मेरे पति राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए: पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी

गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को वर्ष 1990 में हिरासत में मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है. उनका परिवार इस सज़ा के खिलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में अपील करेगा.

**FILE** New Delhi: In this file photo dated October 01, 2011, shows suspended IPS officer Sanjiv Bhatt being produced in the court, in Ahmadabad. According to the officials, Bhatt was arrested on Wednesday, Sept 05, 2018, by the Gujarat CID in connection with a 22-year-old case of alleged planting of drugs to arrest a man. (PTI Photo) (PTI9_5_2018_000267B)
**FILE** New Delhi: In this file photo dated October 01, 2011, shows suspended IPS officer Sanjiv Bhatt being produced in the court, in Ahmadabad. According to the officials, Bhatt was arrested on Wednesday, Sept 05, 2018, by the Gujarat CID in connection with a 22-year-old case of alleged planting of drugs to arrest a man. (PTI Photo) (PTI9_5_2018_000267B)

गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को वर्ष 1990 में हिरासत में मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है. उनका परिवार इस सज़ा के खिलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में अपील करेगा.

**FILE** New Delhi: In this file photo dated October 01, 2011, shows suspended IPS officer Sanjiv Bhatt being produced in the court, in Ahmadabad. According to the officials, Bhatt was arrested on Wednesday, Sept 05, 2018, by the Gujarat CID in connection with a 22-year-old case of alleged planting of drugs to arrest a man. (PTI Photo) (PTI9_5_2018_000267B)
पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार बने और उनकी जान को खतरा है.

हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने श्वेता भट्ट के इन आरोपों को गलत बताया है.

हाल ही में संजीव भट्ट को 1990 के हिरासत में मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पत्नी श्वेता भट्ट ने कहा कि संजीव भट्ट को दोषी करार दिए जाने के बाद उनके परिवार के लिए यह मुश्किल समय है. इस घटना ने उन्हें तोड़ दिया है.

वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वह झूठ फैला रही हैं और मामले में निष्पक्ष मुकदमे के बारे में गलत धारणा बना रही हैं.

मालूम हो कि यह मामला प्रभुदास वैशनानी की हिरासत में हुई मौत से जुड़ा है. भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान बिहार में उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद 30 अक्टूबर 1990 को बुलाए गए बंद के दौरान जामनगर के जमजोधपुर कस्बे में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे.

इस संबंध में जामनगर पुलिस ने 133 लोगों को पकड़ा था. वैशनानी भी उनमें शामिल थे. वैशनानी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता थे. संजीव भट्ट उस समय जामनगर के असिस्टेंट एसपी थे.

श्वेता भट्ट ने कहा कि उनके पति ने न तो किसी को गिरफ्तार किया और न ही किसी को हिरासत में लिया क्योंकि उनके पास इतना अधिकार नहीं था. दूसरी बात, प्रभुदास की मौत हिरासत में लिए जाने के 18 दिनों बाद हुई थी. उसने मजिस्ट्रेट या किसी अन्य के सामने प्रताड़ना की शिकायत भी नहीं की थी.

उन्होंने दावा किया, ‘प्रभुदास के परिवार ने नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद के सदस्य अमृतलाल मदजावजी वैशनानी ने हिरासत में प्रताड़ना की शिकायत की थी.’

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि मामला गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के जोर देने पर दर्ज किया गया था.

आधिकारिक सूत्रों में से एक ने बताया, ‘संजीव भट्ट और पुलिस अधिकारियों की उनकी टीम ने लोगों को उनके घरों से निकाला था और उन्हें गिरफ्तार करने से पहले बेरहमी से उनकी पिटाई कर थी.’

श्वेता भट्ट ने कहा, ‘बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 161 के अनुसार एक सरकारी अधिकारी पर किसी अपराध के 1-2 साल के भीतर मुकदमा चलाया जा सकता है, न कि 23 साल के बाद.’

उन्होंने दावा किया कि इसके अलावा किसी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 197 के तहत सरकार से अनुमति लेनी होती है. संजीव भट्ट के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार ने अनुमति नहीं दी थी, इसके बावजूद ऐसा किया गया.

श्वेता ने आरोप लगाया कि मामले के 300 चश्मदीद गवाहों में से सिर्फ 32 लोगों से ही पूछताछ की गई और बचाव पक्ष को इन लोगों से सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी गई.

वहीं सरकारी सूत्रों ने कहा बताया कि संजीव भट्ट के आग्रह पर सत्र न्यायालय के जज ने उन्हें 48 गवाहों से पूछताछ की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में वह इस तथ्य से मुकर गए.

सूत्रों ने कहा कि 30 सालों के दौरान कई गवाहों की मौत हो गई. इनमें से कुछ इतने बूढ़े हो गए कि गवाही देने की स्थिति में नहीं रह गए.

हालांकि श्वेता भट्ट ने दावा किया कि उनके पति को 23 साल पुराने पालनपुर मामले में हिरासत में लिया गया था और उनकी अनुपस्थिति में पहले केस (1990 के हिरासत में मौत को मामला) की कार्रवाई में तेजी लाई गई थी.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी ने अप्रैल में हाईकोर्ट के समक्ष हर दिन ट्रायल के लिए सहमति दी थी.

पालनपुर मामले में आरोप है कि राजस्थान के एक वकील को फंसाने के लिए संजीव भट्ट ने
उनके पास ड्रग्स रखवा दिए थे.

1990 में हिरासत में हुई मौत के मामले में जब सजा सुनाई गई तब पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पालनपुर मामले को लेकर जेल में बंद थे.

उनकी पत्नी श्वेता भट्ट ने आरोप लगाया कि 2002 में हुए गोधरा दंगों की जांच के लिए बने नानावटी कमीशन के सामने गवाही देने के बाद संजीव भट्ट को निलंबित कर दिया और बाद में उन्हें इस्तीफा देने की अनुमति देने के बजाय बर्खास्त कर दिया गया.

उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि उनकी पेंशन और भत्तों को रोका जा सके.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘अवैध निर्माण का आरोप लगाकर जहां मैं रहती थी, मेरे पुश्तैनी घर का एक हिस्सा राज्य सरकार ने गिरा दिया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा हमें मिली सुरक्षा को भी हटा दिया गया.’

श्वेता भट्ट ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी जान को खतरा है. एक सड़क हादसे में वह बाल-बाल बच गईं. जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ उस पर न तो नंबर प्लेट थी और न ही गाड़ी के कागजात थे.

उन्होंने कहा, ‘मेरा पीछा किया जाता है और मेरे घर पर नजर रखी जाती है, लेकिन मैं पीछे हटने वाली नहीं. मैं न्याय के लिए लड़ाई लड़ती रहूंगी. अब मेरी जीवन का यही एक उद्देश्य है.’

उनके बेटे शांतनु भट्ट ने कहा कि उनके पिता ईमानदार अधिकारी थे. उन्होंने हमेशा कानून का पालन किया और उनके लिए लड़े जो अपना बचाव कर पाने में सक्षम नहीं थे.

हिरासत में मौत मामले में संजीव भट्ट को सजा सुनाए जाने के खिलाफ उनका परिवार मंगलावार को गुजरात हाईकोर्ट में अपील करेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games