शौकत आपा ज़िंदाबाद…

वरिष्ठ कलाकार शौकत कैफ़ी को याद कर रही हैं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली. सुभाषिनी फिल्म उमराव जान की कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर थीं, जिसमें शौकत कैफ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका थी.

शौकत कैफ़ी: फ़क़त बहार नहीं हासिल-ए-बहार

बेपनाह प्रेम के एहसास में हर तरह के अभाव से लड़ते हुए जीवन की जद्दोजहद से कभी हौसला न हारने वाली शौकत कैफ़ी की पूरी ज़िंदगी एक इंक़लाबी किताब है. असीमित उड़ान के सपने देखने वालों के लिए वे ख़ुद एक संस्मरण हैं.

ख़य्याम की धुनें कहानी का मुकम्मल किरदार हैं…

ख़य्याम ने जितनी फिल्मों के लिए काम किया उससे कहीं ज़्यादा फिल्मों को मना किया. एक-एक गाने के लिए वो अपनी दुनिया में यूं डूबे कि जब ‘रज़िया सुल्तान’ की धुन बनाई तो समकालीन इतिहास में तुर्कों को ढूंढा और और ‘उमराव जान’ के लिए उसकी दुनिया में जाकर अपने साज़ को आवाज़ दी.

भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार ख़य्याम का निधन

92 वर्ष के संगीतकार ख़य्याम ने सोमवार रात 9:30 बजे अंतिम सांस ली. फेफड़ों में संक्रमण के चलते उन्हें 10 दिन पहले मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.