ज्ञानपीठ ने साहित्य से फेर ली पीठ

ज्ञानपीठ पुरस्कार की 2023 के लिए की गई ताज़ा घोषणा में चर्चित अमृतकाल की अनुगूंज साफ़ सुनी जा सकती है. अकादमियां तो सरकार की छाया में काम करती हैं इसलिए जब-तब शायद विचलित हो जाएं, मगर साहित्य समुदाय में ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा ने बड़ी हलचल पैदा की है. सवाल उठने लगे हैं कि क्या ज्ञानपीठ ने समझौते का रास्ता चुन लिया है?

लेखक-गीतकार गुलज़ार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार

यह 1965 से भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष दिए जाने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार का 58वां संस्करण है. यह भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसकी स्थापना 1944 में हुई थी. यह पुरस्कार दूसरी बार संस्कृत के लिए और पांचवीं बार उर्दू के लिए दिया जा रहा है.

महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाने वाले अभिनेता गूफी पेंटल का निधन

एक अभिनेता होने के अलावा गूफी पेंटल ने कुछ टीवी शो और एक फिल्म का निर्देशन भी किया था. बीआर फिल्म्स के साथ वह एसोसिएट डायरेक्टर, कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिज़ाइनर के रूप में भी काम कर चुके थे.

यश चोपड़ा: संघ की शाखा से निकला रोमांटिक फिल्मकार

एक शाम किशोर यश चोपड़ा की भाभी ने खाना बनाने के लिए तंदूर में ज्यों-ही आग लगाई, एक बड़े विस्फोट से समूचा घर दहल उठा. तंदूर में यश ने दंगों में इस्तेमाल के लिए बनाए बम छिपाए हुए थे.