राजस्थान के बूंदी ज़िले के किसानों का कहना है कि कई बार प्रशासन से नहर का पानी पहुंचाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. फसलों को पानी की ज़रूरत है. अगर पानी नहीं मिला तो वे सूख जाएंगी.
बूंदी (राजस्थान): एक ओर सरकार बजट में किसानों की आय बढ़ाने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर पानी के अभाव में सूख रही अपनी फसलों को बचाने के लिए किसानों को आंदोलन करना पड़ रहा है.
वाकया राजस्थान के बूंदी जिले का है, जहां के छापड़दा गांव के किसान पिछले पांच दिनों से अपनी मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कड़ी में बीते रविवार को उन्होंने पेड़ से उल्टा लटककर अपना विरोध दर्ज कराया.
उनकी मांग है कि प्रशासन पानी के अभाव में उनकी सूख रही फसलों के लिए नहर से पानी उपलब्ध कराए. लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते उन्हें न सिर्फ अपनी मांग के समर्थन में धरने और क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ा, बल्कि प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए विरोध के विभिन्न तरीकों को भी आजमाना पड़ रहा है.
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, आंदोलनरत किसान सरकार और प्रशासन का ध्यान अपनी मांग की ओर खींचने के लिए रोज नये-नये तरीके आजमा रहे हैं. कभी वे मुर्गा बनकर तो कभी सिर मुंडवाकर, तो कभी चारा खाकर या भैंस के आगे बीन बजाकर अपना रोष व्यक्त करते हैं.
पत्रिका की खबर के अनुसार, किसानों का कहना है कि कई बार प्रशासन से नहर का पानी पहुंचाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. फसलों को पानी की ज़रूरत है. अगर पानी नहीं मिला तो वे सूख जाएंगी.