सीबीआई के डिप्टी एसपी एके बस्सी का अंडमान व निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में तबादला कर दिया गया है. वहीं एडिशनल एसपी एसएस गम का तबादला कर सीबीआई जबलपुर भेज दिया गया है.
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के दो वरिष्ठतम अधिकारियों के बीच लड़ाई में एक नया मोड़ आया है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के बाद अब अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहे सीबीआई के डिप्टी एसपी एके बस्सी का अंडमान व निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में तबादला कर दिया गया है.
#FLASH Dy SP CBI AK Bassi has been transferred and posted as Dy SP CBI, ACB Port Blair and Addnl SP CBI SS Gum transferred and posted as CBI, ACB Jabalpur, they were probing the case against CBI's Rakesh Asthana
— ANI (@ANI) October 24, 2018
एके बस्सी को पोर्ट ब्लेयर में सीबीआई की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा का डिप्टी एसपी नियुक्त किया गया है. सरकार ने बस्सी से कहा है कि वो जल्दी से अपना नया पदभार संभाले.
इसके अलावा सीबीआई के एडिशनल एसपी एसएस गम का भी तबादला कर उन्हें सीबीआई जबलपुर की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा में नियुक्त किया गया है. ये दोनों अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत मामले की जांच कर रहे थे.
CBI's JD (P)Arun Kumar Sharma, A Sai Manohar, HoZ V Murugesan and DIG Amit Kumar have been transferred/posted. They were a part of the team probing the case against CBI's Rakesh Asthana. pic.twitter.com/VWgI8KgkWU
— ANI (@ANI) October 24, 2018
सीबीआई के संयुक्त निदेशक अरुन कुमार शर्मा, ए. साई मनोहर, वी मुरुगेसन और डीआईजी अमित कुमार, डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा, डीआईजी तरुन गौबा, डीआईजी जसबीर सिंह, डीआईजी अनीष प्रसाद, डीआईजी केआरचौरसिया, एओबी राम गोपाल और एसपी सतीश डागर का तबादला कर दिया गया.
ये सभी 13 अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहे थे.
वहीं आलोक वर्मा की जगह पर सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया है. केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को देर रात इसकी घोषणा की.
मालूम हो कि हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने बीते दिनों अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है और सीबीआई ने अपने ही दफ़्तर में छापा मारकर अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है.
डीएसपी देवेंद्र कुमार को सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया हैं. देवेंद्र ने अपनी गिरफ़्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर तक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया. 29 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी जहां पर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोपों का जवाब देना होगा.
अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मीट कारोबारी मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के ज़रिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. सीबीआई का आरोप है कि लगभग तीन करोड़ रुपये पहले ही बिचौलिये के ज़रिये अस्थाना को दिए जा चुके हैं.
कहा जा रहा है कि सीबीआई के दोनों वरिष्ठतम अधिकारियों के बीचे मचे इस घमासान से जांच एजेंसी की विश्वसनीयता पर उठे सवालों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है.
दरअसल कार्मिक मंत्रालय के अधीन ही सीबीआई काम करती है और अभी इस मंत्रालय के प्रभारी नरेंद्र मोदी हैं.