अमेरिकी सांसद इससे पहले जम्मू कश्मीर के हालात देखने के लिए वहां जाना चाहते थे, हालांकि भारत सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी.
इस्लामाबाद: अमेरिका के एक उच्चस्तरीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कि जाने के बाद जमीनी स्तर पर हालात का पता लगाने और लोगों की भावनाओं को जानने के लिए रविवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का दौरा किया.
इस प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर क्रिस वान हालेन और मैगी हसन के साथ ही अमेरिकी उप राजदूत पाल जोंस शामिल थे. उन्होंने पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद का दौरा किया.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य भारत द्वारा पांच अगस्त को लिए गए फैसले के बाद जमीनी स्थिति देखना और जनता की भावनाओं को समझना था.
भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का फैसला किया था, जिसके बाद से कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित है.
भारत के इस फैसले का पाकिस्तान विरोध कर रहा है और इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा है.
विदेश विभाग ने कहा, ‘अमेरिकी सीनेटर ने कहा कि वे मानवाधिकार की चिंताओं को साझा करते हैं और भारत से यह अनुरोध जारी रखेंगे कि वह इस दिशा में पहले कदम के तहत कर्फ्यू हटा ले और सभी कैदियों को रिहा करे. उन्होंने इस विवाद के समाधान में जुटे रहने के अपने संकल्प को भी दोहराया.’
प्रतिनिधिमंडल ने पाक अधिकृत कश्मीर के नेता सरदार मसूद खान और राजा फारूक हैदर से भी मुलाकात की.
खान और हैदर ने कहा कि यह दौरा प्रतिनिधिमंडल को आंखों देखी जानकारी उपलब्ध कराने और कश्मीर में जारी मानवाधिकार हनन को समझने में मदद करेगा.
उन्होंने अमेरिकी सांसदों से कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार जम्मू कश्मीर के मुद्दे के समाधान के लिए भारत पर दबाव बनाएं.
भारत यह कहता रहा है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का कोई स्थान नहीं है.
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने यह दौरा शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस अनुरोध के किया है, जिसमें उन्होंने कश्मीर के दोनों तरफ का दौरा करने और वहां की जमीनी हालत देखने को कहा था.
बता दें कि, इससे पहले हालेन अपनी आंखों से कश्मीर के हालात देखने के लिए वहां जाना चाहते थे. हालांकि, भारत सरकार ने उन्हें वहां जाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था.
हालांकि, कश्मीर यात्रा की मंजूरी न मिलने के बावजूद हालेन भारत आए थे. इसके बाद बीते गुरुवार और शुक्रवार को उन्होंने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित भारत के कई अधिकारियों और नागरिक समाज के लोगों से मुलाकात की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)