बीते नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हज़ारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की इस्तीफ़े की मांग को लेकर सड़कों पर हैं. ऐसे इसलिए क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि ख़त्म हो गई है और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. प्रधानमंत्री के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया था. हमले में कम से कम 138 लोग घायल हो गए.
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के सभी कैबिनेट मंत्रियों ने रविवार देर रात तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया. देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद करने के लिए राष्ट्रपति राजपक्षे ने संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों को मंत्री पद स्वीकार करने के लिए कहा है, लेकिन विपक्ष ने इस पूरी कवायद को नाटक करार दिया है.
श्रीलंकाई पुलिस ने कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर देश के पश्चिमी प्रांत में 664 लोगों को गिरफ़्तार किया है. वहीं, सरकार ने सोशल मीडिया तक जनता की पहुंच को समाप्त करने के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने का आदेश दिया है और लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी है. दूसरी ओर, विपक्षी सांसदों ने भी आपातकाल लगाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया और विरोध मार्च निकाला.
श्रीलंका वर्तमान में ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है और ईंधन, रसोई गैस तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. इसके ख़िलाफ़ देश में प्रदर्शन जारी हैं. आपातकाल की घोषणा उस समय की गई है, जब अदालत ने राष्ट्रपति आवास के सामने प्रदर्शन के लिए गिरफ़्तार प्रदर्शनकारियों के एक समूह को ज़मानत दे दी है.
अमेरिका की फोर्ड मोटर कंपनी ने भारत में अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद करने और केवल आयातित वाहनों को ही बेचने की घोषणा की है. कंपनी के इस फैसले से क़रीब 4,000 कर्मचारी और ऐसे 150 डीलर प्रभावित होंगे, जो लगभग 300 बिक्री केंद्रों का कामकाज संभालते हैं.
अमेरिका की फोर्ड मोटर कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह देश के अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद कर देगी और केवल आयातित वाहनों को ही बेचेगी. कंपनी के इस फैसले से क़रीब 4,000 कर्मचारी और ऐसे 150 डीलर प्रभावित होंगे, जो लगभग 300 बिक्री केंद्रों का कामकाज संभालते हैं.
वीडियो: भारत की जनता महंगाई की मार झेल रही है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल जनवरी से सितंबर तक रसोई गैस के दाम 190 रुपये तक बढ़ गए, वहीं पेट्रोल के दाम 100 के पार भी गए. इस बीच भाजपा के नेताओं और मंत्रियों के अजब-गजब बयान आते रहे. सरकार में आने से पहले और बाद में भाजपा मंत्रियों और नेताओं के बयानों को सुना जाना चाहिए.