लॉकडाउन: घर लौट रहे प्रवासियों के बच्चों की मुश्किलें; कोई भूख से तड़प रहा, कोई धूप से परेशान

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान आजीविका खोने के बाद दूसरे राज्यों में फंसे मज़दूर अपने घर वापस लौटने के लिए हर दिन जद्दोजहद कर रहे हैं.

कोरोना से प्रभावित स्वास्थ्य सेवाओं के चलते हर रोज़ मारे जा सकते हैं छह हज़ार बच्चे: यूनिसेफ

यूनिसेफ ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित बच्चों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए 1.6 अरब डॉलर की मदद मांगी है.

पांच साल से छोटे करीब 50 फीसदी बच्चों को लॉकडाउन की वजह से नहीं लग सके टीके: सर्वे

चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के अध्ययन के मुताबिक देश के सभी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है. हाल ही में यूनिसेफ ने कहा था कि कोरोना वायरस की वजह से वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया गया है.

नागरिकता क़ानून: कानपुर में प्रदर्शनकारियों को नोटिस, दो लाख का श्योरिटी बॉन्ड भरने का निर्देश

कानपुर पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पुरुष औरतों को नारेबाज़ी के लिए भड़का सकते हैं या फिर क़ानून व्यवस्था भंग कर सकते हैं. इसलिए नोटिस भेजकर बॉन्ड की राशि भरने को कहा गया है. लखनऊ के घंटाघर में धरनास्थल से बच्चों को हटाने का निर्देश. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोग पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं.

परंपरागत आहार की जगह नूडल्स खाने से बच्चों को हो रहा नुकसान: यूनिसेफ

बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, तीन देशों- फिलीपींस, इंडोनेशिया और मलेशिया में पांच साल से कम उम्र के औसतन 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं, जबकि इस मामले में वैश्विक औसत तीन में से एक बच्चे के कुपोषित होने का है.

आधार कार्ड के अभाव में स्कूल दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकते: यूआईडीएआई

यूआईडीएआई ने इसके साथ चेतावनी भी दी कि अगर बच्चों को आधार के बिना दाखिला देने से मना किया जाता है तो वह कानून के तहत अवैध होगा और ऐसा करने की अनुमति नहीं है.

बाज़ार वीडियो गेम्स के ज़रिये कब बच्चों की ज़िंदगी से खेलने लगा, पता ही नहीं चला

रूस में बने 'द ब्लू व्हेल चैलेंज' सुसाइड गेम ने दुनियाभर में लगभग 300 जानें ली हैं और अब भारत में भी इसका असर दिखने लगा है.

ख़राब हालात वाले सरकारी स्कूलों को निजी कंपनियों को सौंप देना चाहिए: नीति आयोग

नीति आयोग ने सिफारिश की है कि इस बात संभावना तलाशनी चाहिए कि क्या निजी क्षेत्र प्रति छात्र के आधार पर सार्वजनिक वित्त पोषित सरकारी स्कूल को अपना सकते हैं.

आठ सालों में देश में पांच साल की उम्र से पहले ही हुई 1.13 करोड़ बच्चों की मौत

वर्ष 2008 से 15 के बीच हर घंटे औसतन 89 नवजात शिशुओं की मृत्यु होती रही है. 62.40 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु जन्म के 28 दिनों के भीतर हुई.

हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा, बच्चों की मौत की असली वजह बताओ

कोर्ट ने कहा, 'ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, सही तथ्य सामने आने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. कोर्ट के आदेश से पहले मौत के कारणों पर सरकार का जवाब आना ज़रूरी है.'

क्या स्कूल में फेल करने से बच्चे ज़िंदगी में ‘पास’ हो जाएंगे?

शिक्षा के अधिकार अधिनियम को पिछले सात साल में ठीक ढंग से लागू किया गया या नहीं, इसका आकलन किसी ने नहीं किया. सभी ने अपनी नाकामी को बच्चों पर थोप दिया और बच्चों की किसी ने पैरवी तक नहीं की.