मुंबई में मेट्रो परियोजना के लिए आरे कॉलोनी में प्रस्तावित कार शेड के लिए 2,700 से अधिक पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई है. पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश समेत शिवसेना के आदित्य ठाकरे ने भी इसका विरोध किया है.
मुंबई: पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने मुंबई मेट्रो शेड परियोजना के लिए बड़ी संख्या में आरे जंगल के पेड़ों को काटने के स्थानीय निवासियों के विरोध का बीते सोमवार को समर्थन किया.
राज्यसभा सदस्य रमेश ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, मुंबई मेट्रो और शहरी निकाय अधिकारियों से मेट्रो कार शेड के लिए अन्य विकल्प तलाशने और उपनगर गोरेगांव की आरे कॉलोनी को संरक्षित करने की अपील की है, जिसे महानगर का प्रमुख हरित क्षेत्र कहते हैं.
I am in full solidarity with Mumbaikars who are protesting to #SaveAareyForest in the vicinity of which I grew up
I urge the @MumbaiMetro3 @bmcmumbai and @Dev_Fadnavis to find alternate solutions for the metro car shed and preserve Mumbai's lungs.#SaveAareySaveMumbai
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 2, 2019
रमेश ने ट्वीट किया, ‘मैं आरे वन बचाव के लिए प्रदर्शन कर रहे मुंबईवासियों के पूर्ण समर्थन में हूं. इसी इलाके में मैं पला बढ़ा हूं.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं मुंबई मेट्रो 3,बीएमसी मुंबई और देवेन्द्र फडणवीस से मेट्रो कार शेड के लिए अन्य विकल्प तलाशने और मुंबई के फेफड़ों को बचाने की अपील करता हूं.’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे मुंबई के पर्यावरणविदों द्वारा बनाए गए हैशटैग #SaveAareyForest का इस्तेमाल किया.
गौरतलब है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के पेड़ प्राधिकार ने मेट्रो 3 परियोजना के लिए आरे कॉलोनी में प्रस्तावित कार शेड के लिए 2,700 से अधिक पेड़ों को काटने की पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी. इस कदम का सभी वर्ग के लोग विरोध कर रहे हैं और सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
इस मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटने की मंजूरी देने का फैसला सवालों के घेरे में हैं. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक पेड़ प्राधिकरण के दो एक्सपर्ट्स डॉ. शशिरेका सुरेश कुमार और डॉ. चंद्रकांत सालुंखे ने आरोप लगाया है कि उन्हें अंधेरे में रखकर प्रस्ताव के पक्ष में वोट करा लिया गया. दोनों ने इसके विरोध में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
सुरेश कुमार ने अपने इस्तीफे में कहा है कि पेड़ प्राधिकरण ने कभी प्रक्रिया का पालन नहीं किया और जल्दबाजी में फैसले किए. विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि आरे में कार शेड बनाने के बजाय इसे कांजुरमार्ग में बनाया जाना चाहिए. यहां पर निर्माण से पर्यावरण को कम नुकसान होगा.
इस फैसले के विरोध में शहर के 1,500 निवासियों ने बीते रविवार की सुबह मेट्रो 3 कार शेड की बैरिकेड साइट के चारों ओर तीन किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाया और फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एमएमआरसीएल) ने 2,232 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव रखा है और शहर में अन्य जगहों पर तीन गुना पौधे लगाकर क्षतिपूर्ति का वादा किया है.
The metro is a good thing, I use the existing one and will use the new one too. However whoever planned this green chopping in mumbai, obviously has no love for our future generations or our city. Has misled the CM on its environmental assessment report for Aarey site (3/n)
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) August 29, 2019
मुंबई के नागरिकों के अलावा भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटने का विरोध किया है. शिवसेना के युवा विंग के नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री फडणवीस को इस मुद्दे पर ‘गुमराह’ किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘मेट्रो एक अच्छी बात है, मैं मौजूदा मेट्रो का उपयोग करता हूं और नए का भी उपयोग करूंगा. हालांकि, जिसने भी मुंबई के इस हरे भरे क्षेत्र को काटने की योजना बनाई है, जाहिर है उन्हें हमारी आने वाली पीढ़ियों या हमारे शहर के लिए कोई प्यार नहीं है. आरे के संदर्भ में पर्यावरण आकलन रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री को गुमराह किया गया है.’