पश्चिम बंगाल सरकार ने परेड के लिए अपनी झांकी का विषय ‘एकता ही भाईचारा’ रखने का प्रस्ताव दिया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, शायद इसीलिए हमें बाहर कर दिया गया.
कोलकाता: राजधानी नई दिल्ली में इस बार गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल की झांकी को केंद्र द्वारा कथित रूप से हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि यह राज्य का अपमान है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने परेड के लिए अपनी झांकी का विषय ‘एकता ही भाईचारा’ रखने का प्रस्ताव दिया था. यहां एलन पार्क में क्रिसमस फेस्टिवल का उद्घाटन करते हुए ममता ने कहा, इस वर्ष हमारी प्रस्तावित थीम ‘एकताई सम्प्रिति’ (एकता ही भाईचारा) थी. शायद इसीलिए हमें बाहर कर दिया गया.
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को 25 दिसंबर यानी क्रिसमस पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी समुदाय को पीड़ा होती है तो मुझे भी होती है. 25 दिसंबर को अवकाश क्यों नहीं होता? अवकाश न देने के फैसले के पीछे क्या तर्क है, यह मैं जानना चाहती हूं. अगर इसके पीछे कोई तर्क नहीं है तो अवकाश ने देने के उद्देश्य पर मुझे संदेह है.’
उन्होंने कहा, ‘इस बार की गणतंत्र दिवस परेड से हमें बाहर रखा गया. मैं वजह जानना चाहती हूं. मुझे यह कहते हुए खेद है कि यह बंगाल का अपमान है. गणतंत्र दिवस परेड में हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है इसलिए हमें इस पर अपनी बात रखने का हक है. वर्ष 2013 से 2016 के बीच हमने दो बार प्रथम पुरस्कार जीता.’
मुख्यमंत्री ने कहा, राजनीति इन आयोजनों तक भी पहुंच गई है. जब हमने थीम कन्याश्री का प्रस्ताव दिया तो हमें अनुमति नहीं दी गई.
कन्याश्री एक सरकारी योजना है जिसके तहत स्कूल जाने वाली लड़कियों को सालाना छात्रवृत्ति दी जाती है. इस योजना से ममता सरकार की काफी प्रशंसा भी हुई है और संयुक्त राष्ट्र से इसे पुरस्कार भी मिला है.
ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने जिस थीम का प्रस्ताव दिया था उसे विशेषज्ञों की समिति की बैठक में सराहा गया था और राज्य उनके सुझावों को अपनाने के लिए तैयार था.
एनडीटीवी से बातचीत में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, बंगाल में आपके जन्म से लेकर आपकी मृत्यु तक हर चीज़ में राजनीति है. इसलिए गणतंत्र दिवस परेड को लेकर राजनीति करने के ममता बनर्जी के रवैये से मैं हैरान नहीं हूं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)