सीबीआई द्वारा अपने चार अधिकारियों ख़िलाफ़ एफआईआर में बताया गया है कि एक आरोपी इंस्पेक्टर को उनके दो वरिष्ठ डिप्टी एसपी से कम से कम 10-10 लाख रुपये प्राप्त हुए, जो हज़ारों करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी की आरोपी दो कंपनियों के लिए काम कर रहे थे.
सीबीआई ने बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने की आरोपी कंपनियों के ख़िलाफ़ जांच में समझौता करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में अपने चार अधिकारियों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हैं, इनमें दो पुलिस उपाधीक्षक शामिल हैं.
पूंजी बाज़ार नियामक सेबी ने एनडीटीवी के प्रवर्तक प्रणय और राधिका रॉय और प्रवर्तक समूह कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड कुछ क़र्ज़ समझौतों के बारे में शेयरधारकों से कथित तौर पर खुलासा नहीं किए जाने के कारण 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
साल 2011 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना हजारे की अगुवाई में चले लोकपाल आंदोलन के बाद साल 2013 में इसे लेकर क़ानून बनाया गया था, लेकिन केंद्र समेत कई राज्यों में समय पर नियुक्ति न होने और फंड की कमी जैसे कारणों के चलते यह दयनीय स्थिति में है.
वीडियो: आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार ऐसा कहा गया है कि पिछले साढ़े छह सालों में मोदी सरकार ने सूचना का अधिकार क़ानून को बेजान करके भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को कमज़ोर किया है. इस बारे में विस्तार से बता रही हैं सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज.
पीटर मुखर्जी का 2018 में दिया यह बयान दिखाता है कि ईडी के आरोपों के अनुसार जो रिश्वत कार्ति चिदंबरम को दी गई थी, वह असल में मुकेश अंबानी की एक फर्म के लिए थी. हालांकि यह साफ नहीं है कि मोदी सरकार की इस प्रमुख जांच एजेंसी ने यह जानकारी मिलने के बाद क्या कदम उठाया था.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रणय और राधिका रॉय को 12 साल पहले इनसाइडर ट्रेडिंग गतिविधियों से अवैध तरीके से कमाए गए 16.97 करोड़ रुपये लौटाने को भी कहा है.
भ्रष्टाचार पर नज़र रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ ने यह अध्ययन 17 देशों में किया और इसमें कुल मिलाकर क़रीब 20,000 नागरिकों को शामिल किया गया. भारत में उन लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है, जो लोक सेवाओं का उपयोग करने के लिए निजी संपर्कों का उपयोग करते हैं.
औरंगाबाद ज़िले के गंगापुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रशांत बांब गंगापुर सहकारी चीनी मिल के अध्यक्ष भी हैं. आरोप है कि उन्होंने 15 लोगों के साथ मिलकर चीनी मिल से जुड़े एक मामले में किसानों द्वारा जमा की गई नौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि कथित रूप से अन्य लोगों के बैंक खातों में जमा की.
राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल चौधरी भागलपुर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे. असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किए जाने के मद्देनजर उन्हें 2017 में नीतीश कुमार नीत जदयू से निलंबित कर दिया गया था.
लोकपाल के अनुसार, कुल शिकायतों में से 1,347 का निस्तारण किया गया. इनमें से 1,152 शिकायतें लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर की थीं. शिकायतों में से 245 शिकायतें केंद्र सरकार के अधिकारियों के विरुद्ध थीं.
बीते दिनों गोवा के लोकायुक्त पद से रिटायर हुए जस्टिस प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने उनके साढ़े चार साल के कार्यकाल में जिन लोक अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफारिश की, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर मौजूदा विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास अपने आदेशों को लागू करने की शक्तियां नहीं थीं.
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने पिछले हफ्ते संसद में रखी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल 2016 में रक्षा ख़रीद नीति में बदलाव किया गया था, जिसके तहत रफाल विमानों का निर्माण करने वाली कंपनी को सितंबर 2016 में अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के समय एक ऑफसेट पार्टनर घोषित करने की आवश्यकता नहीं थी.
केंद्रीय सतर्कता आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसे साल 2019 में विभिन्न श्रेणियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ख़िलाफ़ 81,494 शिकायतें मिलीं, जिनमें 16,291 शिकायतें दिल्ली के स्थानीय निकायों के ख़िलाफ़ थीं.
सीवीसी की एक हालिया रिपोर्ट हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के पास भ्रष्टाचार से संबंधित 6,226 मामलों की सुनवाई लंबित है और इनमें से 182 मामलों की सुनवाई तो 20 साल से भी अधिक समय से लंबित है.