आरोपी के गांव वालों ने कहा, फांसी के बाद शव गांव में नहीं दफनाने देंगे. वकीलों का आरोपियों की पैरवी से इनकार. हाईकोर्ट में पीआईएल लगाकर राज्य सरकार की बर्खास्तगी की मांग. कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग.
मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में नाबालिग बालिका के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने 24 वर्षीय एक और आरोपी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले में पकड़े गए पहले आरोपी इरफान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि बालिका से बलात्कार की वारदात में उसके साथ मंदसौर के मदरपुरा का रहने वाला आसिफ भी शामिल था. इसके बाद पुलिस ने इस मामले के दूसरे आरोपी को भी धर दबोचा.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसएस कनेश ने बताया कि जांच के बाद मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में दूसरे आरोपी आसिफ को भी पॉक्सो क़ानून तथा भारतीय दंड विधान की सम्बद्ध धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि आसिफ मकान की छत डालने के लिए सेंटिग बनाने का काम करता है.
पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, आसिफ ने पुलिस के सामने कुबूल किया है कि पहले उसने और इरफान ने शराब पी और फिर बालिका के साथ वारदात की.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, दूसरे आरोपी आसिफ ने पुलिस को बताया कि बीते मंगलवार को इरफान के साथ वो सरस्वती शिशु मंदिर के गेट के सामने खड़ा था. बच्ची को देखकर उनकी नीयत बदली. फिर, इरफान बच्ची को लड्डू का लालच देकर अपने साथ ले गया. आसिफ उसके पीछे-पीछे एक निश्चित दूरी बनाकर चलता रहा. बाद में, लक्ष्मण दरवाजा के पीछे दोनों ने बच्ची के साथ दरिंदगी करके उसे मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया.
इस मामले में शहर के मुस्लिम समाज एवं मेव वेलफेयर सोसायटी की ओर से प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि निजी विद्यालय की बालिका का अपहरण करके जिस अमानवीयता का परिचय आरोपियों ने दिया है, उसके कारण बहुसंख्यक समाज के साथ ही मुस्लिम समाज भी आक्रोशित होकर शर्म महसूस कर रहा है. इस अमानवीय घटनाकम की मुस्लिम समाज निंदा करते हुए पीड़ित बालिका एवं परिजनों के साथ दुख की घड़ी में भागीदार है.
ज्ञापन में इस अमानवीय वारदात के आरोपियों को न्याय व्यवस्था में तेजी लाते हुए त्वरित सुनवाई अदालत के जरिए फांसी की सजा दिलवाए जाने का आग्रह किया गया है.
इसके अलावा आंगनवाड़ी एवं आशा-ऊषा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए त्वरित सुनवाई अदालत की स्थापना कर पकड़े गए आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है.
मालूम हो कि मंदसौर में 26 जून को छुट्टी के बाद स्कूल के बाहर से तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली सात वर्षीय बच्ची का अपहरण करके उसके साथ बलात्कार करने को बाद उसे जान से मारने की कोशिश में झाड़ियों में फेंक दिया गया था.
पुलिस ने इस मामले में 27 जून की देर रात को एक आरोपी इरफान को गिरफ्तार कर लिया था. मंदसौर में लोग इस घटना के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं.
इस बीच, मंदसौर से सटे नीमच में 103 संगठनों के साथ मुस्लिम समाज ने भी दरिंदों को कड़ी सजा दिलवाने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया. पत्रिका के मुताबिक, मंदसौर में एक दर्जन से अधिक संगठनों ने रैली, मौन जुलूस निकाला. प्रदर्शन की कड़ी में सीतामऊ, नाहरगढ़, संजीत, सुवासरा, शामगढ़, गरोठ में भी बाजार बंद रहे. सारा दिन मंदसौर में प्रदर्शनों के चलते लोगों के हुजूम से सड़कें जाम रहीं.
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर 15 दिन में पुलिस अधीक्षक मंदसौर से रिपोर्ट तलब की है.
