मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बसपा गठबंधन को लेकर सह​मति के क़रीब: कमलनाथ

दोनों दलों के बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भी ऐसे ही गठबंधन की योजना बन रही है.

दोनों दलों के बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भी ऐसे ही गठबंधन की योजना बन रही है.

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(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पहली बार कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मध्य गठबंधन होगा. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस और बसपा इसी तरह के गठबंधन की योजना बना रहे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कमलनाथ ने द वायर से इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि वह मायावती से बातचीत कर रहे थे.

पिछले 20 सालों से बसपा ने मध्य प्रदेश में सात प्रतिशत के करीब वोट शेयर बरकरार रखा है. अगर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर 37 प्रतिशत को इसमें जोड़ दिया जाए तो यह गठबंधन भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का 45 प्रतिशत वोट शेयर रहा है और अभी वह तीन बार सत्ता में रहने के कारण एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही है.

हाल ही में लोकनीति-सीएसडीएस के एक सर्वेक्षण में कहा गया कि मध्य प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी का असर राजस्थान से ज्यादा है. सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में गठबंधन की तरह बसपा के राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गठबंधन बनाए जाने की बात हो रही है. इन दोनों जगहों पर भी बसपा का वोट शेयर लगभग इतना ही है.

मायावती के साथ हुई बैठक में कमलनाथ ने दो विकल्पों पर चर्चा की है. पहला परंपरागत रूप से चुनाव पूर्व गठबंधन और दूसरा, एक ऐसी समझ जिसके तहत ऐसे प्रत्याशी खड़े किए जाए जो हर विधानसभा में भाजपा के वोट काट सकें.

मध्य प्रदेश के मतदाता सूची में लाखों फर्जी वोटरों के नाम की शिकायत चुनाव आयोग से करने दिल्ली आए कमलनाथ ने द वायर से कहा, ‘मैंने मायावती से बात की है और हमें इस बात का पूरा विश्वास है कि हम एक समझौते पर आ जाएंगे. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार और केंद्र की मोदी सरकार इस देश की जनता के लिए त्रासदी के समान है और इनके खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है.’

सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने मायावती के साथ गठबंधन करने के लिए कमलनाथ को पूरी छूट दे रखी है. सिर्फ उन्हें तब जानकारी देनी है जब गठबंधन पर पूरी तरह से सहमति बन जाए.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुल 230 सीटें हैं. जिनमें भाजपा के पास 165, कांग्रेस के 58, बहुजन समाज पार्टी के चार और तीन निर्दलीय विधायक हैं. मायावती की पार्टी बसपा का दलितों के बीच अच्छा जनाधार है. मध्य प्रदेश में दलितों का वोट करीब 15.62 प्रतिशत है.