चुनाव आयोग को भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ मिलीं सबसे अधिक आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें

इस लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की कुल 46 शिकायतें मिलीं. इनमें से 29 भाजपा, 13 कांग्रेस, दो समाजवादी पार्टी और एक-एक टीआरएस और बसपा नेताओं के ख़िलाफ़ थीं.

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(फोटो: रॉयटर्स)

इस लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की कुल 46 शिकायतें मिलीं. इनमें से 29 भाजपा, 13 कांग्रेस, दो समाजवादी पार्टी और एक-एक टीआरएस और बसपा नेताओं के ख़िलाफ़ थीं.

BJP Campaign 2019 Reuters

नई दिल्ली: इस लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के जिन 40 मामलों का निपटारा किया है उनमें से अधिकतर मामले भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ थे. एक विश्लेषण में यह सामने आया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, चुनाव आयोग को अपने मुख्यालय पर कुल 46 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 40 का निपटारा हो चुका है जबकि बाकी के छह पर अभी विचार चल रहा है.

कुल शिकायतों में से 29 भाजपा नेताओं के खिलाफ, 13 कांग्रेस नेताओं के खिलाफ, दो समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ और एक-एक टीआरएस और बसपा नेताओं के खिलाफ थी.

भाजपा नेताओं के खिलाफ मिली 29 शिकायतों में से 15 मामलों में चुनाव प्रचार पर रोक लगाने, एफआईआर दर्ज कराने, चेतावनी देने और सलाह देने जैसी कार्रवाई की गई. 10 मामलों में कोई उल्लंघन नहीं पाया गया जबकि बाकी शिकायतें विचाराधीन हैं.

भाजपा को जिन 10 मामलों में क्लीनचिट मिली उनमें से नौ मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ थे.

बता दें कि जिन पहले पांच मामलों में मोदी और शाह को चुनाव आयोग ने क्लीनचिट दी है उनमें तीन में से एक चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अलग राय रखी थी. इन मामलों में अंतिम फैसला 2-1 के बहुमत से लिया गया.

वहीं, कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के जो मामले दर्ज हुए थे उनमें से आधे से अधिक मामलों में उन्हें क्लीनचिट मिली गई थी. जिन सात मामलों में कांग्रेस को क्लीनचिट मिली उनमें से तीन मामले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ थे.

वहीं, कांग्रेस नेता कमल नाथ और सलमान खुर्शीद के खिलाफ शिकायतों को भी कार्रवाई लायक नहीं पाया गया था.

प्रचार के दौरान सेना के पराक्रम का मोदी द्वारा जिक्र करने के मामले में दी गई शिकायत पर आयोग द्वारा प्रधानमंत्री को एक चुनाव आयुक्त के विसम्मत फैसले के बावजूद क्लीनचिट दिये जाने के सवाल पर उप चुनाव आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि सामान्य रूप से आयोग द्वारा सभी चुनाव आयुक्तों के फैसले के आधार पर सर्वसम्मति से फैसला दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में किसी चुनाव आयुक्त की विसम्मति होने पर बहुमत के आधार पर फैसला किया जाता है. मोदी के मामले में भी यही स्थिति है.

इस दौरान चुनाव आयोग के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने बताया कि चुनाव के दौरान आयोग को फर्जी खबरों की 189 शिकायतें मिली हैं. इनमें पांचवें चरण के मतदान के दौरान मिली आठ शिकायतें भी शामिल हैं.

इसके अलावा सोशल मीडिया पर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के आधार पर आयोग ने फेसबुक से निर्वाचन नियमों का उल्ल्ंघन करने वाली 601 पोस्ट को हटाया है, जबकि ट्विटर से 52 पोस्ट और यूट्यूब से पांच पोस्ट हटाई गयीं. इस दौरान व्हाट्सएप से भी ऐसे तीन संदेश भी हटाए गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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