तो वहीं, आरोपी इरफान के गांव रिंगनोद के लोगों ने घोषणा की है कि फांसी के बाद इरफान का शव गांव में नहीं दफनाने देंगे.
दूसरी ओर वकीलों की ओर से घोषणा की गई है कि वे आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे. वकीलों की सभा में यह भी तय किया गया कि पीड़िता की ओर से 100 वकील पैरवी करेंगे. वकीलों ने गुरुवार को रैली निकालकर अपनी बात जिला जज के सामने रखी है.
वहीं, बच्ची को मंदसौर में इलाज के बाद इंदौर रेफर किया गया है जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है. चिकित्सकीय जांच में नाबालिग बच्ची से बलात्कार की पुष्टि हुई है.
बलात्कार के दौरान हमलावर ने बच्ची के नाजुक अंगों को पहुंचाई थी भीषण चोट
पीड़ित बच्ची इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के बाल शल्य चिकित्सा विभाग के वॉर्ड में भर्ती है. एमवायएच में बच्ची का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि आरोपियों ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था. इसके साथ ही, उसके नाजुक अंगों को भीषण चोट पहुंचाई थी जिसे मेडिकल जुबान में ‘फोर्थ डिग्री पेरिनियल टियर’ कहते हैं.
उन्होंने बताया कि यौन हमले में बच्ची के बुरी तरह क्षतिग्रस्त नाजुक अंगों को दुरुस्त करने के लिए उसकी अलग-अलग सर्जरी की गई हैं. कॉलोस्टोमी के जरिये उसके मल विसर्जन के लिए अस्थायी तौर पर अलग रास्ता बनाया गया है, जबकि एक अन्य ऑपरेशन के दौरान उसके दूसरे नाजुक अंग की शल्य चिकित्सा के जरिये मरम्मत की गई है.
डॉक्टर ने कहा कि फिलहाल बच्ची की हालत खतरे से बाहर है. करीब 10 डॉक्टरों का विशेषज्ञ दल उसकी सेहत पर लगातार नजर रख रहा है.
उन्होंने बताया कि बच्ची को अस्पताल से छुट्टी मिलने में कम से कम दो हफ्ते लग सकते हैं. फिलहाल हालत स्थिर है.
अस्पताल अधीक्षक वीएस पाल ने बताया, ‘बच्ची की हालत खतरे से बाहर है. उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है.’
उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्ची की सेहत पर एमवायएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बराबर नजर रख रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर निजी क्षेत्र के दो बाल शल्य चिकित्सकों की सलाह भी ली जा रही है, ताकि बच्ची के इलाज में कोई कोर-कसर न रहे.
एमवायएच अधीक्षक ने बताया, ‘हमने बच्ची को अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर दिया है. बच्ची पूरी तरह होश में है और अपने माता-पिता से बात भी कर रही है.’
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि बच्ची के माता-पिता ने उनके सामने मरीज को किसी अन्य अस्पताल में स्थानांतरित करने की न तो कोई मांग रखी है, न ही एमवायएच प्रशासन उसे किसी अन्य अस्पताल में भेजने की फिलहाल कोई जरूरत महसूस कर रहा है.
पाल ने कहा, ‘बच्ची के माता-पिता एमवायएच में अपनी संतान के इलाज से संतुष्ट हैं.’
उन्होंने शुक्रवार को पत्रिका को बताया था कि जटिल सर्जरी करने के बाद बच्ची की हालत में सुधार हो रहा है और वह बेहतर रिस्पांस कर रही है. घाव भरने में 15 से 20 दिन लगेंगे. तब तक उसे गहन निगरानी में रखा जाएगा. अस्पताल स्टाफ और परिजनों के अलावा किसी को भी बच्ची के पास जाने की अनुमति नहीं है.
बच्ची की हालात पर बात करें तो स्पर्श करने पर वह सहम जाती है. अभी भी वह दर्द में है. हर वक्त उसकी मां साथ रहती है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक उसे कहते सुना जा सकता है कि ‘मां मुझे ठीक कर दो या मार डालो.’ बच्ची की जान बचाने के लिए गुरुवार को उसकी आंतें तक काटनी पड़ी हैं.
