अधिकारियों ने इस हमले को 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला बताया है. धमाका पुलवामा ज़िले के श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुआ. बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है. उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना की ज़िम्मेदारी ली है. विस्फोट आईईडी के माध्यम से किया गया था.
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 2500 से अधिक कर्मचारी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर यह आत्मघाती हमला किया गया.
पुलिस ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद डार के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. हताहतों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है.
विस्फोट में कई लोग घायल हो गए. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आसपास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है.
सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया, ‘यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे. काफिले पर कुछ गोलियां भी चलाई गईं.’
भटनागर ने कहा कि घटनास्थल पर वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं. मामले की जांच की जा रही है. घायलों की देखरेख की जा रही है.
यह काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे सूर्यास्त तक श्रीनगर पहुंचना था.
अधिकारियों ने बताया कि घाटी लौट रहे कर्मचारियों की संख्या अधिक थी क्योंकि राजमार्ग पर पिछले दो-तीन दिन से ख़राब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से कोई आवाजाही नहीं हो रही थी.
अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर मार्ग को परखने के लिए एक दल को तैनात किया गया था और काफिले में आतंक निरोधक बख्तरबंद वाहन मौजूद थे.
फारेंसिक एवं बम विश्लेषक दल मौके पर पहुंच गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि हमले के केंद्र में रही बस बल की 76वीं बटालियन की थी और उसमें 39 कर्मचारी सवार थे. आम तौर पर काफिले में करीब 1000 कर्मचारी चलते हैं किंतु इस बार कर्मचारियों की कुल संख्या 2547 थी.
कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (अभियान) ज़ुल्फ़ीकार हसन ने इसे वाहन से किया गया हमला क़रार दिया और कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच अपने हाथ में ली है.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सीआरपीएफ डीजी आरआर भटनागर से बातचीत कर हालात का जायजा लिया है. गृहमंत्री राजनाथ के शुक्रवार को श्रीनगर जाने की संभावना है.
J&K Raj Bhawan PRO:Governor has urged all the Security Forces Commanders to enhance surveillance on every front and directed the District and Divisional Civil and Police Administration to immediately review the security management of all important installations and establishments https://t.co/8Dpjg9hTeG
— ANI (@ANI) February 14, 2019
घटना के बाद जम्मू कश्मीर राजभवन के जनसंपर्क अधिकारी ने सुरक्षा बलों से निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है. साथ ही सभी ज़िला और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करे.
Mehbooba Mufti on Pulwama attack: I don't have enough words to condemn this attack. Border skirmishes and surgical strikes are leading to nothing. NDA Govt and all political parties must come together and reach a solution to end this bloodshed pic.twitter.com/0tcQNi1nul
— ANI (@ANI) February 14, 2019
घटना के संदर्भ में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ‘इस घटना की निंदा के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. सीमा पर हो रहे मुठभेड़ और सर्जिकल स्ट्राइक का कुछ हासिल नहीं हुआ है. राजग सरकार और सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर इस खूनी खेल का कोई हल निकालना होगा.’
Randeep Surjewala, Congress on #Pulwama attack: We strongly condemn this cowardly attack, we extend condolences to the kin of the jawans who were martyred. This is the 18th big terror attack in the last 5 years under this Modi Govt. When will the 56-inch chest reply? pic.twitter.com/kAQ5aKgCdA
— ANI (@ANI) February 14, 2019
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘हम इस कायराना घटना की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी सहानुभूति शहीद जवानों के परिवारवालों के साथ है. पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार के कार्यकाल में यह 18वां बड़ा हमला है. 56 इंच के सीने वाला कब जवाब देगा.’
Arun Jaitley:Attack on CRPF in #Pulwama, J&K is cowardice & condemnable act of terrorists. Nation salutes martyrs&we stand united with families of martyrs. We pray for speedy recovery of the injured. Terrorists will be given unforgettable lesson for their heinous act. (file pic) pic.twitter.com/NiBNgbW96t
— ANI (@ANI) February 14, 2019
भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, ‘पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमला आतंकवादियों की कायराना हरकत है. देश शहीदों को सलाम करता है और हम शहीदों के परिवार के साथ खड़े हैं. हम घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. आतंकवादियों को इस जघन्य अपराध के लिए ऐसा सबक सिखाया जाएगा जिसे वे भुला नहीं पाएंगे.’
मालूम हो कि साल 2016 में 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर के बारामुला ज़िले के उरी में हुए आतंकी हमले में 23 जवान शहीद हो गए थे. इसे पिछले दो दशक में भारतीय सुरक्षा बलों पर हुआ सबसे भीषण आतंकी हमला बताया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)