हिंदू महासभा ने गोडसे का जन्मदिन मनाया, राष्ट्रपति से की राजघाट तोड़ने की मांग

अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के मेरठ और अलीगढ़ में नाथूराम गोडसे का जन्मदिन मनाया. इनका कहना है कि गोडसे ने गांधी की हत्या धर्म की रक्षा के लिए की थी.

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ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जन्मदिन मनाते हिंदू महासभा के लोग. (फोटो साभार: एमपीतक/यूट्यूब)

अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के मेरठ और अलीगढ़ में नाथूराम गोडसे का जन्मदिन मनाया. इनका कहना है कि गोडसे ने गांधी की हत्या धर्म की रक्षा के लिए की थी.

ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जन्मदिन मनाते हिंदू महासभा के लोग. (फोटो साभार: एमपीतक/यूट्यूब)
ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जन्मदिन मनाते हिंदू महासभा के लोग. (फोटो साभार: एमपीतक/यूट्यूब)

नई दिल्लीः अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग स्थानों पर रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के जन्मदिन पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे जिले के बारामती में हुआ था. उस समय यह क्षेत्र बंबई प्रेसीडेंसी का हिस्सा था.

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बताया कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर के दौलतगंज इलाके में संगठन के कार्यालय में जन्मदिन मनाया गया.

जयवीर भारद्वाज ने गोडसे को राष्ट्रभक्त बताते हुए कहा, ‘गोडसे की जयंती पर हमने संकल्प लिया है कि अगर जिला प्रशासन ने नाथूराम गोडसे की प्रतिमा नहीं लौटाई तो हिंदू महासभा 15 नवंबर 2019 को इसी स्थान पर गोडसे की प्रतिमा की स्थापना करेगा. हिंदू महासभा अपने आराध्य, राष्ट्रभक्त को पूजने का काम करता आया है और करता रहेगा. अगर 1947 में देश का विभाजन नहीं होता तो भारत सबसे बड़ा देश होता.’

भारद्वाज ने गोडसे को देशभक्त बताते हुए कहा, ‘हमने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी तस्वीर के सामने आरती उतारी और मिठाइयां बांटी.’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई नेता गोडसे को देशभक्त मानते हैं लेकिन पार्टी का एक धड़ा उसकी निंदा करता है.

इससे पहले 15 नवंबर 2017 को हिंदू महासभा ने ग्वालियर के अपने कार्यालय में गोडसे की 32 इंच की आवक्ष प्रतिमा लगायी थी, जिसे प्रशासन ने हटा दिया था.

भारद्वाज ने कहा, ‘अगर जिला प्रशासन ने इस साल 15 नवंबर तक प्रतिमा नहीं लौटाई तो महासभा ग्वालियर के अपने कार्यालय में दूसरी प्रतिमा लगाएगी.’

बहरहाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि महासभा के कार्यक्रम से शांति व्यवस्था नहीं बिगड़ी. पुलिस कड़ी नजर रखे हुए थी.

क्या इस कार्यक्रम के लिए हिंदू महासभा ने इजाजत ली थी? इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम निजी संपत्ति पर बंद कमरे के भीतर हुआ इसलिए इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं थी.

जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने गोडसे का जन्मदिन मनाया. इस दौरान यज्ञ किया गया और मिठाइयां बांटी गईं.

हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने कार्यकर्ताओं के साथ जन्मदिन मनाया.

इस मौके पर हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि महात्मा गांधी देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे. उन्होंने 40 लाख निर्दोष लोगों को मरवा दिया. गोडसे ने गांधी की हत्या धर्म की रक्षा के लिए की थी.

हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने राष्ट्रपति कोविंद के नाम एक चिट्ठी भी लिखी है.

उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि दिल्ली में गांधी की समाधि राजघाट को तोड़कर हटाया जाए. उसकी जगह गांधी की वजह से मारे गए निर्दोष लोगों का स्मारक बने.

इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपने सीने पर ‘गर्व से कहो मैं नाथूराम गोडसे’ के पोस्टर लगा रखे थे.

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी गोडसे का जन्मदिन मनाया गया. यहां भी हिंदू महासभा के कार्यालय में हवन और यज्ञ किया गया.

हिंदू महासभा इससे पहले भी इस तरह के आयोजन कर चुका है. इस साल 30 जनवरी को हिंदू महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में गांधी के प्रतीकात्मक पुतले को गोली मारी गई थी, जिसके बाद से हिंदू महासभा की आलोचना हो रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)