इधर, शुक्रवार को हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में पीड़िता के इलाज के संबंध में एक जनहित याचिका दायर करते हुए मांग की गई है कि बच्ची का इलाज नई दिल्ली स्थित एम्स में सरकारी खर्च पर कराया जाए.
आनंद ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका में घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार मानते हुए उसे बर्खास्त करने की भी मांग की गई है. याचिका में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाया गया है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट के जरिये मांग की है कि मंदसौर में दरिंदगी की शिकार बच्ची को बेहतर इलाज के लिए किसी महानगर के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया जाए और इसका पूरा खर्च प्रदेश सरकार उठाये.
इस बीच, सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला के अनुसार पुलिस पूछताछ में इरफान ने हत्या के प्रयास की बात स्वीकार की है. उसने बताया है कि घटना को अंजाम देने के बाद पार्टी करने उसके पास पैसे नहीं थे तो उसने पांच हजार रुपये में अपना मोबाइल बेचकर शराब और चिकन खरीदी. पार्टी के बाद दोनों बाजार में घूमते रहे.
इस दौरान इरफान ने आसिफ को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वह इस बारे में उसका नाम किसी से न ले.
वहीं, पीड़ित बच्ची के हालचाल जानने के लिए राजनेताओं के एमवायएच पहुंचने का सिलसिला भी जारी है.
पीड़िता के परिजनों के सामने भाजपा विधायक के विवादित बोल
क्षेत्रीय भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता पीड़िता का हालचाल जानने शुक्रवार को एमवाय अस्पताल पहुंचे. यहां विवाद तब खड़ा हो गया जब भाजपा के स्थानीय विधायक सुदर्शन गुप्ता ने पीड़िता के माता- पिता को कहा कि वे सांसद को धन्यवाद कहें कि वे मिलने आए.
उनका यह बयान सियासी हलकों से लेकर सोशल मीडिया तक की सुर्खियां बन गया.
भाजपा विधायक ने पीड़ित बच्ची के माता-पिता से कथित तौर पर कहा कि उन्हें क्षेत्रीय भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता को धन्यवाद देना चाहिए, क्योंकि वे बच्ची का हालचाल जानने के लिए खासतौर पर मंदसौर से इंदौर पहुंचे.
मंदसौर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता ने एमवायएच में डॉक्टरों से बच्ची का हालचाल जाना और इसके बाद उसके माता-पिता से मुलाकात की.
इस दौरान भाजपा सांसद के साथ इंदौर के क्षेत्र क्रमांक-एक के भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता भी थे.
भाजपा विधायक ने मुलाकात के दौरान पीड़ित बच्ची के माता-पिता से कथित तौर पर कहा, ‘माननीय सांसद जी को धन्यवाद दो कि वे आज स्पेशली आपसे मिलने आए.’
भाजपा विधायक की इस सलाह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने बलात्कार पीड़ित बच्ची के परिजनों के सामने भाजपा विधायक के इस बर्ताव को घोर संवेदनहीन करार दिया है.
उन्होंने कहा, ‘क्षेत्रीय भाजपा सांसद ने पीड़ित बच्ची के माता-पिता से मिलकर उन पर कोई अहसान नहीं किया है. यह तो एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के रूप में उनका फर्ज था. भाजपा विधायक को अपने संवेदनहीन बर्ताव के लिए बच्ची के परिजनों से माफी मांगनी चाहिए.’
वहीं, भाजपा विधायक ने अपने बचाव के साथ कांग्रेस पर पलटवार भी किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वीडियो को काट-छांटकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है, ताकि सूबे में सत्तारूढ़ दल को बदनाम किया जा सके.
