हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि देरी से वेतन देना नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में चलन बन गया है. बीते कुछ समय में हिंदू राव के अलावा नॉर्थ एमसीडी के राजन बाबू टीबी अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल में तनख़्वाह में देरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर्स के गठन जायज़ ठहराते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन क़ानून के तहत एक क़ानूनी कोष यानी नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड के होने मात्र से स्वैच्छिक दान के लिए अलग कोष के सृजन पर रोक नहीं है.
पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली बहुत ही अपारदर्शी है और इसे आरटीआई एक्ट के दायरे से भी बाहर कर दिया गया, जिसके कारण पता नहीं चल पा रहा है कि वाकई ये फंड किस तरह से काम कर रहा है, कौन इसमें डोनेशन दे रहा है और इसमें प्राप्त राशि को किन-किन कार्यों में ख़र्च किया जा रहा है?
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले हिंदू राव अस्पताल की नर्सों, लैब तकनीशियनों और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने तीन महीने का वेतन नहीं मिलने पर धरना दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले सप्ताह तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपनी सेवाएं समाप्त कर देंगे.
उन लोगों के लिए ये राहत भरा क़दम हो सकता है जो उचित पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं होने के कारण पीएमएनआरएफ और पीएम केयर्स फंड में अनुदान देने को लेकर संशय की स्थिति में थे.
करीब 15 साल पहले पारित किए गए आपदा प्रबंधन अधिनियम में ये प्रावधान दिया गया है कि आम जनता या संस्थान नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) में अनुदान दे सकते हैं, लेकिन इसे लेकर अब तक कोई अकाउंट नहीं बनाया गया है. पीएम केयर्स के विपरीत इस फंड पर आरटीआई एक्ट लागू है और इसकी ऑडिटिंग कैग करता है.
याचिका में कहा गया है कि चूंकि पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली अपारदर्शी है और इसे आरटीआई एक्ट के दायरे से भी बाहर रखा गया है, इसलिए इसमें प्राप्त धनराशि को एनडीआरएफ में ट्रांसफर किया जाए, जिस पर आरटीआई एक्ट भी लागू है और इसकी ऑडिटिंग कैग करता है.
21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक भारतीय की मृत्यु भी बेचैन करने वाली है लेकिन यह भी सच है कि हम उन देशों में से एक है जहां कम से कम मौतें हुई हैं. हालांकि दुनिया भर में कोविड-19 से हुई सर्वाधिक मौतों की सूची में भारत नौवें स्थान पर है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की बेवसाइट में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड का वित्तीय वर्ष के अंत में एक ऑडिट किया जाएगा और यह 27 मार्च, 2020 को नई दिल्ली में एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया गया था.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिलने की शिकायतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले क़रीब 3,000 डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को तीन महीने से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टरों के विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुके हैं.
पीएम केयर्स फंड में प्राप्त हुई राशि और इसके ख़र्च का विवरण सार्वजनिक करने से मना करने के बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने फंड में अनुदान को कर मुक्त करने और इसे सीएसआर ख़र्च मानने के संबंध में दस्तावेज़ों का खुलासा करने से मना कर दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएम केयर्स फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और इसका कैग से ऑडिट कराने की मांग की गई है. केंद्र की ओर से दलील दी गई है कि ये याचिका ख़ारिज कर दी जानी चाहिए, क्योंकि ऐसी ही एक याचिका को अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी.
आरटीआई के तहत पीएम केयर्स फंड से जुड़े पत्राचार की प्रति, फंड में प्राप्त हुए कुल अनुदान, इस फंड से खर्च की गई राशि और उन कार्यों का विवरण जिसमें पैसे खर्च किए गए हैं, ये सभी सूचनाएं मांगी गई थीं. पीएमओ ने कहा कि ये जानकारी नहीं दी सकती क्योंकि पीएम केयर्स आरटीआई एक्ट के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
द वायर ने पीएम केयर्स खाते में प्राप्त कुल अनुदान, खाते से निकाली गई राशि, अनुदान प्राप्ति और पैसा निकासी के संबंध में पीएमओ के साथ पत्राचार और पीएम केयर्स खाता को बनाने से जुड़े दस्तावेजों को मुहैया कराने की मांग की थी.