बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में छह महीनों में 1,201 बच्चों की मौत हुई थी. दोनों वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि नियोनेटल डेथ में कमी आई है जबकि इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में छह महीनों में 1,049 बच्चों की मौत हो गई है. इनमें इंसेफलाइटिस से ग्रस्त 73 बच्चे भी शामिल हैं. इस अवधि में सबसे अधिक एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट) में 681 बच्चों की मौत हुई. ये बच्चे संक्रमण, सांस संबंधी दिक्कतों, कम वजन आदि बीमारियों से पीड़ित थे. इस वर्ष इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में नवजात शिशुओं को एनआईसीयू और बड़े बच्चों को पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) में भर्ती किया जाता है. पीआईसीयू में इंसेफलाइटिस से ग्रस्त बच्चों को भी इलाज के लिए भर्ती किया जाता है.
मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष 30 जून तक एनआईसीयू में 681 बच्चों की मौत हो गई जबकि पीआईसीयू में 368 बच्चों की मृत्यु हुई है. पीआईसीयू में इस अवधि में मृत बच्चों में 73 इंसेफलाइटिस रोगी थे.
वर्ष 2017 में छह महीनों (180 दिन)- जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई और जून में 1,201 बच्चों की मौत हुई थी. इसमें 767 एनआईसीयू में और 434 पीआईसीयू में भर्ती थे.
दोनों वर्ष के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि नियोनेटल डेथ में कमी आई है जबकि इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.
गोरखपुर न्यूज लाइन के अनुसार, यह जानकारी उन्हें मेडिकल कॉलेज से विश्वसनीय सूत्रों से मिली है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन 10 अगस्त 2017 के आक्सीजन कांड के बाद से बच्चों की मौत के बारे में अधिकृत जानकारी नहीं दे रहा है. इस कारण मीडिया को सूत्रों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
यहां उल्लेखनीय है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों- गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, देवीपाटन आदि जिलों के अलावा पश्चिमी बिहार से गोपालगंज, सीवान, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण आदि जिलों के बच्चे इलाज के लिए आते हैं.
(यह रिपोर्ट मूल रूप से गोरखपुर न्यूज़ लाइन की वेबसाइट में प्रकाशित हुई है.)