उन्होंने कहा, ‘मैं और मंदसौर के भाजपा सांसद पीड़ित बच्ची के परिवार से मिलने सबसे पहले एमवायएच पहुंचे थे. हमने उन्हें हिम्मत बंधाते हुए उनकी हरसंभव मदद का भी भरोसा दिलाया था. लेकिन, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यह सब दिखाई नहीं दे रहा है. मुद्दाविहीन कांग्रेस वीडियो के कटे-छंटे अंश के बूते बात का बतंगड़ बना रही है.’
हालांकि इस बीच उन्होंने बड़ते दबाव के जलते अपने कथन पर शनिवार को अफसोस भी जताया है. उन्होंने कहा, ‘मंदसौर में बच्ची के साथ दुष्कर्म से हम सब दुखी और व्यथित हैं. इस जघन्य अपराध के खिलाफ हम सब पीड़ित परिवार के साथ हैं. इस प्रकरण में मेरी किसी भी बात से किसी व्यक्ति की भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं गहरा दु:ख प्रकट करता हूं.’
इस बीच, मुलाकात के बाद मंदसौर सांसद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मासूम बच्चियों से बलात्कार करने वाले दरिंदों के लिए फांसी की सजा भी कम है.
उन्होंने कहा कि बच्ची से बलात्कार और उस पर जानलेवा हमले का मुकदमा फास्ट ट्रैक अदालत में चलाया जाएगा, ताकि यौन हमलावर को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जा सके.
इंदौर की भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि मंदसौर में स्कूली बच्ची से किसी वहशी की तरह बर्ताव करने वाले बलात्कारी हमलावर को बीच चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए और उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए.
भाजपा सरकारों में मप्र महिला विरोधी अपराधों का गढ़ बन गया है: कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा शासित प्रदेशों में मध्य प्रदेश महिला विरोधी अपराधों का गढ़ बन गया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘मंदसौर की हैवानियत व बर्बरता दिल दहला देने वाली है. भाजपा के राज्य में मध्य प्रदेश महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे जघन्य अपराधों का गढ़ बन गया है. लोगों का ग़ुस्सा जायज़ है.’
पीड़ित परिवार के प्रति भाजपा के एक नेता द्वारा कथित तौर पर संवेदनहीनता दिखाने से जुड़ी खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘पीड़ित परिवार के लोगों को सांत्वना देने की बजाय, भाजपाई सांसद उनसे धन्यवाद मांग रहे हैं. यह बहुत ही शर्मनाक है.’
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस जघन्य घटना पर दुख जताते हुए शनिवार को कहा कि अपने बच्चों की सुरक्षा और दोषियों को जल्द से जल्द सजा सुनिश्चित करने के लिए हमें एक राष्ट्र के तौर पर एकजुट होना होगा.
In Mandsaur, MP, an 8-year-old girl was kidnapped and gang raped, and is battling for her life. The brutality this young child was subjected to sickens me. As a nation, we must come together to protect our children and bring the attackers to speedy justice.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 30, 2018
राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘मंदसौर में आठ साल की बच्ची का अपहरण किया गया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. यह बच्ची जीवन के लिए संघर्ष कर रही है. इस बच्ची के साथ हुई बर्बरता से व्यथित हूं.’
उन्होंने कहा, ‘अपने बच्चों की सुरक्षा और गुनाहगारों को त्वरित न्याय की जद में लाने के लिए हमें एक राष्ट्र के तौर पर एकसाथ आना होगा.’
वहीं, कांग्रेसी सांसद और प्रदेश नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मामले में धीमी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
It took a lot of time to lodge an FIR in the rape case of a 8-year-old girl in Mandsaur. Even today the investigation is not going in the right direction. We demand a CBI inquiry in the case. Women in my state don’t feel safe: Jyotiraditya Scindia, Congress #MadhyaPradeshpic.twitter.com/LTSKu4C7S6
— ANI (@ANI) June 30, 2018
उन्होंने कहा है, ‘मामले की एफआईआर होने में बहुत समय लिया गया. अभी भी जांच सही दिशा में नहीं जा रही है. हम मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं. मेरे राज्य में महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं.’