कोरोना वायरस: अप्रैल ख़त्म होने को है लेकिन अब भी क़रीब 40 फीसदी अतिरिक्त राशन नहीं बंटा

देश के 24 राज्यों के 529 ज़िलों में कुल मिलाकर 14.13 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिसमें से अब तक में 8.49 करोड़ राशन कार्ड पर ही अनाज दिया गया है. इसका मतलब है कि अब भी 5.64 करोड़ राशन कार्ड पर अतिरिक्त राशन मिलना बाकी है.

क्या दिल्ली पुलिस दिल्ली दंगों में मारे गए लोगों की जानकारी छिपा रही है?

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 23 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने संसद में कहा था कि इस हिंसा में 52 जानें गई हैं.

कोरोना राहत पैकेज: आधा अप्रैल बीतने के बाद 15 राज्यों में सिर्फ 22 फीसदी अतिरिक्त राशन का वितरण

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन 15 राज्यों के 270 ज़िलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने 5.70 करोड़ राशन कार्ड में 1.43 करोड़ राशन कार्ड पर ही इस महीने अब तक अतिरिक्त राशन मिला है. मतलब अब भी 75 फीसदी राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ नहीं मिला है.

दिल्ली दंगों से जुड़ी सूचना देने से पुलिस का इनकार, कहा- इससे व्यक्ति की जान को ख़तरा

उत्तर-पूर्वी ​दिल्ली में हुए दंगे को लेकर पुलिस पर उठ रहे सवालों को लेकर द वायर ने सूचना का अधिकार के तहत कई आवेदन दायर कर इस दौरान पुलिस द्वारा लिए गए फैसले और उनके द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी थी.

पिछले पांच सालों में बिहार में गेहूं ख़रीद केंद्रों में 82 फीसदी की कमी, देश में 25 फीसदी की गिरावट

कोरोना वायरस चलते पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच किसान रबी फसलों की बिक्री को लेकर चिंतित हैं. कई राज्यों में फसलें कट भी चुकी हैं. किसानों को उनके उत्पाद की ब्रिकी को लेकर सरकार से उचित घोषणा और प्रबंधन का इंतज़ार है.

हरियाणा: पानीपत में प्रशासन ने प्रवासी मज़दूरों के लिए सड़ी हुई खिचड़ी के पैकेट भिजवाए

हरियाणा के पानीपत में रह रहे कई प्रवासी मज़दूरों ने शिकायत की है कि या तो प्रशासन उन्हें भोजन मुहैया नहीं करा रहा है और अगर कहीं पर खाना पहुंच भी रहा है तो उसकी गुणवत्ता काफी ख़राब है.

हरियाणा: लॉकडाउन में 3500 परिवारों को राशन का इंतज़ार, कहा- गांव नहीं जाने दिया, अब भूखा मार रहे

हरियाणा के पानीपत ज़िले के प्रवासी बुनकरों, रिक्शा चालकों समेत हजारों दिहाड़ी मज़दूरों को राशन नहीं मिल पा रहा है. इसमें से कई लोग अपने गांव वापस लौट रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इन्हें ये आश्वासन देकर रोका है कि उन्हें खाने-पीने की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी.

10 सालों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से तक़रीबन 50 फ़ीसदी राशि ही ख़र्च की गई

कोरोना वायरस से निपटने में आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र ने ‘पीएम केयर्स फंड’ की घोषणा की है. हालांकि इसके जैसा ही पहले से मौजूद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में प्राप्त राशि का काफ़ी कम हिस्सा ख़र्च किया जा रहा है और 2019 के आख़िर तक में इसमें 3800 करोड़ रुपये का फंड बचा था.

कोरोना वायरस: निर्मला सीतारमण के राहत पैकेज में किसानों के हाथ कुछ नहीं आया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा मज़दूरों की रोज़ाना मज़दूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 182 से बढ़ाकर औसतन 202 रुपये करने की मांग की. लेकिन 23 मार्च को ग्राणीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अधिकतर राज्यों की मज़दूरी पहले ही 202 रुपये से काफी ज़्यादा कर दी गई है.

कोरोना जांच किट बनाने की मंज़ूरी पाने वाली पहली भारतीय कंपनी ने पहला लॉट सप्लाई के लिए भेजा

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोरोना वायरस की जांच के लिए प्राइवेट लैब और नॉन-यूएसएफडीए/यूरोपियन सीई किट को मंज़ूरी देने का काम तेज़ कर दिया है. परिषद ने अब तक इस तरह के कुल तीन किट को मंज़ूरी दी है, जिसमें ‘माईलैब’ नाम की एक भारतीय कंपनी शामिल है.

देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते रहे और सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरणों का निर्यात करती रही

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 27 फरवरी को दिशानिर्देश जारी कर सभी देशों से कहा था कि वे इस महामारी से लड़ने के लिए अपने यहां भारी मात्रा में स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरणों का स्टॉक इकट्ठा कर लें. हालांकि इसके बावजूद भारत ने मास्क, दस्ताने, वेंटिलेटर जैसे ज़रूरी उपकरणों का निर्यात जारी रखा.

फसलों का उचित दाम दिलाने वाली योजना का बजट बढ़ाने की हुई थी मांग, वित्त मंत्रालय ने नकारा

द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कृषि मंत्रालय ने कहा था कि चूंकि पीएम-किसान योजना के तहत पूरी राशि ख़र्च नहीं हो पा रही है, इसलिए जो राशि बच गई है उसे अन्य योजनाओं के इस्तेमाल में लाया जा सकता है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया था.

दिल्ली दंगा: मुस्तफ़ाबाद की एक बस्ती, जो सांप्रदायिकता के ज़हर से अछूती रही

ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुई हिंसा की भयावहता के बाद मुस्तफ़ाबाद इलाके में कुछ ऐसे हिंदू परिवार भी हैं, जो यह मानते हैं कि दंगों की आंच से उन्हें बचाने के लिए उनके मुस्लिम पड़ोसियों ने बहुत मदद की.

गंगा के लिए अनशन पर बैठीं 23 वर्षीय साध्वी की हालत गंभीर, संतों ने कहा- प्रताड़ित कर रही सरकार

मातृ सदन के संतों की मांग है कि गंगा में अवैध खनन बंद होना चाहिए, सभी प्रस्तावित और निर्माणाधीन बाधों पर तुरंत रोक लगाई जाए और गंदी नालियों का पानी बिना साफ किए या साफ करने के बाद भी नदी में न डाला जाए.

‘गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने गया तो पुलिस ने सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए भगा दिया’

दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है.

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