दया याचिका दायर किए जाने के कारण निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं होगी: दिल्ली सरकार

साल 2012 में निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों में से एक ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर डेथ वॉरंट ख़ारिज करने की अपील की है. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी डेथ वॉरंट को ख़ारिज करने से मना कर दिया.

तीन तलाक़ बिल के लिए क़ानून मंत्रालय ने किया नियमों का उल्लंघन: आरटीआई

वीडियो: द वायर द्वारा आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कानून मंत्रालय ने तीन तलाक़ बिल पर किसी भी मंत्रालय या विभाग से विचार-विमर्श नहीं किया था. इसके लिए मंत्रालय ने दलील दी थी कि तीन तलाक़ की अनुचित प्रथा को रोकने की जल्द ज़रूरत है, इसलिए संबंधित मंत्रालयों से परामर्श नहीं लिया गया.

क़ानून मंत्रालय ने तीन तलाक़ बिल पर किसी भी मंत्रालय या विभाग से नहीं किया था विचार-विमर्श

विशेष रिपोर्ट: आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि मंत्रालय ने दलील दी थी कि तीन तलाक़ की अनुचित प्रथा को रोकने की अति-आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए संबंधित मंत्रालयों से परामर्श नहीं लिया गया.

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को 22 जनवरी को दी जाएगी फांसी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के सभी दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है.

निर्भया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की दोषी की पुनर्विचार याचिका, मौत की सज़ा बरक़रार

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी अक्षय के वकील ने पीठ से कहा कि अक्षय को मृत्युदंड दिया गया क्योंकि वह ग़रीब परिवार से ताल्लुक़ रखता है और मीडिया और राजनीतिक दबाव की वजह से उनके मुवक्किल को दोषी ठहराया गया.

निर्भया मामला: दोषी की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई से अलग हुए सीजेआई बोबडे

सीजेआई एसए बोबडे ने निजी कारण बताते हुए 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में एक दोषी की याचिका पर हो रही सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया है.

निर्भया मामला: सुप्रीम कोर्ट एक दोषी की पुनर्विचार याचिका पर 17 दिसंबर को करेगा सुनवाई

तीन न्यायाधीशों की पीठ दोषी अक्षय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. सिंह के वकील ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि उन्हें ऐसे वक्त में मौत की सजा दी जा रही है, जब बढ़ते प्रदूषण के चलते जीवनकाल छोटा हो रहा है.

निर्भया मामला: एक दोषी ने राष्ट्रपति से दया याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी

दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि बिना उसकी सहमति के दया याचिका भेजी गई थी.

वकीलों ने कहा- पुलिस ने आख़िरी क़दम पहले और पहला क़दम आख़िर में उठाया

वीडियो: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों का विरोध प्रदर्शन. प्रदर्शनकारियों से विशाल जायसवाल की बातचीत.

दिल्ली पुलिस का सवाल- हमारे मानवाधिकारों का क्या?

वीडियो: नई दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस हेडक्वार्टर पर दिल्ली पुलिस का प्रदर्शन. प्रदर्शनकारियों से विशाल जायसवाल की बातचीत.

पुलिस-वकील संघर्ष: दिल्ली पुलिस ने साथियों पर हमले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया

तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच बीते शनिवार को झड़प हो गई थी. इस दौरान कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे.

दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया, घायल वकीलों को मिलेगा मुआवजा

मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं जस्टिस सी. हरि शंकर की पीठ ने हाईकोर्ट के पूर्व जज एसपी गर्ग की अध्यक्षता में मामले की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है.

निर्भया मामला: दोषियों के पास राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाने के लिए पांच नवंबर तक का वक़्त

साल 2012 में दिल्ली में निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों- मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को निचली अदालत ने साल 2013 में फांसी की सज़ा सुनाई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस सज़ा को बरक़रार रखा था और सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक कानून के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

याचिकाओं में तीन तलाक कानून को असंवैधानिक करार देने का अनुरोध करते हुए कहा गया है कि इससे संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन होता है.

तीन तलाक़ पर नए कानून को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती

सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में दायर इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून मुस्लिम पतियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.