अरुंधति रॉय वाली ख़बर फ़र्ज़ी थी तो भी मुझे कोई खेद नहीं है: परेश रावल

परेश रावल ने कहा, 'अगर उन्हें सेना की जीप से बांधा जाता तो पथराव करने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर हमला नहीं करता क्योंकि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करती हैं.'

सत्ता का विरोध देशद्रोह घोषित किया जा चुका है

पहले भी सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या की जाती थी. इनकी हत्या में सत्ताधारी सांसद और पुलिस अधिकारी भी शामिल होते थे. लेकिन पहले यह सब चुपचाप होता था. अब नया राजनीतिक माहौल ऐसा है कि अपराधी अपनी मंशाएं खुलेआम ज़ाहिर कर सकते हैं.