आईआईटी बॉम्बे में बोले एचआरडी मंत्री, चरक ऋषि ने की थी परमाणु की खोज

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईटी-बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह में कहा कि नासा कह रहा है कि अगर निकट भविष्य में बोलते हुए कंप्यूटर हकीकत बन पाए तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा.

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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईटी-बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह में कहा कि नासा कह रहा है कि अगर निकट भविष्य में बोलते हुए कंप्यूटर हकीकत बन पाए तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा.

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मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्लीः केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी. उन्होंने कहा कि नासा कह रहा है कि अगर निकट भविष्य में  बोलते हुए कंप्यूटर हकीकत बन पाए तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पोखरियाल ने कहा कि नासा ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है.

 

पोखरियाल ने शनिवार को आईआईटी-बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘नासा भी मानता है कि संस्कृत प्रोग्रामिंग के लिए सबसे अधिक वैज्ञानिक भाषा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘नासा ने कहा था कि निकट भविष्य में अगर बोलने वाले कंप्यूटर वास्तविकता बनते हैं तो यह केवल संस्कृत के बल पर ही संभव हो सकेगा अन्यथा कंप्यूटर क्रैश हो जाएंगे क्योंकि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है.’

उन्होंने कहा कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी. मंत्री ने कहा कि परमाणुओं और अणुओं पर शोध किसने किया? जिसने परमाणुओं और अणुओं पर शोध किया, उसकी खोज चरक ऋषि ने की थी.

यह बताते हुए कहा कि आयुर्वेद के बिना दवाइयों का संसार अधूरा है उन्होंने कहा, ‘किसी भी अस्पताल की स्थापना बिना आयुष विंग के नहीं हो सकती क्योंकि आयुर्वेद के बिना दवाइयां अधूरी हैं.’

पोखरियाल ने कहा, ‘आज हमारे प्रधानमंत्री दूसरे देशों के लोगों को योग के जरिए अपना मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ रखने के लिए यहां आमंत्रित करते हैं. आज 199 देशों ने कहा है कि योग के बिना किसी का भी अस्तित्व नहीं है, अगर हम खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इसके लिए योग जरूरी है.

पोखरियाल ने शिक्षा को संस्कृति से जोड़ने की जरूरत की वकालत करते हुए छात्रों को कहा, ‘जब कुछ नहीं था तो दुनियाभर के लोग ज्ञान अर्जित करने के लिए नालंदा और तक्षशिला आए थे. हमें वैश्विक यूनिवर्सिटी के रूप में हमारे देश को बढ़ावा देना चाहिए. अगर यह अगले पांच सालों में संभव हुआ तो यह आपके जरिए होगा.’

मंत्री ने दुनियाभर के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों की सूची में आईआईटी बॉम्बे के शामिल होने पर बधाई देते हुए संस्थान के सूची में शीर्ष पर होने की इच्छा जताई.

उन्होंने कहा, ‘विश्व को जिन भी चीजों की जरूरत पड़े, उसे भारत में बनना चाहिए और यह आपके साथ शुरू होगा.’