असम में कंपनियों को 300 कर्मचारियों की छंटनी के लिए सरकार से नहीं लेनी होगी अनुमति

असम की भाजपा सरकार के औद्योगिक विवाद (असम संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंज़ूरी दी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि संशोधन का लक्ष्य राज्य में कारोबार के लिए सकारात्मक माहौल पैदा करना है.

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असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो साभार: फेसबुक/Sarbananda Sonowal)

असम की भाजपा सरकार के औद्योगिक विवाद (असम संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंज़ूरी दी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि संशोधन का लक्ष्य राज्य में कारोबार के लिए सकारात्मक माहौल पैदा करना है.

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो साभार: फेसबुक/Sarbananda Sonowal)
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल. (फोटो साभार: फेसबुक/Sarbananda Sonowal)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने असम सरकार के एक विधेयक को अपनी मंज़ूरी दे दी है, जिसके तहत कंपनियों को 300 कर्मचारियों तक की छंटनी के लिए सरकार से पूर्वानुमति की ज़रूरत नहीं होगी.

अधिकारियों ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति कोविंद ने औद्योगिक विवाद (असम संशोधन) विधेयक, 2017 को अपनी संस्तुति दे दी है. यह नया क़ानून औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 का स्थान लेगा. उनके मुताबिक इससे कारोबार करने को सहज बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे कंपनियों के पास सरकार की पूर्वानुमति के बगैर 300 कर्मचारियों की छंटनी का अधिकार होगा. यह सीमा पहले 100 कर्मियों की थी.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने विधेयक को उद्धत करते हुए कहा कि संशोधन का लक्ष्य राज्य में कारोबार के लिए सकारात्मक माहौल पैदा करना है.

नए क़ानून के मुताबिक जिन कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी, उन्हें अब 15 दिन के बजाय 60 दिन का वेतन देना होगा.

राष्ट्रपति ने मोटर वाहन (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 को भी अपनी संस्तुति दे दी. इससे राज्य परिवहन को किसी भी वाहन को किसी भी मार्ग पर किसी भी परमिट के साथ चलाने की छूट मिल जाएगी.