गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित हिंदू जनजागृति समिति के सम्मेलन में कहा गया है कि केवल उन्हीं उम्मीदवारों का समर्थन करें, जो देश में गोहत्या पर प्रतिबंध, धर्मांतरण विरोधी क़ानून और हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू धर्म और हिंदू जीवनशैली का मज़ाक उड़ाने वालों को दंडित करने के लिए क़ानून को सख़्त बनाने का समर्थन करते हैं.
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने इस आधार पर आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए काम करने वाले संगठन ‘अभिनव भारत’ की बैठकों में हिस्सा लिया, जिसमें मालेगांव धमाके की साज़िश रची गई थी.
हरियाणा के अंबाला शहर में हुए आयोजन का कथित वीडियो ट्विटर पर शेयर किया गया है, जिसमें सुदर्शन न्यूज़ के प्रमुख सुरेश चव्हाणके, शहर विधायक असीम गोयल और अन्य को कहते सुना जा सकता है कि हम हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ लेते हैं. इन लोगों ने इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर ‘बलिदान देने या लेने’ की भी बात कही.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में सुदर्शन टीवी के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके दिल्ली में 19 दिसंबर को आयोजित हिंदू युवा वाहिनी के एक कार्यक्रम में यह शपथ दिलाते नज़र आ रहे हैं.
स्वतंत्रता के आंदोलन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं रही. आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा लेने का उनका कोई इतिहास नहीं है इसीलिए वो समाजवाद के इतिहास को भी मिटाना चाहते हैं.
कांग्रेस, राजद, बसपा, तृणमूल और सपा जैसे दलों को भ्रष्टाचार के घेरे में लेकर यह सिद्ध किया जा रहा है कि उनकी सारी धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार को ढंकने का एक आवरण है.
‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’
यूपी के चुनावों की जीत ने हिंदुत्व की ताकतों को यह आत्मविश्वास दिया है कि वह अपने बुनियादी सांस्कृतिक एजेंडे को लेकर अब अस्पष्टता न रखें बल्कि खुलकर सामने आएं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ की नियुक्ति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा और इसके पालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंडा सिर्फ़ चुनावी जीत हासिल करने तक सीमित नहीं है. वे इससे बहुत आगे की सोच रहे हैं.