सीबीआई से बाहर हुए अतिरिक्त निदेशक नागेश्वर राव, फायर सर्विस की मिली ज़िम्मेदारी

पिछले साल अक्टूबर में हुए सीबीआई विवाद के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.

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**FILE** New Delhi: File photo dated Nov 10, 2018, Interim director of the CBI M Nageshwara Rao speaks during the 'Synergy' programme in New Delhi. The Supreme Court on Tuesday, Feb. 12, 2019, held then acting CBI director Rao and the Director of Prosecution (DoP) of the agency S Bhasu Ram guilty of its contempt and asked them to remain seated in the courtroom till it rises as punishment. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI2_12_2019_000010B)
**FILE** New Delhi: File photo dated Nov 10, 2018, Interim director of the CBI M Nageshwara Rao speaks during the 'Synergy' programme in New Delhi. The Supreme Court on Tuesday, Feb. 12, 2019, held then acting CBI director Rao and the Director of Prosecution (DoP) of the agency S Bhasu Ram guilty of its contempt and asked them to remain seated in the courtroom till it rises as punishment. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI2_12_2019_000010B)

पिछले साल अक्टूबर में हुए सीबीआई विवाद के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.

**FILE** New Delhi: File photo dated Nov 10, 2018, Interim director of the CBI M Nageshwara Rao speaks during the 'Synergy' programme in New Delhi. The Supreme Court on Tuesday, Feb. 12, 2019, held then acting CBI director Rao and the Director of Prosecution (DoP) of the agency S Bhasu Ram guilty of its contempt and asked them to remain seated in the courtroom till it rises as punishment. (PTI Photo/Manvender Vashist)(PTI2_12_2019_000010B)
सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव के कार्यकाल में शुक्रवार को कटौती करते हुए उन्हें अग्नि सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त कर गृह मंत्रालय भेज दिया.

एक आधिकारिक आदेश में कहा गया कि ओडिशा कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 1986 बैच के अधिकारी राव को अग्नि सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया गया है, और इसके लिए पद को अस्थायी रूप से अतिरिक्त महानिदेशक स्तर का कर दिया गया है.

अग्नि सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड निदेशालय को सीबीआई की तुलना में कम प्रोफाइल वाला संस्थान माना जाता है और यह अक्सर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) से संबद्ध होता है.

कैबिनेट की नियुक्ति समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं.

इससे पहले केंद्र ने सीबीआई के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा का भी स्थानांतरण इस संस्थान में किया था लेकिन उन्होंने कार्यभार संभालने से इनकार कर दिया था. राव के कार्यकाल में कटौती के अचानक आदेश पर अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

बता दें कि सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को पिछले साल अक्टूबर में रातों-रात अचानक उनके पद से हटाए जाने के बाद राव करीब तीन महीने तक सीबीआई के अंतरिम निदेशक के पद पर तैनात थे.

वर्मा के साथ पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को भी जबरन छुट्टी पर भेजने के बाद सरकार ने उनके सारे अधिकार ले लिये थे.

हालांकि, इस दौरान राव को कोई भी महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. अदालत ने कहा था कि वे केवल सीबीआई के रोजमर्रा के प्रशासनिक काम देखेंगे.

राव ने 1 फरवरी, 2019 तक अंतरिम निदेशक के तौर पर अपना कार्यभार संभाला था. इसके बाद उन्हें उस पद से हटाकर सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक पद पर तैनात कर दिया गया था.

इससे पहले गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज और आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने जनवरी में एक याचिका दाखिल कर अंतरिम निदेशक के तौर पर राव की नियुक्ति को चुनौती दी थी.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद 2 फरवरी को एक चयन समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का अगला निदेशक नियुक्त किया.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को बिहार के मुजफ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले की जांच करने वाले अधिकारी एके शर्मा का तबादला करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था.

अदालत ने उन्हें और सीबीआई के कानूनी सलाहकार एस. भासु राम को उस दिन कोर्ट की कार्यवाही पूरी होने तक कोर्ट में एक कोने में बैठे रहने की सजा सुनाई थी. इसके अलावा दोनों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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