अंतरराष्ट्रीय अदालत से की गई अपील में भारत ने पाकिस्तान पर विएना समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था.
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा पर रोक लगा दी है. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने ‘जासूसी’ के दोष में मौत की सज़ा सुनायी थी.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा पिछले महीने जाधव को मौत की सज़ा सुनाये जाने के खिलाफ हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में अपना पक्ष रखा था. उसी आधार पर आईसीजे ने स्थगन आदेश दिया है.
बताया जाता है कि आईसीजे के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने पाकिस्तान सरकार को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह इस तरह कार्रवाई करे, जिससे इस मामले में जारी होने वाले अदालत के किसी आदेश का क्रियान्वयन संभव हो सके.
आईसीजे से की गई अपील में भारत ने पाकिस्तान पर राजनयिक संबंधों पर विएना समझौतो के ‘भीषण’ उल्लंघन का आरोप लगाया है और इस बात पर ज़ोर दिया है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था.
जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यावसायिक कार्यों से ईरान गए हुए थे. हालांकि पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया.
भारत की अपील पर आईसीजे ने जाधव को मिली फांसी की सज़ा की तामील पर रोक लगा दी है.
भारत ने अपनी अपील में कहा कि उसे जाधव की गिरफ्तारी के लंबे समय बाद तक भी इसकी सूचना नहीं दी गई और पाकिस्तान आरोपी को उसके अधिकारों की जानकारी देने में भी असफल रहा है.
उसने आगे कहा कि विएना समझौते का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान अधिकारी बार-बार अनुरोध के बावजूद जाधव तक राजनयिक पहुंच के अधिकार से भारत को वंचित रख रहे हैं.
भारत ने अपनी अपील में कहा है, तात्कालिक रूप से यह अति गंभीर खतरा है कि भारत के प्रति अपने दायित्वों का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान एक भारतीय नागरिक को फांसी की सज़ा दे सकता है. इसलिए भारत अदालत से अनुरोध करता है कि ‘बिना किसी मौखिक सुनवाई का इंतजार किए’ वह तत्काल इस पर फैसला सुनाए.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मैंने कुलभूषण जाधव की मां से, अदालत के नियमों के पैरा चार के अनुच्छेद 74 के तहत आईसीजे अध्यक्ष के फैसले पर बात की है.’
सुषमा ने ट्वीट किया, ‘श्रीमान हरीश साल्वे, वरिष्ठ वकील, कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में भारत का पक्ष रख रहे हैं.’ पाकिस्तान के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा पिछले महीने जाधव को मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
I have spoken to the mother of #KulbhushanJadhav and told her about the order of President, ICJ under Art 74 Paragraph 4 of Rules of Court.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 9, 2017
इसे लेकर भारत ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी और इस ‘सोच समझ कर की जाने वाली हत्या’ को अंजाम दिए जाने की स्थिति में द्विपक्षीय संबंधों में खटास और परिणाम भुगतने की चेतावनी पाकिस्तान को दी थी.
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से पिछले वर्ष तीन मार्च को गिरफ्तार किया.
कथित रूप से वह ईरान से बलूूचिस्तान की सीमा में घुसा था. उसने यह भी दावा किया कि वह ‘वर्तमान में भारतीय नौसेना का कर्मचारी है.’ भारत यह स्वीकार करता है कि जाधव ने नौसेना में सेवा दी है लेकिन इसे इनकार करता है कि अब उसका सरकार से कोई लेना-देना है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)