इस मामले में कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए और जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए.
नई दिल्ली: भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि देश से बाहर जाने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी.
#WATCH "I met the Finance Minister before I left, repeated my offer to settle with the banks", says Vijay Mallya outside London's Westminster Magistrates' Court pic.twitter.com/5wvLYItPQf
— ANI (@ANI) September 12, 2018
लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं भारत से इसलिए आया क्योंकि जेनेवा में मेरी एक बैठक थी. आने से पहले मैंने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामला निपटाने की पेशकश को दोहराई थी. यही सच्चाई है.’
हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या के इस बयान को खारिज किया है. जेटली ने कहा कि 2014 के बाद उन्होंने माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया लेकिन माल्या ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी.
वित्त मंत्री ने फेसबुक पर एक लेख में माल्या के लंदन में दिए गए बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया. उन्होंने कहा कि उनके बयान में सच्चाई नहीं है. उन्होंने लिखा है, ‘2014 के बाद से मैंने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया है और माल्या से मेरी मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता है.’
#WATCH Finance Minister Arun Jaitley says, "I never gave him an appointment" on Vijay Mallya's claim that he met the Finance Minister before he left. pic.twitter.com/aGxlD69NHY
— ANI (@ANI) September 12, 2018
वित्त मंत्री ने लिखा, ‘उन्होंने एक बार विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गए. चलते-चलते उन्होंने कहा कि उनके पास कर्ज के समाधान की एक योजना है. इस पर मैंने कहा कि मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है. आपको अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए.’
इस बात को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि जेटली से ‘विदाई लेकर’ माल्या भारत से भागा था. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास’ भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है.
उन्होंने कहा, ‘मोदी जी, आपने ललित मोदी, नीरव मोदी, हमारे मेहुल भाई,अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों रुपये लुटवा, विदेश भगा दिया. विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिलकर ,विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार हैं.’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये के कर्ज की अदायगी नहीं करने के आरोपी माल्या के दावे को अति गंभीर आरोप करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जांच का आदेश देना चाहिए.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘लंदन में माल्या की ओर से लगाए गए अति गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए. जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘इसमें दो सवाल उठते हैं. पहला सवाल कि वित्त मंत्री भगोड़े से बात करते हैं और वह उनसे लंदन जाने के बारे में बताता है. लेकिन माल्या के बारे में वित्त मंत्री ने किसी एजेंसी को क्यों नहीं बताया?’
गांधी ने यह भी पूछा कि सीबीआई पर दबाव डालकर ‘रेस्ट्रेंड नोटिस’ को ‘इन्फॉर्म्ड’ नोटिस में किसने बदलवाया? उन्होंने आरोप लगाया, ‘वित्त मंत्री की मिलीभगत है. वित्त मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने अपराधी के साथ मिलीभगत क्यों की?’
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को ‘पूरी तरह से सकते’ में डालने वाला बताया है. कई ट्वीटों की श्रृंखला में केजरीवाल ने पूछा, ‘वित्त मंत्री अब तक यह सूचना क्यों छुपा कर रखे हुए थे.’
केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी के देश छोड़कर जाने से पहले उससे मिलते हैं. विजय माल्या के देश से छोड़कर जाने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं. इन बैठकों में क्या पकाया जा रहा था? जनता यह जानना चाहती है.’
उल्लेखनीय है कि 62 वर्षीय माल्या के खिलाफ इस अदालत में सुनवाई चल रही है कि क्या उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत भेजा जा सकता है या नहीं, ताकि उनके खिलाफ वहां की अदालत बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सके.
माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)