कश्मीर: बीते तीन महीने में 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान

कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शेख़ आशिक ने बताया कि राज्य में लगी पाबंदियों के चलते कुल नुकसान का अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है. कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है.

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(फोटो: पीटीआई)

कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शेख़ आशिक ने बताया कि राज्य में लगी पाबंदियों के चलते कुल नुकसान का अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है. कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है.

A man rides a bicycle past the closed shops and hotels during restrictions, after scrapping of the special constitutional status for Kashmir by the Indian government, in Srinagar, August 25, 2019. Picture taken August 25, 2019. REUTERS/Adnan Abidi
फोटो: रॉयटर्स

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिए जाने के बाद सुरक्षा कारणों से लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के चलते पिछले तीन माह के दौरान कश्मीर घाटी में व्यावसायिक समुदाय को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है.

कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने यह दावा किया है. इसके अध्यक्ष शेख आशिक का कहना है कि जब तक घाटी के हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं, तब तक कितना नुकसान हुआ है इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता.

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया. उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं.

रविवार को इन पाबंदियों को लागू हुए 84 दिन हो गए. इन पाबंदियों के चलते मुख्य बाजार ज्यादातर समय बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा.

शेख आशिक के मुताबिक शहर के लाल चौक इलाके में कुछ दुकानें सुबह के समय और शाम को अंधेरा होते समय खुलती हैं लेकिन मुख्य बाजार बंद हैं. उन्होंने कहा कि कितना नुकसान हुआ है इसका अनुमान अभी लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है. इस दौरान कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है.

आशिक ने बताया, ‘कश्मीर क्षेत्र में अब तक कुल कारोबारी नुकसान 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है और सभी क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. करीब तीन माह होने को है और मौजूदा स्थिति को देखते हुए लोग अभी भी कारोबार नहीं कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में कुछ बाजार खुले और कारोबार शुरू किया गया लेकिन हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक कामकाज काफी सुस्त रहा.’

उन्होंने कारोबारी नुकसान के लिए इंटरनेट सेवाओं का निलंबित रहना मुख्य वजह बताई.

उन्होंने कहा, ‘आज के समय में किसी भी कारोबार के लिए इंटरनेट सेवाओं का होना जरूरी है इसके बिना काम करना मुश्किल है. हमने इस बारे में राज्यपाल प्रशासन को अवगत करा दिया है. उन्हें बता दिया गया है कि कश्मीर में काम धंधे को नुकसान होगा और अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ जायेगी. आने वाले समय में इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.’

आशिक ने कहा, ‘यदि हम हस्तशिल्प क्षेत्र की बात करें तो इससे जुड़े लोगों को जुलाई-अगस्त माह में ऑर्डर मिलते हैं और फिर उन्हें क्रिसमस त्योहार यानी नये साल के आसपास ये ऑर्डर पूरे करने होते हैं. ये दस्तकार कब अपने ऑर्डर पूरे कर पायेंगे? यह काम तभी हो पाएगा जब उन्हें कन्नेक्टीविटी मिलेगी. इसके अभाव में 50 हजार के करीब बुनकरों और दस्तकारों को रोजगार का नुकसान हुआ है.’

कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस पूरे नुकसान की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और व्यापारियों और कारीगरों के नुकसान की भरपाई करने के लिए कदम उठाने चाहिए.

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