राजस्थान के बाड़मेर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान की धमकी से डरने की नीति को छोड़ दिया. अख़बार वाले भी लिखते थे, पाकिस्तान के पास भी न्यूक्लियर है, तो हमारे पास क्या है भाई, ये दिवाली के लिए रखा है क्या?’
चित्तौड़गढ़/बाड़मेर: पड़ोसी देश श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई को मज़बूत करने के लिए भाजपा को वोट देने की लोगों से अपील की. साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में श्रीलंका के साथ खड़ा है.
मोदी ने इस घटना की निंदा की. उन्होंने बम धमाकों में अपने परिजनों को खोने वाले वाले लोगों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की.
राजस्थान के बाड़मेर में हुई एक चुनाव सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान की धमकी से डरने की नीति को छोड़ दिया. ये ठीक किया न मैंने? वरना, आए दिन हमारे पास न्यूक्लियर बटन है, न्यूक्लियर बटन है, यही कहते थे, हमारे अख़बार वाले भी लिखते थे, पाकिस्तान के पास भी न्यूक्लियर है, तो हमारे पास क्या है बे, ये दिवाली के लिए रखा है क्या?’
#WATCH Prime Minister Narendra Modi in Barmer, Rajasthan: India has stopped the policy of getting scared of Pakistan’s threats. Every other day they used to say “We’ve nuclear button, we’ve nuclear button”…..What do we have then? Have we kept it for Diwali? pic.twitter.com/cgSLoO8nma
— ANI (@ANI) April 21, 2019
उन्होंने कहा, ‘यहां अनेक पूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में हिस्सा लिया था. तब हमारे सैनिकों के शौर्य के कारण पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा हमारे कब्जे में आया था. 90 हज़ार पाक सैनिक हमारे कब्जे में थे साहब, लेकिन उसके बदले में हमने शिमला में जाकर क्या किया. सरकार ने टेबल पर जाकर सब गंवा दिया, जो जवानों ने जीता था. दुनिया भर से जो दबाव भारत पर पड़ा और सरकार ऐसी कांप गई कि उन्होंने हस्ताक्षर करके मामला पूरा कर दिया.’
#WATCH PM Modi in Barmer, Rajasthan: In 1971 due to bravery of our soldiers a big part of Pak came in our possession, 90,000 Pakistani soldiers were in our custody but what did we do in Shimla? Govt squandered everything that our jawans had won…..what if Modi was there then? pic.twitter.com/zo1SJ8KDl2
— ANI (@ANI) April 21, 2019
फिर प्रधानमंत्री ने लोगों से सवाल किया, ‘अगर उस समय मोदी होता तो?’
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक चुनाव सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘आप सब जब वोट देने जाएंगे और कमल का बटन दबाएंगे, तो मन में यह भी तय करिए कि आप आतंकवाद को ख़त्म करने लिए बटन (ईवीएम पर) दबा रहे हैं. आपकी एक उंगली में ताकत है. आप कमल के निशान पर बटन दबाएंगे तो आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई की मुझे ताकत मिलेगी.’
‘आतंकवाद खत्म और नेस्तनाबूद होना चाहिए कि नहीं’ यह सवाल करते हुए मोदी ने पूछा, ‘कौन कर सकता है यह काम? लोगों के बीच से मोदी-मोदी की आवाज आने पर उन्होंने कहा, ‘मोदी के सिवा कोई नाम दिखता है, तो हमे बता दीजिए. कोई कर सकता है क्या?’
मोदी ने कहा कि इस बार जब आप कमल के निशान पर बटन दबाएंगे तो आपके भीतर न सिर्फ एक नागरिक की सतर्कता हो, बल्कि एक वीर सैनिक की सतर्कता भी होनी चाहिए, जो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए वोट डालता है. सबसे बड़ा देश होता है, इसलिए देश के लिए वोट डालना है.
उन्होंने कहा, ‘आज श्रीलंका में जो कुछ भी हुआ है… भारत पूरी मज़बूती के साथ श्रीलंकावासियों के साथ खड़ा है. संकट की इस घड़ी में भारत, श्रीलंका की जो भी मदद कर सकता है, हर मदद के लिए तैयार है.’
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के लातूर ज़िले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से बालाकोट हमले के नाम पर वोट मांग कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदर्श आचार संहिता के दायरे से बाहर जाते भी दिखे थे.
मोदी ने कहा था, ‘मैं पहली बार मतदान करने वालों से कहना चाहता हूं, क्या आपका पहला वोट वीर जवानों को समर्पित हो सकता है जिन्होंने हवाई हमले किए (पाकिस्तान के अंदर)? क्या आपका पहला वोट पुलवामा (आतंकवादी हमले) के शहीदों को समर्पित हो सकता है?’
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान का संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के चुनाव अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगी थी.
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने 19 मार्च को परामर्श जारी कर पार्टियों और उनके उम्मीदवारों से अपनी प्रचार सामग्री में सुरक्षा बलों की तस्वीरें लगाने से मना किया था.
आयोग ने कहा था, ‘पार्टियों, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि उनके प्रचारकों, उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा बलों की गतिविधियों को शामिल करने से परहेज करना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)