं हैं.’
चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ से चुनाव हारे
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह को बृहस्पतिवार को भदौड़ और चमकौर साहिब सीटों से आप के उम्मीदवारों से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, बरनाला जिले की भदौड़ सीट से चन्नी को आप के प्रत्याशी लाभ सिंह उगोके ने 37,558 मतों से शिकस्त दी है. वहीं रूपनगर जिले की चमकौर साहिब सीट से मौजूदा मुख्यमंत्री को आप के चरणजीत सिंह ने 7942 मतों से पराजित किया है. वह इसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
कांग्रेस ने अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने के वाले चन्नी को दो सीटों से उतारा था, लेकिन वह एक भी सीट से चुनाव नहीं जीत पाए. पार्टी को अमरिंदर सिंह को हटाने और किसान आंदोलन का भी फायदा नहीं मिला.
दो बार के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की हार
पंजाब के दो बार के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपने गढ़ पटियाला नगर सीट से 19,873 मतों के अंतर से चुनाव हार गए हैं. बृहस्पतिवार को घोषित किए गए विधानसभा चुनाव के परिणाम के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) के अजित पाल सिंह कोहली ने उन्हें पटियाला नगर सीट से मात दी.
पंजाब लोक कांग्रेस के प्रमुख एवं पटियाला के शाही परिवार के वंशज सिंह (79) ने 2002, 2007, 2012 और 2017 में कांग्रेस की टिकट पर पटियाला सीट से चुनाव जीता था.
कांग्रेस से अलग होने के बाद उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था। बाद में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ चुनाव के लिए गठबंधन किया.
बादल परिवार को लगा तगड़ा झटका
पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम से बादल परिवार को तगड़ा झटका लगा है और आम आदमी पार्टी (आप) के कम जाने-पहचाने चेहरों ने भी उन्हें भारी अंतर से हरा दिया है.
तीन दशकों में यह पहली बार होगा कि 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में बादल परिवार का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा.
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मुक्तसर जिले की अपनी पारंपरिक लांबी सीट से आप के गुरमीत सिंह खुदियां से हार गए. 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल चुनावों में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार थे. खुदियां ने प्रकाश बादल को 11,396 मतों के अंतर से हराया.
प्रकाश सिंह बादल बेटे और फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुखबीर सिंह बादल फजिल्का जिले की जलालाबाद सीट से मैदान में उतरे थे. हालांकि, वह आप के जगदीप कंबोज से 30,930 मतों के अंतर से हार गए.
प्रकाश बादल के भतीजे मनप्रीत सिंह बादल को बठिंडा शहरी सीट से आप के जगरूप सिंह गिल के हाथों 63,581 मतों के अंतर से करारी हार का सामना करना पड़ा. मनप्रीत सिंह बादल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्री हैं.
सुखबीर बादल के साले और शिअद के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्व से तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर आप की जीवनज्योत कौर ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को हरा दिया. मजीठिया ने सिद्धू को टक्कर देने के लिए अमृतसर में अपनी मजीठा सीट छोड़ दी थी. सिद्धू अमृतसर पूर्व से विधायक थे.
प्रकाश बादल के दामाद आदिश प्रताप सिंह कैरों को पट्टी से आप के लालजीत सिंह भुल्लर ने 10,999 मतों के अंतर से हराया.
हालांकि, मजीठिया की पत्नी गनीवे कौर मजीठिया को मजीठा सीट से जीत हासिल हुई है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आप के सुखजिंदर राज सिंह को 26,062 मतों के अंतर से हराया.
मंत्री राणा गुरजीत सिंह, उनके बेटे ने अपनी-अपनी सीट पर जीत हासिल की
पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह और उनके बेटे राणा इंदर प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को अपनी-अपनी विधानसभा सीट कपूरथला और सुल्तानपुर लोधी से जीत हासिल की.
इन दोनों नेताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को हराया.
चुनाव परिणामों के अनुसार, कपूरथला से मौजूदा विधायक राणा गुरजीत सिंह ने मंजू राणा को 7,304 मतों के अंतर से हराया. कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी से चुनाव लड़ने वाले राणा इंदर प्रताप ने सज्जन सिंह चीमा को 11,434 मतों से पराजित किया.
गौरतलब है कि राणा इंदर प्रताप सिंह ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ निर्दलीय के रूप में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था.
राणा गुरजीत सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ अपने बेटे के लिए प्रचार किया था.
नवतेज सिंह चीमा सहित कांग्रेस की पंजाब इकाई के चार नेताओं ने जनवरी में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राणा गुरजीत सिंह को निष्कासित करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि वह विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को ‘कमजोर’ कर रहे हैं.
इंदर प्रताप द्वारा सुल्तानपुर लोधी से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद कांग्रेस नेताओं ने गांधी को पत्र लिखा था.
93 महिलाओं और दो ट्रांसजेंडर सहित कुल 1,304 उम्मीदवार मैदान में
पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी एस. करुणा राजू ने बुधवार को बताया कि इस बार, 93 महिलाओं और दो ट्रांसजेंडर सहित कुल 1,304 उम्मीदवार मैदान में हैं.
उन्होंने बताया कि राज्य में 71.95 प्रतिशत मतदान हुआ था. पिछले तीन विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार सबसे कम मतदान हुआ. 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में 77.40 प्रतिशत, 2012 में 78.20 प्रतिशत और 2007 में 75.45 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2002 में केवल 65.14 प्रतिशत मतदान हुआ था.
इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 66 स्थानों पर बनाए गए मतगणना केंद्रों पर करीब 7500 कर्मचारी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 45 टुकड़ियां तैनात की गई हैं. मतगणना के मद्देनजर सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है और मतगणना केंद्रों के बाहर लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है.
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 फरवरी को हुआ था.
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इस बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था.
राज्य में 1986 से कभी अकाली दल, तो कभी कांग्रेस की सरकार ही बनी है.
गौरतलब है कि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस ने 117 में से 77 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर अकाली दल-भाजपा गठबंधन के दस साल के शासन को समाप्त किया था. चुनाव में आप को 20 सीट, अकाली दल-भाजपा गठबंधन को 18 सीट और लोक इंसाफ पार्टी को दो सीट पर जीत मिली थी.
मतगणना केंद्रों पर लोगों के जमा होने पर लगी पाबंदी, जिलों में धारा 144 लगाई गई
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए. करुणा राजू ने कहा है कि बृहस्पतिवार को मतगणना के मद्देनजर सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है और मतगणना केंद्रों के बाहर लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक मतगणना के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं , विजयी उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि बस दो व्यक्तियों के साथ प्रमाण-पत्र लेने मतगणना केंद्र पर जा सकते हैं. उनका कहना था कि विजय जुलूस पर भी रोक लगा दी गई है.
राज्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे को ‘पैदल क्षेत्र’ घोषित किया गया है और किसी को भी उस क्षेत्र में वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी. उनके अनुसार अनधिकृत लेागों के प्रवेश को रोकने के लिए त्रिस्तरीय घेरा व्यवस्था की गई है.
राजू ने कहा था कि सरकार ने 10 मार्च को मतगणना के पूरा होने तक शुष्क दिवस (ड्राई डे) घोषित किया है. दृश्य-श्रव्य रिकॉर्ड करने वाले मोबाइल फोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे उपकरणों को मतगणना केंद्रों पर लाने की मनाही होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)