झारखंड: कथित भूख से तीसरी मौत, बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा मैच न होने से दो महीने से नहीं मिला था राशन

देवघर ज़िले में 62 वर्षीय रूपलाल मरांडी की सोमवार को मौत हो गई. घर में दो दिन से नहीं जला था चूल्हा.

देवघर ज़िले में 62 वर्षीय रूपलाल मरांडी की सोमवार को मौत हो गई. घर में दो दिन से नहीं जला था चूल्हा.

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घर के खाली बरतन दिखाते रूपलाल के परिजन और शव की जांच करते डॉक्टर. (फोटो साभार: प्रभात खबर)

झारखंड में भूख से तीसरी मौत का मामला सामने आया है. देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत भगवानपुर गांव में 62 वर्षीय रूपलाल मरांडी की मौत सोमवार को हो गई. इस बार बायोमैट्रिक मशीन में पिता के अंगूठे का निशान न मिलने पर दो महीने से राशन न दिए जाने की बात सामने आई है.

एनडीटीवी के मुताबिक, ‘मृतक की बेटी मानोदी मरांडी के अनुसार उनके पिता के अंगूठे का निशान बॉयोमेट्रिक मशीन से नहीं मिलने पर पिछले दो महीने से उसके परिवार को राशन नहीं दिया जा रहा था. इस वजह से घर में अनाज का एक दाना भी न होने की वजह से पिछले दो दिनों से घर में चूल्हा नहीं जला था. एक पडोसी ने कुछ भात दिया था वही खा कर पूरा परिवार किसी तरह जीवित था.’

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प्रभात खबर के देवघर संस्करण का स्क्रीनशॉट

प्रभात खबर के मुताबिक, ‘स्थानीय डीलर धर्मवीर चौधरी ने कहा कि राशन कार्ड में रूपलाल की बेटी मानोदी का अंगूठा अटैच है. अगस्त माह में उन्हें अनाज दिया गया था. दुर्गापूजा के आसपास मानोदी चावल लेने आई थी, लेकिन अंगूठा मशीन से मैच नहीं कर रहा था. इसलिए उसे बाद में आने के लिए कहा था लेकिन मानोदी बाद में नहीं आई. मशीन में अंगूठा मैच न करने पर आखिर अनाज कैसे दे सकते हैं.’

वहीं, बीडीओ अशोक कुमार सोमवार रात रूपलाल के घर पहुंचे. साथ में डाॅक्टर भी थे. बीडीओ ने कहा कि रूपलाल की नेचुरल डेथ हुई है. पोस्टमार्टम नहीं कराया जायेगा.

गौरतलब है कि झारखंड में कथित रूप से भूख से जुड़ी यह तीसरी मौत है. झारखंड के सिमडेगा में 11 साल की बच्ची की कथित भुखमरी से हुई मौत के बाद धनबाद के झरिया के भालगढ़ा तारा बागान में 40 वर्षीय रिक्शा चालक बैद्यनाथ दास की मौत भी भूख से हो गई थी.