अस्थाना रिश्वत मामला: अदालत ने जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को चार महीने की मोहलत दी

सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर मोईन क़ुरैशी भ्रष्टाचार मामले में पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है.

**FILE** New Delhi: In this file photo dated July 07, 2017, CBI Additional Director Rakesh Asthana addresses the media after CBI raid, in New Delhi. Central Bureau of Investigation special director Rakesh Asthana on Tuesday moved the Delhi high court against the lodging of an FIR against him in a bribery case. (PTI Photo)(PTI10_23_2018_000054B)
राकेश अस्थाना (फोटो: पीटीआई)

सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर मोईन क़ुरैशी भ्रष्टाचार मामले में पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है.

**FILE** New Delhi: In this file photo dated July 07, 2017, CBI Additional Director Rakesh Asthana addresses the media after CBI raid, in New Delhi. Central Bureau of Investigation special director Rakesh Asthana on Tuesday moved the Delhi high court against the lodging of an FIR against him in a bribery case. (PTI Photo)(PTI10_23_2018_000054B)
सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की संलिप्तता वाले रिश्वत मामले में जांच पूरी करने के लिए शुक्रवार को सीबीआई को और चार महीने का समय दिया.

जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने अस्थाना, डीएसपी देवेंद्र कुमार तथा बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ दर्ज मामले में जांच पूरी करने के लिए और मोहलत मांगने की सीबीआई की याचिका को मंजूर कर लिया.

इससे पहले 11 जवनरी को अदालत ने जांच एजेंसी को राकेश अस्थाना, देवेंद्र कुमार और अन्य तीन के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए 10 सप्ताह का वक्त दिया था. दस सप्ताह बीतने के बाद जांच एजेंसी ने अदालत का रुख किया था.

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की संलिप्तता वाले रिश्वत मामले में एफआईआर खारिज करने की याचिका को रद्द कर दिया था. अस्थाना पर तत्कालीन सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा ने रिश्वत मामले में एफआईआर दर्ज किया था.

अस्थाना, डीएसपी देवेंद्र कुमार और एक बिचौलिया मनोज प्रसाद ने खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक षड्यंत्र, भ्रष्टाचार तथा आपराधिक कदाचार का मामला दर्ज किया गया है.

वहीं डीएसपी देवेंद्र कुमार मांस व्यापारी मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे थे. उन्हें हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना के बयान दर्ज करने में धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मामले में राहत पाने के लिए उसने कथित तौर पर रिश्वत दी थी.

हैदराबाद के व्यवसायी सतीश बाबू सना ने दावा किया था कि उसने मांस निर्यातक मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में राहत पाने के लिए रिश्वत दी थी और अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोप लगाए थे.

सीबीआई ने 15 अक्टूबर, 2018 को अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. उनके खिलाफ कारोबारी सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं.

अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में सतीश बाबू सना से दो बिचौलियों के ज़रिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.

मोईन कुरैशी मामले की जांच कर रहे अधिकारी देवेंद्र कुमार को रिश्वतखोरी के आरोप में 22 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें एक हफ्ते बाद ज़मानत मिल गई थी.  बिचौलिया मनोज प्रसाद को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और 18 दिसंबर को जमानत पर रिहा कर दिया गया.

इस मामले के अलावा राकेश अस्थाना पर 4,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का आरोप है, जिसकी जांच खुद सीबीआई कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)