सीबीआई के नए निदेशक का कार्यकाल बदलने का कारण बताने से केंद्र का इनकार

दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 4 बी (1) के अनुरूप सीबीआई निदेशक द्वारा उनकी सेवा शर्तों से संबंधित नियमों से कुछ विपरीत होने के बावजूद पद संभालने करने की तारीख से कम से कम दो वर्ष की अवधि के लिए पद पर बने रहने का प्रावधान है.

सीबीआई विवाद के केंद्र में रहे राकेश अस्थाना बीएसएफ के महानिदेशक बनाए गए

साल 2018 में सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा और उस समय विशेष निदेशक के पद पर तैनात राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की थी, जिस पर हुए विवाद के बाद दोनों को सीबीआई से हटा दिया गया था.

सीपीएम ने गृहमंत्री को पत्र लिखा, पूर्व सीबीआई निदेशक के सांप्रदायिक ट्वीट पर कार्रवाई की मांग

सीबीआई के पूर्व निदेशक एम. नागेश्वर राव ने पिछले हफ्ते स्वतंत्रता सेनानी मौलाना आज़ाद और जाने-माने मुस्लिम शिक्षाविदों पर इतिहास के साथ छेड़छोड़ का आरोप लगाया था. सीपीएम का कहना है कि राव के शब्द, भाषा, आशय और उद्देश्य दो समुदायों के बीच नफ़रत फैलाएंगे.

पूर्व सीबीआई निदेशक बोले, मौलाना आज़ाद, वामपंथियों ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ की

सीबीआई के पूर्व निदेशक एम. नागेश्वर राव अग्नि सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के महानिदेशक हैं. बीते शनिवार उन्होंने ट्विटर पर कहा कि आज़ादी के बाद के 30 सालों में सरकार ने लेफ्ट और अल्पसंख्यकों के हित वाले स्कॉलर और अकादमिक जगत के लोगों को बढ़ने दिया और हिंदू राष्ट्रवादी शिक्षाविदों को साइडलाइन किया गया.

सीबीआई द्वारा राकेश अस्थाना को दी गई क्लीन चिट को कोर्ट ने स्वीकार किया

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि अस्थाना और सीबीआई के डीएसपी देवेन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है.

सीबीआई बनाम सीबीआई: अस्थाना का मनोवैज्ञानिक, लाई डिटेक्टर टेस्ट न कराने पर सीबीआई की खिंचाई

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर रिश्वतखोरी के मामले की शुरुआत में जांच करने वाले अधिकारी अजय कुमार बस्सी को 28 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.

सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को रिश्वत मामले में क्लीन चिट मिली

सीबीआई ने साथ ही रॉ प्रमुख एसके गोयल को मामले में पाक साफ करार दिया है जो इस मामले में जांच के घेरे में थे. सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को भी एजेंसी से क्लीन चिट मिल गई जिन्हें 2018 में गिरफ्तार किया गया था और जिन्हें बाद में जमानत मिल गई थी.

सीबीआई के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा को सरकार नहीं दे रही जीपीएफ और सेवानिवृत्ति का लाभ: रिपोर्ट

गृह मंत्रालय के एक पत्र से पता चला है कि आलोक वर्मा के पीएफ व अन्य लाभ पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि वह अनधिकृत अवकाश पर चले गए. पिछले साल सीबीआई निदेशक रहने के दौरान आलोक वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, इसके बाद सरकार ने आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पूर्व सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी को बनाया स्वतंत्र निदेशक

पिछले साल सीबीआई में पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के साथ कई अन्य मामलों के कारण पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी का चार साल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा था.

राकेश अस्थाना रिश्वत मामले की जांच दो महीने में पूरी करे सीबीआई: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कथित रिश्वत लेने के मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को दी गई समयसीमा तीसरी बार बढ़ाते हुए कहा कि इसके बाद और वक़्त नहीं दिया जाएगा.

राकेश अस्थाना के कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे अफसरों की सीबीआई से विदाई क्यों हो रही है?

एक्सक्लूसिव: दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कथित रिश्वत लेने के मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को चार महीने की मियाद दी थी, जो 30 सितंबर को ख़त्म हो रही है.

राकेश अस्थाना मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे सीबीआई अधिकारी ने मांगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार मामले के जांच अधिकारी सतीश डागर ने ऐसे समय में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की है, जब बीते 31 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच चार महीने में पूरी करने का आदेश दिया था.

सीबीआई से बाहर हुए अतिरिक्त निदेशक नागेश्वर राव, फायर सर्विस की मिली ज़िम्मेदारी

पिछले साल अक्टूबर में हुए सीबीआई विवाद के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.

मोदी सरकार के पांच सालों में कितना स्वतंत्र रह पाया सुप्रीम कोर्ट

मोदी सरकार के पांच सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट डरा हुआ, बंटा हुआ और कमज़ोर नज़र आता है, जो एक ताकतवर केंद्र सरकार को चोट पहुंचाने से बचता हुआ दिखता है.

सीबीआई ने कोर्ट को बताया- आलोक वर्मा के कार्यकाल में नहीं हुई डोभाल-अस्थाना की फोन टैपिंग

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा एनएसए अजीत डोभाल के फोन को अवैध रूप से टैप करने की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की गई थी. एजेंसी ने अदालत के समक्ष हलफनामा दायर कर जवाब दिया.

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