शिमला का गुड़िया रेप मामला: पीड़िता के पिता ने सीबीआई जांच पर उठाए सवाल

हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के कोटखाई में पिछले साल एक नाबालिग लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया गया था.

गुड़िया गैंगरेप मर्डर के विरोध में शिमला में उस दौरान हुए प्रदर्शनों की एक तस्वीर (फाइल फोटो: पीटीआई)

हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के कोटखाई में पिछले साल एक नाबालिग लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया गया था.

Shimla: People staging a demonstration to demand justice for a 16-year-old school girl, who was raped and murdered in Kotkhai, in Shimla on Saturday. PTI Photo (PTI7_15_2017_000065B)
गुड़िया गैंगरेप मर्डर के विरोध में शिमला में उस दौरान हुए प्रदर्शनों की एक तस्वीर (फाइल फोटो: पीटीआई)

शिमला: जिले के कोटखाई शहर में पिछले साल एक 16 वर्षीय लड़की का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी, जिसका शव एक जंगली क्षेत्र में मिला था. उस घटना के एक साल बाद लड़की के पिता ने शुक्रवार को कहा कि वे इस मामले में सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं.

गौरतलब है कि पिछले साल 4 जुलाई को एक लड़की लापता हो गई थी. कथित तौर पर उसका बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी. दो दिन बाद छह जुलाई को उसका शव दांडी के जंगली क्षेत्र में पाया गया था. उस लड़की को बाद में ‘गुड़िया’ के नाम से जाना गया.

उस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला था.

उसके पिता ने शुक्रवार को एक किताब ‘ गुड़िया- अनसुनी चीख’ रिलीज की, जिसे अश्विनी शर्मा और तनुजा थापा ने लिखा है. किताब में छह जुलाई की घटना के बाद के घटनाक्रमों का उल्लेख किया गया है, जिसमें जांच की प्रक्रियाएं व प्रगति, जन विरोध और आरोपियों की गिरफ्तारी और उनमें से एक की हिरासत में मौत की घटना शामिल है.

किताब रिलीज करने के मौके पर लड़की के पिता ने कहा कि यह विश्वास करना असंभव है कि इतना जघन्य अपराध अकेले अनिल उर्फ नीलू ने किया है. बहुत से ऐसे सवाल और मुद्दे हैं, जो अभी भी अनसुलझे हैं और सच्चाई का पता लगाने और वास्तविक अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए नये सिरे से एक जांच करने की जरुरत है.

अमर उजाला के मुताबिक, गुड़िया के पिता ने कहा, ‘जिस चार फीट के नीलू को पकड़कर सीबीआई ने मामला सुलझा लेने का दावा किया है, वह अकेला मुजरिम नहीं हो सकता है. मामले में प्रभावशाली लोग हैं. सीबीआई बताए कि जिनके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, वे क्यों हुए. ‘

इसके अलावा उन्होंने सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘सीबीआई का कहना है कि मेरी बेटी का चार जुलाई को ही दुराचार के बाद नीलू ने कत्ल कर दिया. लेकिन सवाल उठता है कि जंगली जानवरों से भरे दांदी जंगल में दो दिन तक उसकी लाश कैसे सुरक्षित रही? लाश में खून तक नहीं था. एक टांग टूटी हुई नजर आ रही थी. कपड़े किनारे से ऐसे रखे गए थे मानो लाश लाश वहां फेंकने के बाद रखे हों.’

वे कहते हैं कि सीबीआई ने ऐसे ही कई सवालों के जवाब न देकर उनका भरोसा तोड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘चार फीट के उस कातिल के अलावा सभी हत्यारों को पकड़ो. सबको फांसी पर चढ़ा जो. तभी मेरी गुड़िया को इंसाफ मिलेगा.’

भावुक होकर उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें सीबीआई जांच के बीच या इससे पहले ये मालूम हो जाता कि किसने ये सब किया है तो वे गुड़िया के खून का बदला खून से लेते.’

घटनाक्रम की विस्तार से बात करें तो 4 जुलाई 2017 को शिमला से 56 किमी दूर कोटखाई में आरोपियों ने 16 साल की एक स्कूली छात्रा को लिफ्ट दी और नजदीक के जंगल में ले जाकर उसके साथ रेप किया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी. इस रेप और मर्डर के बाद पूरे हिमाचल में पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध हुआ था. विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाया था.

12 जुलाई को 10:37 मिनट पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से चार लोगों की फोटो के साथ एक पोस्ट डाली गई कि इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने आईजी ज़हूर हैदर ज़ैदी और मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) को बधाई भी दे दी. हालांकि एक घंटे बाद यह पोस्ट हटा दी गई.

एक दिन बाद एसआईटी ने दावा किया कि उसने मामले को सुलझा लिया है और छह व्यक्ति आशीष चौहान, राजेंद्र सिंह, सूरज सिंह, सुभाष सिंह बिष्ट, लोकजान और दीपक को गिरफ्तार किया है. हालांकि इसमें से किसी की भी शक्ल एक दिन पहले फेसबुक पर डाली गई फोटो से मिलती नहीं थी.

अगले कुछ दिनों तक इन पकड़े गए लोगों को निर्दोष मानते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया. इसी बीच सूरज सिंह की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. इसके बाद कुछ जगहों पर यह प्रदर्शन हिंसक हो उठा. उग्र भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया.

जल्द ही प्रदेश सरकार ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी. घटना के करीब डेढ़ महीने बाद सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए गुड़िया गैंगरेप मर्डर मामले में आरोपी सूरज सिंह की मौत और असली आरोपियों को बचाने के लिए 8 पुलिसवालों को गिरफ़्तार कर लिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq